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Lok Sabha Election 2024: कांग्रेस प्रधानमंत्री मोदी द्वारा की गई 'मुस्लिम लीग' वाली टिप्पणी को लेकर हुई सख्त, पहुंची चुनाव आयोग

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 09, 2024 7:18 AM

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उस टिप्पणी के खिलाफ कांग्रेस ने बीते सोमवार को चुनाव आयोग का रुख किया, जिसमें पीएम मोदी ने कहा था कि लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी के घोषणापत्र में मुस्लिम लीग की छाप है।

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ठळक मुद्देप्रधानमंत्री मोदी द्वारा की गई टिप्पणी के खिलाफ कांग्रेस पहुंची चुनाव आयोग पीएम मोदी ने कहा था, लोकसभा चुनाव के लिए छपे कांग्रेस के घोषणापत्र में मुस्लिम लीग की छाप हैकांग्रेस ने कहा, मोदी ने मतदाताओं का ध्रुवीकरण के लिए विभाजन की भयावहता का उपयोग किया है

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उस टिप्पणी के खिलाफ कांग्रेस ने बीते सोमवार को चुनाव आयोग का रुख किया, जिसमें पीएम मोदी ने कहा था कि लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी के घोषणापत्र में मुस्लिम लीग की छाप है। पीएम मोदी के दिये उस बयान को लेकर भाजपा बेहद आक्रामक है और उसका आरोप है कि विपक्षी दल कांग्रेस देश में संघर्ष, टकराव और विभाजन पैदा करने की साजिश रच रहा है।

समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार चुनाव आयोग को दिये ज्ञापन में पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद, राज्यसभा सांसद मुकुल वासनिक, कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा और पार्टी सदस्य गुरदीप सप्पल सहित चार सदस्यीय कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने भाजपा द्वारा सशस्त्र बलों के कथित उपयोग के बारे में भी शिकायत की है।

कांग्रेस के दोनों ज्ञापनों पर पार्टी महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला द्वारा हस्ताक्षर किए गए हैं, जिसे कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश द्वारा सोशल प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा किया है।

कांग्रेस ने अपने पहले ज्ञापन में पार्टी के घोषणापत्र के खिलाफ पीएम मोदी की "अपमानजनक" टिप्पणियों की आलोचना करते हुए कहा कि यह आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) का उल्लंघन है।

ज्ञापन में कहा गया है, "झूठे, बिना जानकारी वाले और परेशान करने वाले दावों का प्रचार करके नरेंद्र मोदी ने मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने के लिए विभाजन की भयावहता का उपयोग करके मतदाताओं से भावनात्मक प्रतिक्रिया पैदा करने का प्रयास किया है।" इसमें कहा गया है कि पीएम की टिप्पणियां "कुछ भी सामान्य नहीं" बल्कि "बड़ा वोट शेयर हासिल करने के लिए सांप्रदायिक कलह पैदा करने का ठोस प्रयास" है।

दरअसल बीते शनिवार को राजस्थान के अजमेर में एक चुनावी रैली में पीएम मोदी ने कहा था कि कांग्रेस के घोषणापत्र पर मुस्लिम लीग की छाप है जबकि इसके एक हिस्से पर वामपंथियों का वर्चस्व है।

उन्होंने कहा था, “आपने देखा होगा, कल जिस तरह से कांग्रेस ने अपना घोषणापत्र जारी किया। उससे साबित हो गया कि आज की कांग्रेस आज के भारत की आकांक्षाओं और अपेक्षाओं से कट गई है। कांग्रेस द्वारा जारी घोषणापत्र उसी सोच को दर्शाता है जो स्वतंत्रता संग्राम के दौरान मुस्लिम लीग में थी। कांग्रेस के घोषणापत्र पर पूरी तरह से मुस्लिम लीग की छाप है और जो थोड़ा बहुत हिस्सा बचा है, उसमें वामपंथियों का दबदबा है। इसमें कांग्रेस नजर नहीं आ रही है।''

कांग्रेस ने चुनाव आयोग को अपनी शिकायत में कहा कि पीएम मोदी की टिप्पणी जनता को यह विश्वास दिलाकर कि कांग्रेस भारत को विभाजित करना चाहती है, कांग्रेस के समर्थकों के विश्वास को खतरे में डाल सकती है।

इसमें कहा गया है, "स्थिति की गंभीरता को देखते हुए माननीय चुनाव आयोग नरेंद्र मोदी द्वारा की गई टिप्पणियों से आंखें नहीं मूंद सकता है।" विपक्षी दल ने मोदी के "भारतीय समाज में सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने के आचरण" के खिलाफ "कड़ी और त्वरित" कार्रवाई की मांग की है।

इससे पहले दिन में, कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि पार्टी का घोषणापत्र 1.4 अरब लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं को दर्शाता है। यह घटनाक्रम तब हुआ जब भाजपा ने अपने घोषणापत्र को लेकर कांग्रेस पर हमला जारी रखा और आरोप लगाया कि विपक्षी पार्टी मुस्लिम लीग के "छिपे हुए एजेंडे" में "प्रॉक्सी पार्टनर" बन गई है।

भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा, "कांग्रेस मुस्लिम लीग के छिपे हुए एजेंडे में एक छद्म भागीदार बन गई है जो देश में संघर्ष, टकराव और विभाजन पैदा करने की साजिश रच रही है।"

वहीं चुनाव आयोग को दिए अपने दूसरे ज्ञापन में कांग्रेस ने इस मामले पर चुनाव आयोग की बार-बार सलाह के बावजूद "भाजपा द्वारा राजनीतिक विज्ञापनों में रक्षा बलों के निरंतर उपयोग" के खिलाफ शिकायत की।

इसमें केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा रविवार को पोस्ट की गई एक वीडियो क्लिप का हवाला दिया गया, जिसमें मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार की उपलब्धियों को उजागर करने के लिए रक्षा बलों की तस्वीरें थीं।

कांग्रेस ने आयोग से कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह भाजपा के चुनाव अभियान का हिस्सा है, जिसका प्रमाण विज्ञापन के अंत में दिखाई देने वाले भाजपा के चुनाव चिन्ह से मिलता है। ज्ञापन में कहा गया है, "यह माननीय चुनाव आयोग और स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के उसके प्रयास के प्रति भाजपा पार्टी की घोर उपेक्षा को दर्शाता है।"

चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात के बाद पार्टी के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा, “चुनाव अभियान के दौरान सैन्य वर्दी पहने प्रधानमंत्री की तस्वीरों का दुरुपयोग किया जा रहा है। चुनाव आयोग की पहले से ही एडवाइजरी है कि चुनाव के दौरान ऐसा नहीं किया जा सकता है। हमने चुनाव आयोग से इस मुद्दे पर कार्रवाई करने का आग्रह किया है क्योंकि भाजपा लगातार ऐसे अपराध कर रही है।"

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