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Lokmat Parliamentary Awards 2023: पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी को मिला 'लाइफ टाइम अचीवमेंट' अवार्ड, नितिन गडकरी के हाथों मिला सम्मान

By अंजली चौहान | Updated: February 6, 2024 17:10 IST

Lokmat Parliamentary Awards 2023: सर्वाधिक विश्वसनीय और प्रतिष्ठित ‘लोकमत’ संसदीय पुरस्कारों का पांचवां पुरस्कार समारोह में मेनका गांधी को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से नवाजा गया है।

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Lokmat Parliamentary Awards 2023: राजधानी दिल्ली में आयोजित लोकमत पार्लियामेंट्री अवार्ड 2023 के पांचवे संस्करण के पुरस्कार वितरण का आयोजन आज किया गया है। इसमें केंद्रीय सड़क परिवहन और राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के हाथों पुरस्कारों का वितरण किया जा रहा है। इस समारोह में राजनीतिक जगत के कई दिग्गज शामिल हुए हैं। इस मौके पर दिग्गज नेता मेनका गांधी को पुरस्कार से नवाजा गया है। उन्होंने अपने राजनीतिक सफर में कई उल्लेखनीय कार्य किए हैं। मेनका गांधी को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से नवाजा गया है। 

गौरतलब है कि आठ अलग-अलग श्रेणियों में इस साल यानी 2023 के ‘लोकमत’ संसदीय पुरस्कारों के लिए 8 सांसदों का चयन किया गया है। राज्यसभा से समाजवादी पार्टी के नेता प्रो. रामगोपाल यादव, बीजू जनता दल के डाॅ. सस्मित पात्रा, भाजपा की सरोज पांडे और माकपा के जॉन ब्रिटास को पुरस्कृत किया जाएगा। लोकसभा से डॉ. शशि थरूर, पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी, अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल और बसपा के कुंवर दानिश अली को उनके योगदान के लिए चुना गया है। 

एक भारतीय राजनीतिज्ञ होने के साथ ही वह पशु अधिकार कार्यकर्ता और पर्यावरणविद् हैं। भारतीय संसद के निचले सदन लोकसभा की सदस्य और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सदस्य हैं। गांधी परिवार से नाता रखने वाली मेनका गांधी दिवगंत भारतीय राजनीतिज्ञ संजय गांधी की पत्नी हैं। वह चार सरकारों में मंत्री रही हैं, सबसे हाल ही में मई 2014 से मई 2019 तक नरेंद्र मोदी की सरकार में।

राजनीतिक के साथ ही उन्होंने कई किताबें भी लिखीं है जिनमें कानून और पशु कल्याण के क्षेत्रों में कई किताबें लिखीं गई है। 

मेनका गांधी उत्तर प्रदेश की सुल्तानपुर लोकसभा सीट से सांसद और एक प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता और पशु अधिकार कार्यकर्ता हैं। 26 अगस्त, 1956 को दिल्ली में जन्मी वह एक समृद्ध राजनीतिक विरासत वाले परिवार से हैं। 

मेनका का राजनीति में प्रवेश 1980 के दशक के अंत में शुरू हुआ जब उन्होंने एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में अमेठी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। हालाँकि, उनकी राजनीतिक यात्रा को वास्तव में गति तब मिली जब वह 2004 में भाजपा में शामिल हुईं। तब से, वह पार्टी का एक प्रमुख चेहरा रही हैं।

मेनका गांधी ने पशु क्रूरता निवारण अधिनियम सहित कई पशु कल्याण कानूनों की स्थापना और कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके प्रयासों के परिणामस्वरूप जानवरों के लिए बेहतर सुरक्षा, बेहतर रहने की स्थिति और पशु दुर्व्यवहार के खिलाफ सख्त नियम सामने आए हैं।

बता दें कि लोकमत पार्लियामेंटरी अवार्ड समिति के अध्यक्ष एवं लोकसभा के पूर्व महासचिव एवं संविधान विशेषज्ञ डाॅ. सुभाष कश्यप की अध्यक्षता वाली जूरी ने संसदीय पुरस्कारों के लिए राज्यसभा और लोकसभा से चार-चार सांसदों का चयन किया। इस जूरी में लोकमत मीडिया समूह के एडिटोरियल बोर्ड के चेयरमैन एवं पूर्व सांसद डाॅ. विजय दर्डा, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीररंजन चौधरी, सांसद भवतृहरि महताब, सांसद सी. आर. पाटिल, सांसद एन. के. प्रेमचंद्रन, सांसद तिरुचि शिवा, सांसद डॉ. रजनी पाटिल, एबीपी न्यूज के कार्यकारी उपाध्यक्ष राजीव खांडेकर और लोकमत समूह के राष्ट्रीय संपादक हरीश गुप्ता शामिल थे।

‘लोकमत’ संसदीय पुरस्कारों के विजेताओं का चयन करने के लिए जूरी पैनल ने वर्ष 2023 के दौरान लोकसभा के साथ-साथ राज्यसभा में सभी सांसदों के प्रदर्शन का अध्ययन किया। संसद के दोनों सदनों में सांसदों के सकारात्मक प्रदर्शन की समीक्षा करने और उन्हें वर्ष के दौरान प्रोत्साहित करने के लिए 2017 में ‘लोकमत’ संसदीय पुरस्कार की अवधारणा अस्तित्व में आई। तत्कालीन उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने पुरस्कार प्रदान किए। उसके बाद कोरोना संकट के कारण वर्ष 2020 और 2021 में पुरस्कार समारोह आयोजित नहीं किया जा सका। 2022 के विजेता सांसदों को पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ‘लोकमत’ संसदीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

पिछले विजेता

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, ‘भारत रत्न’ लालकृष्ण आडवाणी, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राकांपा अध्यक्ष शरद पवार, डॉ. मुरली मनोहर जोशी, स्व. मुलायम सिंह यादव, गुलामनबी आजाद, भातृहरि महताब, सौगत राय, स्व. शरद यादव, सीताराम येचुरी, जया बच्चन, तिरुचि शिवा, निशिकांत दुबे, सुप्रिया सुले, हेमामालिनी, भारती पवार, सुष्मिता देव, मीनाक्षी लेखी, डॉ. रजनी पाटिल, डेरेक ओ’ब्रायन, वंदना चव्हाण, मनोज झा, असदुद्दीन ओवैसी, तेजस्वी सूर्या, लॉकेट चटर्जी, एन. के. प्रेमचंद्रन, रमा देवी, कनिमोली, छाया वर्मा, विप्लव ठाकुर, कहकशा परवीन को ‘लोकमत’ संसदीय पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।

टॅग्स :लोकमत पार्लियामेंट्री अवार्डमेनका गाँधीManeka Gandhi Former Union
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