Land-for-job case: रेलवे में नौकरी के बदले जमीन लेने के कथित आरोपों का सामना कर रहे लालू परिवार के लिए सीबीआई ने और ज्यादा मुश्किलें बढ़ा दी है। सीबीआई ने पहली बार इस मामले में लालू यादव के बड़े बेटे और बिहार के पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव का नाम आरोप पत्र में उल्लेखित किया है। सीबीआई की ओर से दाखिल अंतिम आरोप पत्र में लालू प्रसाद यादव और 77 अन्य आरोपियों का नाम शामिल किया गया है। इसमें सबसे चौंकाने वाला तेज प्रताप यादव का रहा है। इसे लेकर अब भाजपा ने कहा है कि लालू यादव ने अपने परिवार का वह हाल कर दिया कि सब इस घोटाले के लपेटे में आ गए हैं।
इस मामले में भाजपा प्रवक्ता राम सागर सिंह ने शनिवार को कहा कि हेलीकॉप्टर यात्रा के बाद अब तेजस्वी यादव जेल यात्रा करेंगे। उन्होंने कहा कि लालू यादव ने अपने इस घोटाले में परिवार के सभी लोगों के साथ ही अधिकारियों और कर्मचारियों तक सबको फंसा दिया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले ही कहा था कि भ्रष्टाचारियों की जगह जेल में होगी।
अब तेजस्वी का वही हाल होगा। जैसे चारा घोटाला में लालू यादव सजायाफ्ता हुए वैसे ही अब लैंड फॉर जॉब में भी लालू परिवार के सारे लोग सजा पाएंगे। सीबीआई के बाद जल्द ही ईडी भी इस मामले में आरोप पत्र दाखिल करने वाली है। उल्लेखनीय है कि सीबीआई के द्वारा दाखिल किए गए आरोप पत्र में लालू यादव की बेटी हेमा यादव और लालू के तत्कालीन ओएसडी भोला यादव का भी नाम शामिल है।
आरोप पत्र में भारतीय रेलवे के 29 सरकारी कर्मचारी, 37 उम्मीदवार और छह निजी व्यक्ति भी इसमें शामिल हैं। आरोपपत्र में जिन उम्मीदवारों के नाम हैं, वे वे हैं जिन्होंने रेलवे में ग्रुप-डी की नौकरी के बदले में अपनी जमीनें लालू परिवार को दे दी थीं।
ये उम्मीदवार यूपीए-1 सरकार में लालू के केंद्रीय रेल मंत्री (2004-2009) के कार्यकाल के दौरान भारतीय रेलवे के 11 जोन में स्थानापन्न के तौर पर नियुक्त किए गए थे। अदालत 6 जुलाई को आरोपपत्र पर विचार करेगी। इससे पहले एजेंसी ने लालू, उनकी पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उनकी बेटी मीसा भारती समेत 16 लोगों को आरोपी बनाया था।