बेंगलुरु: शिमोगा में कल देर शाम हुई बजरंग दल के 26 साल के कार्यकर्ता हर्षा की हत्या के मामले में मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने पत्रकारों के साथ बात करते हुए कहा कि पुलिस ने हत्यारों की पहचान कर ली है और जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
इसके साथ सीएम बसावराज ने सिमोगा की जनता से अपील करते हुए कहा, "सभी लोग शांति-व्यवस्था को बनाये रखें, पुलिस को आरोपियों के खिलाफ पुख्ता सबूत मिल चुके हैं। सिमोगा की जनता धैर्य से काम ले और किसी भी तरह की हिंसा से दूर रहे। पुलिस मामले में तेजी से एक्शन ले रही है और सभी वरिष्ठ अधिकारी इस केस से संबंधित हर पहलू की जानकारी मुझे दे रहे हैं। दोषियों को दंड देना इस समय हमारी पहली प्राथमिकता है और हम उस तरफ तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।"
वहीं राज्य के ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री केएस ईश्वरप्पा के कथित आरोपों पर कि 'मुस्लिम गुंडे' इस हत्या के लिए जिम्मेदार हैं, सीएम बोम्मई ने कहा, "मैं मंत्री के बयान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दूंगा। मैं केवल इतना कह सकता हूं कि मामले की निष्पक्ष जांच तेजी से चल रही है और जल्द ही मामले का खुलासा हो जाएगा।"
हर्षा की हत्या के बाद से सिमोगा में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। शहर में कानून भंग की आशंका को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है और पुलिस लगातार पूरे क्षेत्र में चक्रमण कर रही है।
इस हत्या के मामले में कर्नाटक के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने बयान जारी करते हुए कहा कि बजरंग दल कार्यकर्ता हर्षा की हत्या के मामले में पुलिस को सुराग मिल गये हैं। अभी तक इस मामले में किसी संगठन के हाथ होने की जानकारी सामने नहीं आयी है।
गृह मंत्री ज्ञानेंद्र ने कहा कि शहर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये हैं। हत्या के तुरंत बाद इसे लेकर हल्के विरोध प्रदर्शन हुए थे लेकिन लेकिन अभी स्थिति सामान्य और नियंत्रण में है।
कथिततौर पर इस हत्याकांड की सबसे बड़ी वजह के तौर पर बुरका विवाद के कारण राज्य में उत्पन्न हुए तनाव को प्रमुख कारण माना जा रहा है। लेकिन पुलिस ने इस मामले में अभी जो बयान दिया है उसके मुताबिक उन अटकलों का खंडन किया गया है जिसके अनुसार हर्षा की हत्या को बुरका विवाद से जोड़ा जा रहा था।
मालूम हो कि बीते दिसंबर महीने में कर्नाटक के उडुपी जिला में हिजाब विवाद पैदा हुआ था। जब एक सरकारी स्कूल की कक्षा 9 की एक छात्रा को स्कूल प्रबंधन के आदेश पर कक्षा में जाने से पहले हिजाब उतारना पड़ा था।
वहीं शिमोगा में भी 13 छात्राओं ने जब स्कूल में हिजाब हटाने से इनकार कर दिया था तो स्कूल प्रबंधन ने उन्हें कैंपस में प्रवेश से रोक दिया था।