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दिग्विजय सिंह ने किसानों को लेकर मोदी सरकार पर दागे दस सवाल, कहा- कृषि मजदूरों के लिए क्यों नहीं बनाई योजना 

By रामदीप मिश्रा | Updated: May 2, 2019 09:59 IST

दिग्विजय सिंह ने नरेंद्र मोदी सरकार से पूछा कि कृषक उत्पादक संगठनों और सहकारी समितियों के माध्यम से फसलों की खरीद, प्रसंस्‍करण और विपणन को बढ़ावा न दे कर बहुराष्ट्रीय कंपनियों को कृषि पर कब्जे करने के अवसर दिए गए। क्यों?

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मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह लगातार केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमलावर हैं। वह ट्विटर पर 'दस दिन दस सवाल रोज' हैश टैग के साथ केंद्र सरकार से पूछ रहे हैं। उन्होंने गुरुवार (दो मई) को किसानों के संबंध में मोदी सरकार से सवाल दागे हैं। बता दें, कांग्रेस की टिकट पर दिग्विजय सिंह भोपाल लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। उनके सामने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की उम्मीदवार प्रज्ञा सिंह ठाकुर हैं। 

दिग्विजय सिंह ने मोदी सरकार से पूछे ये सवाल...

- CSDS की रिपोर्ट 'भारतीय किसानों की स्थिति–मार्च2018' कहती है कि सरकारी योजनाओं और नीतियों का लाभ उन बड़े किसानों को मिला जिनके पास 10 एकड़ से ज्यादा जमीन है। छोटे किसानों को मात्र 10 प्रतिशत योजना और सब्सिडी का लाभ मिला। ऐसा क्यों ? 

- भाजपा ने 2014 के घोषणा पत्र में वादा किया था कि किसानों को फसल लागत का 50% अधिक समर्थन मूल्य देंगे। शपथ पत्र देकर न्यायालय में इसे वादे से मुकर क्‍यों गए? ए. स्वामीनाथन की सिफारिशें लागू करने से पीछे क्यों हटी सरकार?

- बीते सात सालों में ग्रामीण मजदूरों की संख्या 10.9 करोड़ से घटकर 7.7 करोड़ रह गई। मोदी सरकार ने काम न पाने वाले 3.2 करोड़ कृषि मजदूरों के लिए कोई योजना क्यों नहीं बनाई?

- कृषक उत्पादक संगठनों और सहकारी समितियों के माध्यम से फसलों की खरीद, प्रसंस्‍करण और विपणन को बढ़ावा न दे कर बहुराष्ट्रीय कंपनियों को कृषि पर कब्जे करने के अवसर दिए गए। क्यों?

- 2018 में नाबार्ड की रिपोर्ट बताती है कि देश के 52 % से ज्यादा किसान कर्ज में डूबे हुए थे। हर किसान पर एक लाख रुपए से ज्यादा का कर्ज है। एनएसएसओ का कहना है कि किसानों पर 58.4 % संस्थागत कर्ज है, वहीं 41.6 % गैर संस्थागत कर्ज है। इन किसानों के लिए क्या  किया गया?

- BJP ने 2014 में संपूर्ण बीमा योजना का वादा किया था, पर बनाई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना। इसका लाभ किसानों के बजाय निजी कंपनियों को मिला। 2018 में RTI से पता चला कि फसल बीमा कंपनियों का मुनाफा 350% तक बढ़ा और बीमा कवर पाने वाले किसानों की संख्या मात्र 0.42% बढ़ी। क्यों?

- मोदी सरकार की गलत नीतियों के कारण 2014 का कृषि उपज निर्यात 4300 करोड़ डॉलर से घटकर 2017 में 3300 करोड़ डॉलर पर पहुंच गया। अरहर, चना, गेहूं, चीनी, दूध पाउडर जैसी वस्तुओं के आयात से किसानों की फसलों के दाम गिर गए। ऐसी गलत नीतियां क्यों बनाई गईं?

- राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण बताता है कि देश के 40 फीसदी किसान खेती छोड़ना चाहते हैं। हमारे कृषि प्रधान देश में खेती को इतना कठिन क्यों बनाया मोदी जी?

- मप्र ‘कृषि कर्मठ’अवॉर्ड पाता रहा मगर यहां 1 हेक्टेयर से कम खेती करने वाले छोटे किसानों की संख्या 24.25 % बढ़ गयी। छोटी खेती अर्थात 1 हेक्टेयर से छोटे खेत 23.85% बढ़ गए। भाजपा सरकार बड़े किसानों का हित साधती रही, किसानों की जोत घटती गई। क्‍यों?- NCRB के अनुसार 2004 से 2016 में मध्य प्रदेश में 15 हजार से अधिक किसानों और खेतिहर मजदूरों ने आत्महत्या की है। किसान कर्जमाफी और न्यूनतम समर्थन मूल्य जैसे तमाम मुद्दों को लेकर आंदोलन करते रहे और सरकार से उन्हें गोलियां मिलीं। मंदसौर जैसा शर्मनाक किसान गोलीकांड क्यों हुआ?

 

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