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चुनावी बॉन्डस पर SC में केंद्र की दलील खारिज: पिछले 72 घंटे में मोदी सरकार को लगे 7 बड़े झटके

By निखिल वर्मा | Updated: April 11, 2019 18:12 IST

गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्डस के मामले में केंद्र सरकार की दलील ठुकरा दी। अब सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार की सुबह 10.30 बजे फैसला सुनाएगा कि क्या बॉन्ड पर रोक लगाई जाए।

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ठळक मुद्देचुनावी बांड्स मामले में SC ने निर्णय सुरक्षित रखा, फैसला कलचुनाव आयोग ने लगाई फटकार, प्रसार भारती सभी दलों को समान अवसर मुहैया कराएगा

लोकसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान शुक्रवार को संपन्न हो गया। मतदान से ठीक पिछले 72 घंटे मोदी सरकार की मुश्किलें बढ़ाने वाले रहे। चुनाव आयोग के कठोर कदम और सुप्रीम कोर्ट के फैसलों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परेशानी बढ़ सकती है।

गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्डस के मामले में केंद्र सरकार की दलील ठुकरा दी। अब सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार की सुबह 10.30 बजे फैसला सुनाएगा कि क्या बॉन्ड पर रोक लगाई जाए। केंद्र ने योजना की वकालत की है। अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल सुप्रीम कोर्ट से कहा कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान चुनावी बॉन्ड के मुद्दे पर कोर्ट आदेश न पारित करे। एक दिन पहले ही सु्प्रीम कोर्ट राफेल मामले सुनवाई के लिए तैयार हो चुका है।  

पिछले तीन दिनों में चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट से मोदी सरकार को 7 बड़े झटके मिले हैं। पढ़िए पूरा मामला...

1. चुनावी बॉन्डस मामले में SC ने निर्णय सुरक्षित रखा

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की, राजनीतिक दलों को चंदे के लिए प्रारंभ की गई चुनावी बॉन्डस योजना को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका पर अपना निर्णय शुक्रवार तक के लिए सुरक्षित रख लिया। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि स्वयं सेवी संगठन ऐसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) की याचिका पर शुक्रवार को फैसला सुनाया जायेगा। 

एडीआर ने इस योजना की वैधता को चुनौती देते हुये इस पर अंतरिम स्थगनादेश देने की मांग करते हुए कहा या तो चुनावी बॉन्डस जारी करने पर रोक लगे अथवा चंदा देने वालों के नाम सार्वजनिक हों ताकि चुनावी प्रक्रिया में शुचिता बनी रहे।

 न्यायालय में केंद्र का पक्ष रखते हुये अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने योजना का समर्थन करते हुये कहा कि इसका उद्देश्य चुनावों में कालेधन के प्रयोग पर अंकुश लगाना है। वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘जहां तक चुनावी बॉन्डस योजना का संबंध है, यह सरकार का नीतिगत निर्णय है और किसी सरकार को नीतिगत फैसले लेने के लिए दोषी नहीं ठहराया जा सकता।’’ उन्होंने कहा कि अदालत चुनाव पश्चात इस योजना की पड़ताल कर सकती है। 

2. प्रसार भारती सभी दलों को समान अवसर मुहैया कराए

सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने सार्वजनिक प्रसारणकर्ता प्रसार भारती को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि किसी भी पार्टी को ज्यादा कवरेज या तरजीह नहीं दिए जाने के चुनाव आयोग के दिशानिर्देश का अक्षरश: पालन किया जाए। सूचना एवं प्रसारण सचिव अमित खरे ने प्रसार भारती के सीईओ शशि शेखर वेम्पति को लिखे एक पत्र में निर्देश दिया कि दूरदर्शन और आकाशवाणी द्वारा कवरेज में चुनाव आयोग के निर्देशों का पालन किया जाए तथा एक तंत्र स्थापित किया जाए जिससे आदर्श आचार संहिता का पालन हो सके। सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव को तीखे शब्दों में लिखे गए पत्र में चुनाव आयोग ने कहा कि क्या आप डीडी न्यूज चैनल को किसी भी पार्टी के पक्ष के ज्यादा देर तक कवरेज से रोकने के लिए निर्देश देंगे। आयोग ने हाल ही में डीडी न्यूज को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 'मैं भी चौकीदार' कार्यक्रम करीब एक घंटा तक दिखाने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया था। 

उससे पहले विपक्षी दलों ने शिकायत की थी कि राष्ट्रीय प्रसारक पक्षपात कर रहा है। डीडी न्यूज ने कथित तौर पर अपने जवाब में कहा था कि लोकसभा चुनावों की घोषणा के बाद उसके समाचार स्लॉट में भाजपा को अधिकतम समय मिला है, इसके बाद कांग्रेस का स्थान है। भाषा अविनाश दिलीप दिलीप

3. राफेल पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट तैयार सुप्रीम कोर्ट ने राफेल सौदे से संबंधित कुछ नए दस्तावेजों को आधार बनाये जाने पर केंद्र की प्रारंभिक आपत्ति को ठुकरा दिया। इन दस्तावेजों पर केंद्र सरकार ने ‘‘विशेषाधिकार’’ का दावा किया था।

केंद्र ने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने विशेष दस्तावेज गैरकानूनी तरीके से हासिल किए और 14 दिसम्बर, 2018 के निर्णय को चुनौती देने के लिए इसका प्रयोग किया गया। इस फैसले में न्यायालय ने फ्रांस से 36 राफेल विमान सौदे को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया था। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की एक पीठ ने कहा, ‘‘ हम केन्द्र द्वारा समीक्षा याचिका की स्वीकार्यता पर उठाई प्रारंभिक आपत्ति को खारिज करते हैं।’’

शीर्ष अदालत ने कहा कि 14 दिसंबर को राफेल विमान की खरीद से जुड़ी सभी याचिकाओं को खारिज करने संबंधी करने के फैसले पर दायर सभी पुनर्विचार याचिकाओं पर गुण-दोष के आधार पर निर्णय लिया जाएगा। न्यायालय ने कहा कि वह राफेल पर पुनर्विचार याचिकाओं की सुनवाई के लिए तारीख तय करेगा। 

शीर्ष अदालत ने 14 मार्च को उन विशेषाधिकार वाले दस्तावेजों की स्वीकार्यता पर केंद्र की प्रारंभिक आपत्तियों पर फैसला सुरक्षित रखा था जिन्हें पूर्व केंद्रीय मंत्रियों यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी तथा वकील प्रशांत भूषण ने शीर्ष अदालत के 14 दिसंबर के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका में शामिल किया था।

4. नमो टीवी का खर्च भाजपा के खाते में

चुनाव आयोग के कड़े रुख के बाद बीजेपी ने कहा है कि अगर जरूरत हुई तो पार्टी लोकसभा चुनाव के बाद इससे संंबंधित खर्च का ब्यौरा चुनाव आयोग को देने के लिए तैयार है।

5. पीएम मोदी की बायोपिक की रिलीज टलीचुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी बायोपिक के रिलीज पर बुधवार को रोक लगा दी है। यह फिल्म 11 अप्रैल को रिलीज होनी थी। पीएम मोदी की बायोपिक की रिलीज पर रोक चुनाव के संपन्न होने तक जारी रहेगी।

चुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जीवन पर आधारित बायोपिक की स्क्रीनिंग पर चुनाव आचार संहिता लागू होने का हवाला देते हुये रोक लगाई है। आयोग ने बुधवार को अपने आदेश में कहा कि चुनाव के दौरान ऐसी किसी फिल्म के प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी जा सकती है जो किसी राजनीतिक दल या राजनेता के चुनावी हितों का पोषण करती हो। 

6. बालाकोट पर पीएम मोदी के बयान का चुनाव आयोग ने लिया संज्ञानचुनाव आयोग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान का संज्ञान लिया है, जिसमें उन्होंने पहली बार मतदान करने वालों से कहा है कि अपना वोट उन्हें समर्पित करें जिन्होंने बालाकोट हवाई हमले को अंजाम दिया।

आयोग ने महाराष्ट्र में चुनाव अधिकारियों से इस पर रिपोर्ट मांगी है। चुनाव आयोग के सूत्रों ने मंगलवार को कहा कि महाराष्ट्र के मुख्य चुनाव अधिकारी से जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है। 

7. छापेमारी पर चुनाव आयोग सख्त

चुनाव आयोग ने आयकर विभाग की पिछले दिनों हुई छापेमारी को कांग्रेस द्वारा सत्तारूढ़ भाजपा के उकसावे पर की गयी कार्रवाई बताये जाने संबंधी आरोपों पर संज्ञान लेते हुय राजस्व सचिव और केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अध्यक्ष से विस्तृत जानकारी मांगी है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है आयकर विभाग की छापेमारी, चुनाव के दौरान सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का नतीजा है।

सूत्रों के अनुसार आयोग ने आयकर विभाग और सीबीडीटी की पिछले दो दिनों से चल रही छापेमारी पर संज्ञान लेते हुये यह कदम उठाया है। इस संबंध में चुनाव आयोग ने मंगलवार को सीबीडीटी के चेयरमैन पीसी मोडी और रेवेन्यू सेक्रेटरी एबी पाण्डेय को बुलाया और जानकारी मांगी। दोनों अधिकारियों ने भी छापेमारी के बारे में विस्तृत जानकारी और दस्तावेज चुनाव आयोग को सौंपे हैं।

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