KMC Election Results: तृणमूल कांग्रेस की बल्ले-बल्ले, तीसरी बार कोलकाता नगर निगम पर कब्जा, 144 सीट में से 89 पर जीत, 44 पर आगे
By सतीश कुमार सिंह | Published: December 21, 2021 02:26 PM2021-12-21T14:26:51+5:302021-12-21T15:09:18+5:30
KMC Election Results: कोलकाता नगर निगम (केएमसी) के चुनाव के दौरान मतदान केंद्रों के बाहर देसी बम फेंके जाने समेत हिंसा की छिटपुट घटनाओं के बीच शाम पांच बजे तक करीब 40.5 लाख मतदाताओं में से 63.37 प्रतिशत ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था।
KMC Election Results: सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस लगातार तीसरी बार कोलकाता नगर निगम (केएमसी) में सत्ता बरकरार रखा। पार्टी ने 144 में से 89 सीटों पर जीत दर्ज की है और 44 पर बढ़त बनाए है। राज्य चुनाव आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अबतक सिर्फ एक सीट जीती है और तीन अन्य पर उसके उम्मीदवार आगे चल रहे हैं।
अधिकारी ने बताया कि टीएमसी केएमसी में बहुमत का आंकड़ा पार कर चुकी है। उन्होंने बताया, “पार्टी ने अबतक 89 सीटों पर जीत दर्ज की है और उसके उम्मीदवार 44 वार्डों में आगे चल रहे हैं। टीएमसी कुल मिलाकर 133 सीटों पर आगे चल रही है या उसने सीटें जीत ली हैं।” कांग्रेस ने दो सीटों पर फतह हासिल की है लेकिन माकपा नीत वाम मोर्चा ने अबतक अपना खाता नहीं खोला है। हालांकि, उसके उम्मीदार दो वार्डों में आगे चल रहे हैं।
वार्ड नंबर 117 में टीएमसी उम्मीदवार अमित सिंह और वार्ड नंबर 119 में काकोली बाग जीत गए हैं। लोकसभा सांसद और पांच बार की पार्षद माला रॉय ने लगातार छठी बार वार्ड संख्या 88 में अपनी सीट बरकरार रखी और टीएमसी विधायक और मौजूदा पार्षद देबाशीष कुमार ने भी वार्ड संख्या 85 में जीत हासिल की।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक जीत है, इसने एक स्पष्ट संदेश दिया है कि लोगों ने हमारे काम को स्वीकार कर लिया है। भाजपा, वाम और कांग्रेस कहीं नहीं हैं। केएमसी को 144 प्रशासनिक वार्डों में विभाजित किया गया है जिन्हें 16 नगरों में बांटा गया है।
दो बूथों पर बम फेंकने सहित हिंसा की छिटपुट घटनाओं ने रविवार को केएमसी चुनावों को प्रभावित किया, जबकि लगभग 40.5 लाख मतदाताओं में से 63 प्रतिशत से अधिक ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। टीएमसी 2010 से ही केएमसी में सत्ता पर काबिज है। 2015 में हुए पिछले केएमसी चुनावों में, इसने 124 सीटें जीती थीं, जबकि वाम मोर्चा को 13 सीटें मिली थीं। भाजपा और कांग्रेस ने क्रमश: पांच और दो सीटों पर जीत हासिल की थीं।