UP bypolls: 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए कड़ी टक्कर होगी, विधायक बने सांसद, अब सपा-भाजपा में फिर होगी टक्कर
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: June 15, 2024 02:46 PM2024-06-15T14:46:53+5:302024-06-15T14:48:36+5:30
इन सीटों में अखिलेश की करहल सीट भी शामिल है। अयोध्या की मिल्कीपुर सीट के लिए भी चुनाव होंगे जहां समाजवादी पार्टी के मौजूदा विधायक अवधेश प्रसाद ने फैजाबाद (अयोध्या) लोकसभा सीट पर बीजेपी को करारी शिकस्त दी।
UP bypolls: लोकसभा चुनावों के बाद अब उत्तर प्रदेश में अगले कुछ महीनों में 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए भी कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी। चुनावों में नौ विधायक विभिन्न लोकसभा क्षेत्रों से विजयी हुए हैं। यूपी में सत्तारूढ़ भाजपा के साथ-साथ प्रमुख विपक्षी समाजवादी पार्टी (सपा) ने इन विधायकों को सांसदी के चुनाव में मैदान में उतारा था। इनमें से कुछ ने अपनी लोकसभा सीटें बरकरार रखने के लिए पहले ही विधानसभा से इस्तीफा दे दिया है और बाकी आने वाले दिनों में ऐसा करेंगे।
इन सीटों में अखिलेश की करहल सीट भी शामिल है। अयोध्या की मिल्कीपुर सीट के लिए भी चुनाव होंगे जहां समाजवादी पार्टी के मौजूदा विधायक अवधेश प्रसाद ने फैजाबाद (अयोध्या) लोकसभा सीट पर बीजेपी को करारी शिकस्त दी। सिशामऊ विधानसभा सीट भी खाली होने जा रही है क्योंकि हाल ही में आगजनी के एक मामले में सात साल की कैद की सजा सुनाए जाने के बाद यहां के सपा विधायक इरफान सोलंकी की सदन की सदस्यता खत्म होने वाली है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव में जीती गई कन्नौज संसदीय सीट को बरकरार रखने के लिए अपनी करहल विधानसभा सीट पहले ही खाली कर दी है।
अनुमान लगाया जा रहा है कि अयोध्या में मिल्कीपुर के लिए एक आक्रामक मुकाबला होगा। इनमें से कुछ सीटों पर कांग्रेस की भी नजर है। फिलहाल सभी पार्टियों के सामने मुख्य काम इन सीटों पर जल्द से जल्द अपने उम्मीदवारों का चयन करना है।
करहल सीट पर मुकाबला रोचक हो सकता है। अखिलेश ने 2022 में बीजेपी उम्मीदवार एसपी सिंह बघेल को करीब 67,000 वोटों के भारी अंतर से हराकर यह सीट जीती थी। बघेल को आगरा से भाजपा सांसद के रूप में फिर से चुना गया है और भाजपा द्वारा नई पार्टी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में केंद्रीय मंत्री बनाया गया है।
जिन सीटों पर उपचुनाव होंगे उनमें कठेरी भी शामिल है, जिसके सपा विधायक लालजी वर्मा ने अंबेडकरनगर लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार रितेश पांडे को हराकर जीत हासिल की है।
इस सीट पर बीजेपी की एनडीए सहयोगी निषाद पार्टी की नजर हो सकती है, क्योंकि उसके उम्मीदवार अवधेश कुमार वहां 2022 में करीबी मुकाबले में वर्मा से हार गए थे।
मझवां से विनोद कुमार बिंद के भाजपा के टिकट पर भदोही लोकसभा सीट से सांसद चुने जाने के कारण ये सीट भी खाली है। उपचुनाव के लिए एक और विधानसभा सीट मुरादाबाद में कुंदरकी है। यहां एसपी विधायक जिया-उर-रहमान अब पार्टी के टिकट पर संभल लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए हैं। भाजपा के लिए, खैर विधानसभा सीट भी महत्वपूर्ण होगी। मौजूदा विधायक और राज्य के राजस्व मंत्री अनूप प्रधान वाल्मिकी अब हाथरस (एससी-आरक्षित) लोकसभा सीट से चुने गए हैं।
अन्य भाजपा विधायक जो लोकसभा चुनाव जीत गए हैं और अपनी सीटें खाली कर देंगे, उनमें फूलपुर विधानसभा सीट से प्रवीण पटेल शामिल हैं, जो फूलपुर लोकसभा क्षेत्र से चुने गए हैं। गाजियाबाद विधानसभा सीट से विधायक अतुल गर्ग गाजियाबाद लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुने गए हैं।
उपचुनाव राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) के लिए भी प्रतिष्ठा की लड़ाई होगी। आरएलडी ने 2022 के चुनावों में मीरापुर विधानसभा सीट जीती थी। हालांकि तब सपा से गठबंधन था। रालोद प्रमुख जयंत चौधरी के केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने के बाद इस सीट पर जीत सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी पार्टी को उठानी होगी, भले ही उम्मीदवार रालोद या भाजपा से हो।