लाइव न्यूज़ :

दिल्ली: मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में मजबूत मतदान किसके पक्ष में हुआ?

By रोहित कुमार पोरवाल | Updated: May 14, 2019 14:12 IST

दिल्ली के बल्लीमारान में 68.3 फीसदी मतदान हुआ, वहीं मटिया महल और सीलमपुर में क्रमश: 66.9 और 66.5 फीसदी वोटिंग हुई। त्रिलोकपुरी में 65.4 प्रतिशत, मुस्तफाबाद में 65.2 प्रतिशत, बाबरपुर में 62.1 फीसदी और चांदनी चौक में 59.4 फीसदी मतदान हुआ। ओखला में उम्मीद के मुताबिक कम मतदान हुआ। यहां 54.8 फीसदी वोट पड़े।

Open in App
ठळक मुद्देइस बार लोकसभा चुनाव में पहले के मुकाबले कुल वोट प्रतिशत में कमी आई है।दिल्ली के मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में वोट फीसदी में इजाफा किसके पक्ष में हुआ, इस पर सब अलग-अलग राय रख रहे हैं।

इस बार के लोकसभा चुनाव में दिल्ली में कुल 60.5 फीसदी मतदान हुआ। यह मतदान प्रतिशद 2014 के आम चुनाव के 65.1 फीसदी से कम है लेकिन दिल्ली के मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में पहले के मुकाबले मतदान मजबूत बताया जा रहा है। 

दिल्ली के बल्लीमारान में 68.3 फीसदी मतदान हुआ, वहीं मटिया महल और सीलमपुर में क्रमश: 66.9 और 66.5 फीसदी वोटिंग हुई। त्रिलोकपुरी में 65.4 प्रतिशत, मुस्तफाबाद में 65.2 प्रतिशत, बाबरपुर में 62.1 फीसदी और चांदनी चौक में 59.4 फीसदी मतदान हुआ। ओखला में उम्मीद के मुताबिक कम मतदान हुआ। यहां 54.8 फीसदी वोट पड़े। 

टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक ज्यादातर मुस्लिम वोट या तो कांग्रेस या फिर आम आदमी पार्टी में जा रहा है लेकिन दोनों की पार्टियों के अंदरूनी लोगों को चिंता सता रही है कि वोट बंटवारा वास्तव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की मदद कर रहा है। इसी दौरान कांग्रेस काफी आत्मविश्वास में है और कल्पना कर रही है कि लोग एक राष्ट्रीय पार्टी वोट देना पसंद करेंगे।

टीओआई ने लिखा है कि कुछ मतदाताओं ने बातचीत में कहा है कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्ली में कुछ अच्छे काम किए हैं लेकिन लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय मुद्दे महत्व रखते हैं।

विशेषज्ञों ने हालांकि दिल्ली के कुल मतदान फीसदी में गिरावट को लेकर इसे उम्मीदवारों और मतदाताओं के बीच कमजोर कड़ी के तौर पर देखा है। जानकारों के मुताबिक, चुनाव प्रचार के दौरान नेताओं ने अपने उम्मीदवारों को ज्यादा उबरने नहीं दिया और स्थानीय मुद्दों को ठीक से उजागर नहीं किया गया। गर्मी की वजह से भी कुछ लोग वोट डालने के लिए अपने घरों से नहीं निकले।

जानकारों के मुताबिक मध्यमवर्गीय लोगों का वोट तीन पार्टियों के बीच बंटा है। जिन लोगों ने बीजेपी के लिए वोट किया, वे मोदी फैक्टर और राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में पार्टी के मजबूत वादों-दावों से प्रभावित रहे। अन्य लोगों ने शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्रों में आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की है। वहीं, केंद्रीय स्तर बदलाव को लेकर कांग्रेस को मतदाताओं का साथ मिल सकता है।

टॅग्स :लोकसभा चुनावदिल्ली लोकसभा चुनाव 2019दिल्लीआम आदमी पार्टीभारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)कांग्रेसअरविन्द केजरीवाल
Open in App

संबंधित खबरें

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Flights Cancelled: इंडिगो ने दिल्ली से सभी फ्लाइट्स आज रात तक की बंद, यात्रियों के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी

भारतDelhi Traffic Advisory: पुतिन के दौरे को लेकर दिल्ली में ट्रैफिक एडवाइजरी जारी, इन रास्तों पर जाने की मनाही; चेक करें

भारतIndiGo Flight Crisis: 8 एयरपोर्ट पर 100 से ज्यादा उड़ानें रद्द, यहां देखें दिल्ली-मुंबई समेत शहरों की इंडिगो फ्लाइट लिस्ट

भारतPutin visit India: पीएम मोदी और पुतिन के बीच होगा प्राइवेट डिनर, मेजबानी के लिए पीएम तैयार

भारत अधिक खबरें

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक

भारतBihar: तेजप्रताप यादव ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम हुआ लंदन के वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज, संस्थान ने दी बधाई

भारत‘पहलगाम से क्रोकस सिटी हॉल तक’: PM मोदी और पुतिन ने मिलकर आतंकवाद, व्यापार और भारत-रूस दोस्ती पर बात की