किरेन रिजिजू बोले- कुछ लोग सरकार और न्यायपालिका के बीच गफलत पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं

By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: April 8, 2023 21:33 IST2023-04-08T21:31:07+5:302023-04-08T21:33:06+5:30

पिछले कुछ समय से जजों की नियुक्ति से संबंधित कॉलेजियम के मामले को लेकर सरकार और न्यायपालिका के बीच के मतभेद सतह पर आ चुके हैं। कानून मंत्री किरेन रिजिजू जहां सार्वजनिक रूप से इस व्यवस्था को अनुचित बता चुके हैं वहीं मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ का कहना है कि जजों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम से बेहतर कोई व्यवस्था नहीं है।

Kiren Rijiju said some people are trying to create confusion between the government and the judiciary | किरेन रिजिजू बोले- कुछ लोग सरकार और न्यायपालिका के बीच गफलत पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं

कानून मंत्री किरेन रिजिजू

Highlightsहमारे बीच मतभेद हैं लेकिन ऐसे नहीं जिन्हें टकराव कहा जाए - किरेन रिजिजूकुछ लोग हमारे बीच गफलत पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं - किरेन रिजिजूसरकार और न्यायपालिका के बीच संबंध संविधान में बताए गए प्रावधानों के मुताबिक चलेंगे - मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़

गुवाहाटी: असम के गुवाहाटी हाईकोर्ट के प्लेटिनम जुबली समारोह में बोलते हुए केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि कुछ लोग सरकार और न्यायपालिका के बीच  गफलत पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। ये वो लोग हैं जो देश की तरक्की नहीं देख सकते। 

 किरेन रिजिजू ने कहा,  "हमारे बीच मतभेद हैं लेकिन ऐसे नहीं जिन्हें टकराव कहा जाए। कुछ लोग जो भारत की तरक्की को नहीं देख सकते, वो हमारे बीच गफलत पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। कार्यपालिका, न्यायपालिका और विधायिका को एक साथ मिलकर चलना होगा।  न्यायपालिका और सरकार के बीच के मतभेद लोकतंत्र का एक हिस्सा ही तो है। ये कुछ इसी तरह से समझा जा सकता है जैसे बार और कोर्ट एक दूसरे के बगैर काम नहीं कर सकते। दोनों एक सिक्के के ही दो पहलू हैं। दोनों के साथ आए बगैर न्याय नहीं दिया जा सकता है।"

इस कार्यक्रम में भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने भी हिस्सा लिया। सीजेआई चंद्रचूड़ ने अपने संबोधन में कहा, "सरकार और न्यायपालिका के बीच संबंध संविधान में बताए गए प्रावधानों के मुताबिक चलेंगे। लेकिन देश के लोगों का विश्वास और आस्था ऐसी न्यायपालिका में है, जो न केवल स्वतंत्र हो बल्कि तीखे तेवर वाली हो।"

बता दें कि पिछले कुछ समय से जजों की नियुक्ति से संबंधित कॉलेजियम के मामले को लेकर सरकार और न्यायपालिका के बीच के मतभेद सतह पर आ चुके हैं। कानून मंत्री किरेन रिजिजू जहां सार्वजनिक रूप से इस व्यवस्था को अनुचित बता चुके हैं वहीं   मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ का कहना है कि जजों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम से बेहतर कोई व्यवस्था नहीं है। उनका मानना है कि कोई भी सिस्टम बेदाग नहीं हो सकता। लेकिन मौजूदा दौर में जजों की नियुक्ति के लिए ये सिस्टम ही सबसे ज्यादा कारगर है। 

बता दें कि सर्वोच्च न्यायालय के कॉलेजियम की अध्यक्षता चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया द्वारा की जाती है। सर्वोच्च न्यायालय के चार अन्य वरिष्ठ न्यायाधीश इसके सदस्य होते हैं। वहीं उच्च न्यायालय के कॉलेजियम की अध्यक्षता उसके मुख्य न्यायाधीश करते हैं और उनके साथ चार अन्य वरिष्ठ न्यायाधीश सदस्य होते हैं। कॉलेजियम प्रणाली के माध्यम से उच्च न्यायपालिका के न्यायाधीशों की नियुक्ति होती है और इसके बाद ही इस प्रक्रिया में सरकार की भूमिका आती है। 
 

Web Title: Kiren Rijiju said some people are trying to create confusion between the government and the judiciary

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