लाइव न्यूज़ :

नवीन पटनायक: मृदु मुस्कान के पीछे छिपे सख्त राजनेता, जिसने लिख दिया ओडिशा के इतिहास का नया अध्याय

By भाषा | Updated: May 23, 2019 21:57 IST

नवीन पटनायक ने 1997 में बीजू पटनायक के निधन के बाद पार्टी की कमान संभाली और दो दशक बाद एक बार फिर लगातार पांचवीं बार ओडिशा के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। उनके मार्गदर्शन में बीजू जनता दल एक बार फिर शानदार जीत दर्ज करने जा रहा है।

Open in App

लेखक, कलाप्रेमी और चतुर राजनीतिज्ञ नवीन पटनायक ऊपर से भले ही शांत दिखते हों लेकिन विरोधियों, पार्टी के बागियों के साथ ही कुदरती और सियासी तूफानों से निपटने का शऊर उन्हें बखूबी आता है और यह उनकी सफलता की कुंजी भी रहा है। अपने पिता और ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री बीजू पटनायक की विरासत संभालने वाले नवीन की पहचान शुरूआत में उनके बेटे के रूप में ही रही। 

उड़िया भी ठीक से नहीं बोल पाने वाले नवीन ने 1997 में बीजू पटनायक के निधन के बाद पार्टी की कमान संभाली और दो दशक बाद एक बार फिर लगातार पांचवीं बार ओडिशा के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। उनके मार्गदर्शन में बीजू जनता दल एक बार फिर शानदार जीत दर्ज करने जा रहा है। ओडिशा के मुख्यमंत्री के रूप में पहली बार 2000 में शपथ लेने वाले पटनायक का सामना चिटफंड घोटाले से लेकर खनन घोटाले समेत कई विवादों से हुआ लेकिन अपने राज्य में वह निर्विवादित रूप से सबसे लोकप्रिय नेता बने रहे।

‘ईमानदार और स्वच्छ’ नेता की अपनी छवि के दम पर पटनायक भाजपा की कड़ी चुनौती का मुकाबला करने में कामयाब रहे। विशेषज्ञों की राय में इस चुनाव के बाद वह अकेले प्रांतीय छत्रप रह गए हैं। अपने पिता की लोकसभा सीट अस्का से 1997 में चुनाव लड़कर नवीन ने राजनीति में कदम रखे। एक साल बाद जनता दल टूट गया और पटनायक ने बीजू जनता दल बनाया। उन्होंने भाजपा के साथ गठबंधन किया और 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे। वह 1998 और 1999 में अस्का से फिर चुने गए। 

भाजपा-बीजद गठजोड़ ने 2000 में राज्य विधानसभा चुनाव जीते तो पटनायक मुख्यमंत्री बने। इसके बाद 2004 में भी वह सत्ता में आये। विहिप नेता स्वामी लक्ष्मणनंदा सरस्वती की हत्या के बाद हुए कंधमाल दंगों से दोनों दलों में मतभेद पैदा हुआ। पटनायक ने 2009 आम चुनाव और विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा से नाता तोड़ दिया। यह राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में उनका ‘मास्टरस्ट्रोक’ साबित हुआ और उनका कद प्रदेश में बढ़ा। 

बीजद ने लोकसभा में 21 में से 14 और विधानसभा में 147 में से 103 सीटें जीती। उसके बाद से पटनायक ने कई तूफान झेले जिनमें 2012 में उनकी ही पार्टी के नेताओं द्वारा कथित तख्तापलट का प्रयास शामिल था जब वह विदेश में थे। उस तूफान में वह और निखरकर उभरे। बीजद ने 2014 में मोदी लहर के बावजूद रिकार्ड जीत दर्ज की। उनकी पार्टी ने 147 में से 117 सीटें और लोकसभा में 21 में से 20 सीटें जीती। पटनायक की नरम मुस्कान के पीछे आधुनिक राजनीति का सख्त धुरंधर छिपा है। 

उन्होंने विजय महापात्रा, प्यारे मोहन महापात्रा, करीबी सहयोगी बैजयंत पांडा और दामोदर राउत जैसे बागियों को भी नहीं बख्शा। ओडिशा के लोगों के दिलों में पटनायक की खास जगह है। एक रूपये किलो चावल और पांच रूपये में खाने की उनकी योजनायें काफी लोकप्रिय रही। उन्होंने 2019 चुनाव से पहले महिलाओं के लिये 33 प्रतिशत आरक्षण का समर्थन किया और उसे लागू भी किया। उन्होंने भाजपा और कांग्रेस दोनों से दूरी बनाये रखते हुए संकेत दिया कि ओडिशा के हितों की रक्षा करने वाले किसी भी गठबंधन का समर्थन करने को वह तैयार हैं। कई किताबें लिख चुके पटनायक ने विधानसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन करके ओडिशा के इतिहास का एक नया अध्याय लिख डाला है जिसके महानायक वह खुद हैं।

टॅग्स :लोकसभा चुनावलोकसभा संसद बिलभारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)नरेंद्र मोदीअमित शाहभारतीय राष्ट्रीय कांग्रेसराहुल गांधी
Open in App

संबंधित खबरें

भारतजीवन रक्षक प्रणाली पर ‘इंडिया’ गठबंधन?, उमर अब्दुल्ला बोले-‘आईसीयू’ में जाने का खतरा, भाजपा की 24 घंटे चलने वाली चुनावी मशीन से मुकाबला करने में फेल

भारतPariksha Pe Charcha 2026: 11 जनवरी तक कराएं पंजीकरण, पीएम मोदी करेंगे चर्चा, जनवरी 2026 में 9वां संस्करण

कारोबारIndiGo Crisis: 7 दिसंबर रात 8 बजे तक सभी यात्रियों को तत्काल पैसा वापस करो?, मोदी सरकार ने दिया आदेश, छूटे हुए सभी सामान अगले 48 घंटों के भीतर पहुंचाओ

भारतPutin Visit India: भारत का दौरा पूरा कर रूस लौटे पुतिन, जानें दो दिवसीय दौरे में क्या कुछ रहा खास

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारत अधिक खबरें

भारतकथावाचक इंद्रेश उपाध्याय और शिप्रा जयपुर में बने जीवनसाथी, देखें वीडियो

भारत2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव, 2025 तक नेता प्रतिपक्ष नियुक्त नहीं?, उद्धव ठाकरे ने कहा-प्रचंड बहुमत होने के बावजूद क्यों डर रही है सरकार?

भारतजमीनी कार्यकर्ताओं को सम्मानित, सीएम नीतीश कुमार ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की

भारतसिरसा जिलाः गांवों और शहरों में पर्याप्त एवं सुरक्षित पेयजल, जानिए खासियत

भारतउत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोगः 15 विषय और 7466 पद, दिसंबर 2025 और जनवरी 2026 में सहायक अध्यापक परीक्षा, देखिए डेटशीट