चंडीगढ़/जयपुर/लखनऊ/भोपालः हरियाणा ने पड़ोसी राजस्थान और कुछ अन्य राज्यों में टिड्डी दल के फसलों पर हमले के बाद सात जिलों में हाई अलर्ट जारी किया है।
साथ ही एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को बताया कि इस समस्या से निपटने के लिए पर्याप्त मात्रा में कीटनाशक भंडार है। छिड़काव के लिए रसायन से भरे ट्रैक्टरों को भी तैनात किया गया है। राजस्थान और मध्य प्रदेश में फसलों को नुकसान पहुंचाने के बाद टिड्डी दल उत्तर प्रदेश के झांसी में घुस गया है जिसे 26 वर्षों में कीटों का सबसे भीषण हमला बताया जा रहा है। हरियाणा प्रशासन ने कहा है कि यद्यपि टिड्डी दल ने राज्य में प्रवेश नहीं किया है, लेकिन हम उच्च स्तरीय सावधानी बरत रहे हैं।
अतिरिक्त मुख्य सचिव, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग संजीव कौशल ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘हम तैयार हैं, सात जिलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। हमारे पास कीटनाशकों का पर्याप्त भंडार है और हमने किसानों के समूह को भी सूचित कर दिया है। यहां तक कि हमने व्हाट्सएप पर भी किसानों का एक समूह बनाया है।’’ उन्होंने बताया, ‘‘छिड़काव की सुविधा वाले ट्रैक्टरों को भी तैयार किया गया है। हम ये सभी एहतियात बरत रहे हैं।’’ उपायुक्तों के साथ समन्वय करने के लिए कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी सुरिंदर सिंह दहिया के नेतृत्व में एक प्रतिक्रिया दल नियुक्त किया गया है। कौशल ने बताया कि रबी की फसलों जैसे कि गेहूं और दालों की कटाई चल रही है और खेतों में कोई फसल नहीं है।
अभी सिरसा क्षेत्र में कपास बोई जा रही है। उन्होंने बुधवार रात को बताया, ‘‘जब हमारे अधिकारियों ने जोधपुर सेंट्रल इंस्टीट्यूट फॉर लोकस्ट वार्निंग से संपर्क किया तो हमें सूचना मिली थी कि दो टिड्डी दल राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में आ गए और पिछले रात हवा की गति और तूफान के कारण हमें रिपोर्ट मिली कि ये कीट हरियाणा से दूर चले गए हैं।’’ कौशल ने कहा कि हालांकि अलर्ट बरकरार रहेगा। जो जिले हाई अलर्ट पर हैं उनमें सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, भिवानी, चरखी दादरी, महेंद्रगढ़ और रेवाड़ी शामिल है।
कौशल ने बताया कि हाल के समय में तीन महीने पहले पंजाब के फाजिल्का में टिड्डी हमले का पता चला था लेकिन तब उनकी संख्या बहुत कम थी। उन्होंने बताया कि जनवरी में पंजाब के फाजिल्का और मुक्तसर जिलों के कुछ गांवों में टिड्डियां देखी गयी लेकिन तब उन पर प्रभावी रूप से नियंत्रण पा लिया गया। हाल का हमला पिछले महीने शुरू हुआ जब टिड्डी दल पाकिस्तान से राजस्थान में घुसा और फिर अन्य पश्चिमी राज्यों में फैल गया।
कौशल ने कहा कि राजस्थान में टिड्डी दल पर कीटनाशकों का छिड़काव करने के लिए ड्रोन के इस्तेमाल पर अध्ययन करने वाली कंपनी को इस अध्ययन को साझा करने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने उनसे इस अध्ययन को साझा करने के लिए कहा है।’’ अधिकारियों ने बताया कि टिड्डी दल के हमले की जांच करने के लिए एक विस्तृत कार्य योजना तैयार की गई है। किसानों को खेतों का निरीक्षण करने और वहां टिड्डियों का कोई हमला पाए जाने पर कृषि विभाग को तत्काल सूचना देने के लिए कहा गया है।
महाराष्ट्र: गोंदिया की तरफ बढ़ रहा टिड्डी दल, अधिकारियों ने सावधान रहने को कहा
महाराष्ट्र के भंडारा जिले में फसलों को नष्ट करने के बाद टिड्डियों का दल पड़ोसी गोंदिया जिले की ओर बढ़ रहा है। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि गोंदिया में अधिकारियों को सतर्क कर दिया गया है जबकि भंडारा के एक गांव में कीटों से प्रभावित फसलों और पेड़ों पर कीटनाशक का छिड़काव किया गया। कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक रवि भोंसले ने कहा कि भंडारा में कृषि विभाग की टीम ने बृहस्पतिवार तड़के तेमानी गांव के एक किमी के दायरे में पेड़ों पर दो दमकल की गाड़ियों की मदद से कीटनाशक का छिड़काव किया।
उन्होंने कहा, ‘‘जब टीम सुबह क्षेत्र में पहुंची, तो उन्होंने आम, सागौन, मोहा, जामुन, बेर और अन्य पेड़ों पर कीटों को देखा। उसके बाद कीटनाशकों का छिड़काव किया गया और सुबह तक बड़ी संख्या में फसल खाने वाले कीट मर कर पेड़ों से गिर गए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आम के पेड़ सबसे ज्यादा प्रभावित हुए थे। कीटों ने पत्तियां खा लीं लेकिन फल खराब नहीं हुए।
धान के खेतों में भी कोई नुकसान नहीं हुआ।’’ अधिकारी ने कहा कि टिड्डी दल हवा की दिशा के साथ पूर्व में अब पड़ोसी गोंदिया जिले के तिरोदा तहसील की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि गोंदिया में क्षेत्रीय तंत्र को कीटों के हमले के बारे में सतर्क कर दिया गया है। पिछले कुछ महीनों में राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र सहित देश के कई हिस्सों में टिड्डियों के हमले हुए हैं।