जानिए कांग्रेस-राज और बीजेपी-राज में हुए NPR में क्या है फर्क? अब इन 8 दस्तावेज के बारे में भी जानकारी देनी होगी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 25, 2019 01:46 PM2019-12-25T13:46:57+5:302019-12-25T15:01:53+5:30
एनपीआर 2020 के नए दस्तावेज में माता-पिता का जन्मस्थान भी शामिल किया गया है।
नरेंद्र मोदी सरकार ने मंगलवार (24 दिसंबर) को बताया है कि नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) की प्रक्रिया अप्रैल 2020 से सितंबर 2020 तक पूरी कर ली जाएगी। राष्ट्रीय नागरिक पंजीयन (एनआरसी) को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच सरकार ने स्पष्ट किया है कि देश में ये लागू नहीं होने जा रहा है।
नागरिकता कानून में 2004 में हुए संशोधन के मुताबिक सेक्शन 14 के तहत किसी भी नागरिक के लिए एनपीआर में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावेड़कर ने केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के बाद बताया कि एनपीआर की प्रक्रिया पहली बार यूपीए-2 के शासनकाल में 2010 में हुई थी, उस समय कांग्रेस नेता पी चिदंबरम गृह मंत्री थे।
वहीं जनगणना 2021 के बारे में सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि जनगणना के लिए कोई लंबा फार्म नहीं भरना होगा। यह स्वयं घोषित स्वरूप का होगा। इसके लिए किसी सबूत की जरूरत नहीं होगी और न ही कोई दस्तावेज देना होगा। इसके लिये एक मोबाइल एप भी बनाया गया है।
NPR: दस्तावेज जिनके बारे में साल 2010 और साल 2020 दोनों बार बताना होगा
1.नाम
2.परिवार के मुखिया से संबंध
3.लिंग
4.जन्मतिथि
5.वैवाहिक स्थिति
6.शैक्षणिक योग्यता
7.पेशा
8.मां/पिता/पत्नी का नाम
9.जन्मस्थान
10.वर्तमान पता
11.वर्तमान पते पर कब से रह रहे हैं
12.राष्ट्रीयता
13.स्थायी पता
2010 में मां, पिता और पत्नी के नाम अलग-अलग कॉलम में दर्ज थे। इस बार तीनों कॉलम को मिलाकर एक कर दिया गया है। इस तरह एनपीआर 2010 में कुल 15 बातों की जानकारी ली गई थी।
NPR: वो 8 दस्तावेज जिनके बारे में अब 2020 में जानकारी देनी होगी
1.आधार नंबर (स्वैछिक)
2.मोबाइल नंबर
3.माता-पिता का जन्मस्थान
4.पिछला पता
5.पासपोर्ट नंबर (अगर हो तो)
6.पैन नंबर
7.वोटर आईडी
8.ड्राइविंग लाइसेंस नंबर
एनपीआर 2020 की प्रक्रिया में आठ नए दस्तावेज जानकारी देनी होगी। इसमें आधार से जुड़ी जानकारी भी है लेकिन सरकार ने इसे स्वैच्छिक बना रखा है। इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के अनुसार, नए दस्तावेज में माता-पिता का जन्मस्थान भी शामिल किया गया है।
लोकमत समाचार में छपी खबर एनपीआर को 2015 में अपडेट किया गया था। नरेंद्र मोदी सरकार ने 25 जून 2015 को विशेष अधिसूचना के जरिये यूपीए शासन के दौरान तैयार एनपीआर को अपडेट किया था। अपडेट एनपीआर को भारत के रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त (आरजीसीसीआई) की वेबसाइट पर अब तक अपलोड नहीं किया गया है। वजह यह है कि सरकार ने जुलाई 2015 में विशेष राजपत्र अधिसूचना के जरिये देशभर में एनपीआर आंकड़े के अपडेटेशन का आदेश दिया। इस प्रकार तकनीकी रूप से देखें तो यह देश में तीसरा एनपीआर होगा।