Lok Sabha Elections 2024: 3.4 लाख केंद्रीय सुरक्षा जवानों की निगहबानी में दबेगा ईवीएम का बटन, चुनाव आयोग ने सर्वाधिक 920 सीएपीएफ कंपनियों की मांग बंगाल के लिए की
By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: February 15, 2024 14:05 IST2024-02-15T14:00:09+5:302024-02-15T14:05:49+5:30
लोकसभा चुनाव 2024 के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय 3.4 लाख केंद्रीय जवानों को चुनाव आयोग को सुपुर्द करेगा ताकि आयोग आने वाले आम चुनाव को शांत वातावरण में निष्पक्ष तरीके से करा सके।

Lok Sabha Elections 2024: 3.4 लाख केंद्रीय सुरक्षा जवानों की निगहबानी में दबेगा ईवीएम का बटन, चुनाव आयोग ने सर्वाधिक 920 सीएपीएफ कंपनियों की मांग बंगाल के लिए की
नई दिल्ली:लोकसभा चुनाव 2024 के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय 3.4 लाख केंद्रीय जवानों को चुनाव आयोग के सुपुर्द कर सकता है ताकि आयोग आने वाले आम चुनाव को शांत वातावरण में निष्पक्ष तरीके से करा सके।
इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनावों के साथ-साथ आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम में विधानसभा चुनावों के लिए कुल 3.40 लाख केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) कर्मियों को तैनात किए जाने की संभावना है।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार गृह मंत्रालय चुनाव आयोग द्वारा चरणबद्ध तरीके से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अर्धसैनिक बलों की लगभग 3,400 कंपनियों (3.40 लाख जवान) की तैनाती की मांग के प्रस्ताव पर विचार करके जल्द ही सीएपीएफ की तैनाती पर फैसला लेगा ताकि आने वाली नई सरकार के लिए स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित हो सके।
चुनाव आयोग ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य चुनाव अधिकारियों के चुनाव संबंधी कर्तव्यों जैसे क्षेत्र प्रभुत्व, विश्वास निर्माण उपायों, मतदान दिवस से संबंधित कर्तव्यों, सुरक्षा के लिए सीएपीएफ की तैनाती के अनुरोध के बाद गृह मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा है।
आयोग की ओर से बताया गया है कि आगामी आम चुनाव और आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम के विधानसभा चुनावों के दौरान केंद्रीय सुरक्षा बलों की निगरानी में ईवीएम और स्ट्रांग रूम रहेंगे।
गृह मंत्रालय को मिले प्रस्ताव के अनुसार चुनाव आयोग ने गृह मंत्रालय से पश्चिम बंगाल में चुनाव कराने के लिए सर्वाधिक 920 सीएपीएफ कंपनियों की मांग की है, इसके बाद आयोद द्वारा जम्मू-कश्मीर में 635 कंपनियों की मांग की गई है, जहां अनुच्छेद 370 समाप्त होने के बाद पहली बार लोकसभा चुनाव हो रहा है।
इसके अलावा चुनाव के दौरान आयोग ने छत्तीसगढ़ में तैनाती के लिए सीएपीएफ की 360 कंपनियां, बिहार में 295 कंपनिया; उत्तर प्रदेश में 252 कंपनियां, आंध्र प्रदेश, पंजाब और झारखंड में प्रत्येक में 250 कंपनियां, गुजरात, मणिपुर, राजस्थान और तमिलनाडु में प्रत्येक में 200 कंपनियां, ओडिशा में 175 कंपनियां, असम और तेलंगाना में क्रमशः 160 कंपनियां, महाराष्ट्र में 150, मध्य प्रदेश में 113, त्रिपुरा में 100, हरियाणा में 95, अरुणाचल प्रदेश में 75, कर्नाटक, उत्तराखंड और दिल्ली में 70-70, केरल में 66, लद्दाख में 57, हिमाचल प्रदेश में 55, नागालैंड में 48, मेघालय में 45, सिक्किम में 17, मिजोरम में 15, दादरा और नगर हवेली में 14, गोवा में 12, चंडीगढ़ में 11, पुडुचेरी में 10, अंडमान और निकोबार में 5 और लक्षद्वीप में 3 कंपनियों की तैनाती की जाएगी।
हालांकि, गृह मंत्रालय की ओर से चुनाव आयोग को कहा गया है कि आयोग द्वारा मांगी गई सीएपीएफ कंपनियों की तैनाती का फैसला उपलब्धता के आधार पर किया जाएगा।