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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंटरव्यू में कहा- लोग सुनकर हैरान हो जाएंगे, मैं 35 साल तक भिक्षा मांगकर खाया हूं

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: April 26, 2019 21:18 IST

Lok Sabha Election 2019: पीएम मोदी ने कहा, ''लोग सुनकर के हैरान हो जाएंगे जी.. क्योंकि कभी इस प्रकार की बातें आई ही नहीं हैं, मैं 35 साल तक भिक्षा मांगकर खाया हूं, अब किसी के गले नहीं उतरेगा ये.. लोगों के घर में..।''

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ठळक मुद्देवाराणसी में पीएम मोदी ने मीडिया को दिया इंटरव्यू, कहा- 35 वर्षों तक भिक्षा मांगकर खाना खायापीएम मोदी ने इंटरव्यू में बताई अपने संघर्ष की कहानी, कहा- खाना बनाना आता है

Lok Sabha Election 2019: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक हिंदी समाचार चैनल को दिए इंटरव्यू में अपने जीवन से जुड़ी चौकाने वाली बात कही। प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने 35 वर्षों तक लोगों के घरों में भिक्षा मांगकर खाना खाया है। राजनीतिक और गैर-राजनीतिक तमाम सवालों के बीच प्रधानमंत्री ने अपने जीवन से जुड़े कई अनछुए पहलुओं पर बात करते हुए अपने संघर्ष के दिनों की कहानी बताई।

इसी दौरान उन्होंने कहा, ''लोग सुनकर के हैरान हो जाएंगे जी.. क्योंकि कभी इस प्रकार की बातें आई ही नहीं हैं, मैं 35 साल तक भिक्षा मांगकर खाया हूं, अब किसी के गले नहीं उतरेगा ये.. लोगों के घर में.. इसलिए खाने का कोई.. अच्छा, मैं बताकर के नहीं जाता था.. जाता था.. पड़ा है तो खाता था वरना चला आता था.. ऐसे जिया हूं।''

पीएम मोदी ने आगे कहा, ''लेकिन कभी दफ्तर आ जाता था और देर से आया तो खिचड़ी जरा सरल होता था.. खिचड़ी बना लेता था.. दूसरा जब मैं हिमालय की मेरी लाइफ पूरा करके वापस आया तो मेरा पास काम क्या था.. अहमदाबाद के कांकड़िया में डॉक्टर हेडगेवार भवन है.. उसका कचरा-पोता यही मेरा काम था.. सफाई करता था मैं..।''

प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के लिए काम करने के दौरान की बात बताई। उन्होंने कहा, ''साढ़े चार-पांच बजे उठना, पूरा दफ्तर में झाड़ू लगाना, पोता करना, फिर सबके लिए चाय बनाना और 5:20 पर सबको उठाना, फिर हमारे यहां आरएसएस में प्रात: स्मरण होता है.. तो प्रात: स्मरण होता था.. सभी महापुरुषों का स्मरण होता है, फिर सबको चाय परोसता था, उसके बाद शाखा चला जाता था, फिर आकर के सबके लिए नाश्ता बनाता था, तो पोहे वगैरह मुझे बनाना बहुत अच्छा आता है, सबको मैं खिलाता था, और फिर कोई दस बजे स्नान करता था, फिर मैं अखबार पढ़ता था और फिर किसी के घर खाना खाने के लिए चला जाता था.. तो ये मेरी जिंदगी रही थी.. ये ऐसी जिंदगी मैंने कोई दो-ढाई साल बिताई थी।'' 

पीएम मोदी ने कहा कि ''न ये संघर्ष है, न कठिनाइयां, जिंदगी की मेरी शिक्षा है। मेरे लिए एजुकेशन है।''

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