Lok Sabha Election Result 2024: मायावती की कैप्टनशिप में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) दूसरी बार लोकसभा के चुनाव में एक भी सीट जीतने में सफल नहीं हुई है. पहली बार वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के दौरान बसपा का खाता नहीं खुला था. इसके बाद इस चुनाव में देश भर में चुनाव लड़े बसपा के 424 उम्मीदवारों में से एक भी चुनाव जीतने में सफल नहीं हुआ. यहीं नहीं बसपा का वोट प्रतिशत इस चुनाव में बीते लोकसभा चुनाव से बहुत घट गया. इस चुनाव में बसपा को 9.06 प्रतिशत वोट मिलें. जबकि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव जब सपा के साथ बसपा ने चुनाव लड़ा था, तब बसपा को 19.06 प्रतिशत वोट मिले थे और उसके 10 उम्मीदवार चुनाव जीतकर संसद में पहुंचे थे. परंतु इस बार ऐसा कुछ नहीं हुआ.
मुस्लिम प्रत्याशी भी नहीं पाए वोट
यूपी और उत्तराखंड में बसपा अकेले चुनाव लड़ी और उसका कोई फायदा बसपा को नहीं हुआ. उस कोर दलित वोट भी अन्य दलों खासकर इंडिया गठबंधन के प्रत्याशियों को मिला. यही नहीं यूपी में बसपा के 22 मुस्लिम उम्मीदवारों को भी मुस्लिम समाज का वोट नहीं मिला. बसपा के दलित और मुस्लिम वोटों के बिखरने तथा यूपी में मिली करारी शिकस्त के अब कारण तलाशे जा रहे है.
कहा जा रहा है कि बसपा की हार की प्रमुख सात वजहों के अलावा एक वजह मायावती के हाथ और आकाश आनंद पर चुनाव के दौरान लिया गया एक्शन भी है. पार्टी नेताओं का कहना है कि इस चुनाव में पार्टी की हार की प्रमुख वजह कार्यकर्ताओं से पार्टी नेताओं का दूरी बनना है.
मायावती से लेकर सतीश चंद्र मिश्र और पार्टी के अन्य बड़े नेता खुद को कमरों में कैद किए रहे. किसी भी घटना में मौके पर नहीं गए और बयान जारी कर अपनी मौजूदगी जताते रहे. नेताओं के ऐसे व्यवहार के चलते कार्यकर्ताओं के बीच उनकी पकड़ कमजोर पड़ती गयी और पार्टी को एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं हुई.
इस कारण भी हुआ नुकसान
यह भी कहा जा रहा है कि वर्ष 2006 में जिस सोशल इंजीनियरिंग के फॉर्मूले के फार्मूले से बसपा ने पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी, वह अब फेल हो गई है. यही नहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने यूपी में भाजपा के विजय रथ को रोकने तथा सपा प्रत्याशियों की जीत में रोड़ा अटकाने के लिए चुनाव मैदान में जिन प्रत्याशियों को अंतिम समय में उतारा वह नाकाम साबित हुए.
इसके अलावा इस चुनाव में अकेले चुनाव लड़ने को लेकर मायावती का फैसला भी बसपा के पैर का पत्थर बना. बीते लोकसभा में चुनाव जीतने वाले सांसदों को भी मायावती अपने साथ रखने में सफल नहीं हुई. इसका भी पार्टी को नुकसान हुआ. प्रत्याशियों के चयन में भी मायावती से इस बार चूक हुई परिणाम स्वरूप बसपा के प्रत्याशी चुनाव तो हारे और पार्टी का वोट प्रतिशत भी घट गया. इसका मतलब है कि यूपी की जिन 79 सीटों पर बसपा के उम्मीदवार चुनाव लड़ें उन्हे बहुत ही कम वोट मिले.
यूपी के हर चुनाव में घट रहा बसपा का वोट प्रतिशत:
वर्ष 2007 के विस चुनाव में मिले वोट : 30.43%
वर्ष 2009 के लोस चुनाव में मिले वोट : 27.42%
वर्ष 2012 के विस चुनाव में मिले वोट : 25.91%
वर्ष 2014 के लोस चुनाव में मिले वोट : 19.60%
वर्ष 2017 के विस चुनाव में मिले वोट : 22.23 %
वर्ष 2019 के लोस चुनाव में मिले वोट : 19.43%
वर्ष 2022 के विस चुनाव में मिले वोट : 12.88%