नई दिल्ली: कांग्रेस के निष्कासित चल रहे पार्टी के वरिष्ठ नेता रहे आचार्य प्रोमद कृष्णम ने नवरात्रों के बीच राजद नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव द्वारा अपने एक्स हैंडल पर साझा किये गये उस वीडियो को लेकर बेहद तगड़ा हमला बोला है, जिसमें तेजस्वी यादव कथित तौर पर हाथ में मछली पकड़ते हुए देखाई दे रहे हैं।
आचार्य कृष्णम ने बुधवार को एएनआई से बात करते हुए कहा, "सवाल यह नहीं है कि कौन क्या खा रहा है, बल्कि सवाल यह है कि मांसाहार के उस वीडियो को पोस्ट करने के पीछे की मंशा क्या है। तेजस्वी कथित तौर पर मछली खाते हुए वीडियो पोस्ट करके बताना क्या चाहते हैं। क्या यह उनके द्वारा सनातनियों का जानबूझ कर किया गया अपमान था?”
उन्होंने आगे कहा, "उस वीडियो के अलावा एक और वीडियो उनके द्वारा पोस्ट किया गया है, जिसमें तेजस्वी बहुत गर्व से यह घोषणा करते हुए दिखाई दे रहे हैं कि वह एक हिंदू हैं। हालांकि, तेजस्वी का मछली वाला वीडियो यह बेहद निंदनीय है औ उन्हें उस वीडियो के बारे में विस्तार से क्षमायाचना करनी चाहिए।“
मालूम हो कि बीते मंगलवार को अपनी एक्स टाइमलाइन पर साझा किए गए एक वीडियो में तेजस्वी को कथित तौर पर हेलीकॉप्टर पर विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख मुकेश साहनी के साथ मछली पकड़ते देखा गया था। वीडियो में उन्हें यह कहते हुए भी सुना गया कि लोकसभा चुनाव के लिए चल रहे प्रचार चरण में उन्हें खाने के लिए मुश्किल से 10-15 मिनट मिलते हैं।
राजद नेता को वीडियो में यह कहते हुए भी सुना गया कि बाहर की भीषण गर्मी के कारण, वह बाहर प्रचार करते समय अपने साथ छाछ, स्टोन एप्पल (बेल) का रस, सत्तू (बेसन) और तरबूज का रस ले जाते हैं। उन्होंने वीडियो को कैप्शन के साथ टैग किया जिसमें लिखा था, "चुनाव की हलचल के बीच हेलीकॉप्टर में खाना! दिनांक- 08/04/2024।"
इससे पहले बुधवार को बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने तेजस्वी पर 'तुष्टिकरण की राजनीति' करने का आरोप लगाते हुए जमकर निशाना साधा था। गिरिराज सिंह ने कहा, "तेजस्वी यादव 'मौसमी सनातनी' हैं, जब उनके पिता लालू यादव सत्ता में थे, तब कई लोग, चाहे वे रोहिंग्या हों या बांग्लादेशी घुसपैठिए यहां आए थे। इसलिए, वे सनातन मुखौटा पहनकर तुष्टिकरण की राजनीति करते हैं।"
हालांकि वीडियो पर उपजे विवाद के बीच तेजस्वी ने भाजपा पर पलटवार करते हुए स्पष्ट किया कि वीडियो नवरात्र शुरू होने से एक दिन पहले 8 अप्रैल को पोस्ट किया गया था।
उन्होंने कहा, "मैंने यह वीडियो बीजेपी और गोदी मीडिया के आईक्यू को परखने के लिए अपलोड किया था और मेरी सोच सही साबित हुई। पोस्ट में स्पष्ट रूप से तारीख का उल्लेख है लेकिन अंधभक्तों को क्या पता है?"