नई दिल्ली: तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता कीर्ति आजाद ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खासी आदिवासी समुदाय की परंपरागत वेशभूषा पर अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगी और कहा कि उनकी टिप्पणी को गलत समझा गया और लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई गई। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, "मेरे हालिया ट्वीट का गलत मतलब निकाला गया। इससे लोगों की भावनाएं आहत हुईं। उनसे मैं सॉरी कहता हूं।"
My recent tweet was misconstrued. It hurt sentiments of the people. To them I say sorry. have immense respect & pride for our diverse cultures. I regret the hurt caused by my unintentional remark. I reiterate my pledge to work to uphold our constitutional values always
— Kirti Azad(@KirtiAzaad) December 23, 2022
उन्होंने आगे लिखा, "हमारी विविध संस्कृतियों के लिए अपार सम्मान और गर्व है। मेरी अनजाने में की गई टिप्पणी से हुई पीड़ा के लिए मुझे खेद है। मैं अपने संवैधानिक मूल्यों को हमेशा बनाए रखने के लिए काम करने की अपनी प्रतिज्ञा को दोहराता हूं। लोगों द्वारा उठाई गई चिंताओं पर विचार करने पर, मैं हर कदम पर हमारे संवैधानिक मूल्यों को कायम रखने की दिशा में काम करने की अपनी प्रतिज्ञा दोहराता हूं।"
कीर्ति आजाद ने ये भी लिखा, "टीएमसी ने हमेशा अलग-अलग पृष्ठभूमि के लोगों का सम्मान किया है और मैं तहे दिल से उन मूल्यों का समर्थन करता हूं जिनका पालन हमारे नेता करते हैं। पार्टी के एक सिपाही के रूप में मैंने हमेशा हमारे संविधान द्वारा निर्धारित पथ का अनुसरण किया है जो हमारी विविधता का सम्मान करने का आह्वान करता है। जो कुछ भी उस मार्ग से जाने-अनजाने विषयांतर प्रतीत होता है, वह नितांत खेदजनक है।"
जिस ट्वीट में कीर्ति आजाद ने पीएम मोदी की तस्वीर के साथ एक महिला की फूलों वाली पोशाक के साथ पोस्ट साझा किया था, उसे भी हटा लिया गया है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा था, 'न नर है न ही है ये नारी, केवल है ये फैशन का पुजारी'। वहीं, जैसे ही कीर्ति आजाद की टिप्पणी की आलोचना शुरू हुई वैसे ही तृणमूल ने कहा कि वह आजाद की टिप्पणियों का समर्थन नहीं करती है और इसकी कड़ी निंदा करती है।
इसी क्रम में पार्टी की ओर से ट्वीट किया गया, "हम भारत की विविधता को बनाए रखते हैं और हमारे राष्ट्र की जीवंत संस्कृति का सम्मान करते हैं। गर्व से, हम विविध लोगों की जातीय परंपराओं का जश्न मनाते हैं और उन्हें सशक्त बनाने का प्रयास करते हैं।"