विश्वभर में कालीन नगरी के नाम से प्रसिद्ध भदोही उत्तर प्रदेश के 80 लोकसभा सीट में से एक है। 2019 का चुनाव भदोही संसदीय क्षेत्र के लिए बेहद ही दिलचस्प माना जा रहा है। इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी और बहुजन समाजवादी पार्टी के बीच सीधे टक्कर देखी जाएगी। बीएसपी और बीजेपी ने अभी तक इस सीट के लिए उम्मीदवार नहीं उतारे हैं। लेकिन बीजेपी से वीरेन्द्र सिंह 'मस्त' इस सीट के लिए दावेदारी कर रहे हैं तो बसपा से गोरखनाथ पांडे का नाम चर्चा में है।
भदोही संसदीय क्षेत्र पूर्वांचल के 24 सीटों में से अहम माना जाता है। वीरेंद्र सिंह भदोही से वर्तमान में सांसद हैं। अगर वीरेंद्र सिंह इस बार भी बीजेपी की ओर से टिकट पाते हैं तो उनका मुकाबला बीएसपी के उम्मीदवार और भदोही सीट से सांसद रहें गोरखनाथ पांडे से होगा। हालांकि यह सीट इसलिए अहम है कि क्योंकि इससे सटे पीएम मोदी का संसदीय सीट वाराणसी है। भदोही संसदीय क्षेत्र का राजनीतिक इतिहास
साल 2008 में हुए परिसीमन के बाद भदोही संसदीय सीट अस्तित्व में आई। भदोही संसदीय क्षेत्र में सबसे पहले साल 2009 में लोकसभा चुनाव हुआ। 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार गोरखनाथ ने जीत हासिल की थी। उन्होंने सपा के छोटेलाल बिंद को 12,963 मतों के अंतर से हराया था। वहीं, कांग्रेस तीसरे स्थान पर रही । कांग्रेस ने सूर्यमणि त्रिपाठी को टिकट दिया था। बता दें कि कुल 13 प्रत्यासी मैदान में थे। हालांकि इस साल सपा-बसपा गठबंधन की वजह से यह सीट बीएसपी के खाते में गई है।
लोकसभा चुनाव 2014 का हाल
मालूम हो कि साल 2014 में देशभर में मोदी लहर चल रही थी। इसका फायदा साल 2014 में हुए आम चुनाव भदोही में को भी हुआ था। इस सीट के बीजेपी से उम्मीदवार रहे वीरेंद्र सिंह ने1,58,141 मतों के अंतर से बड़ी जीत मिली। इस चुनाव में भदोही से 14 उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई थी, जिसमें वीरेंद्र सिंह ने बसपा के राकेश धर त्रिपाठी को हराकर संसद में पहुंचने में कामयाबी हासिल की।
वीरेंद्र सिंह को चुनाव में 4,03,544 वोट (41.12%) मिले जबकि राकेश धर त्रिपाठी को 2,45,505 मत (25.01%) मिले।
भदोही के बारे में-
- भारत के निर्वाचन आयोग के अनुसार भदोही लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 2009 की 1,519,449 है। जिनमें 828,824 पुरुष और 690,625 महिलाएं हैं। - इसमें पांच विधान सभा क्षेत्र हैं, जिनमें से एक अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित है। - भदोही शहर संत रविदास नगर जिले से संबंधित है और इसे "कालीन शहर" कहा जाता है जो दक्षिण एशिया के सबसे बड़े हाथ से बुनने वाले कालीन उत्पादन उद्योग का घर है।