केरल 'लव जिहाद' मामले में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, हादिया-शफीन की शादी को दी मंजूरी
By कोमल बड़ोदेकर | Published: March 8, 2018 02:49 PM2018-03-08T14:49:50+5:302018-03-09T00:18:48+5:30
सर्वोच्च न्यायालय ने केरल हाईकोर्ट के उस फैसले को नकार दिया जिसमें कोर्ट ने हादिया की शादी को अवैध करार दिया था।
नई दिल्ली, 8 मार्च। केरल के कथित लव जिहाद और हादिया मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गुरूवार बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा कि हादिया और शफीन जहां की शादी वैध है। इतना ही नहीं सर्वोच्च न्यायालय ने केरल हाईकोर्ट के उस फैसले को नकार दिया जिसमें कोर्ट ने हादिया की शादी को अवैध करार दिया था। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा है कि अगर नेशनल इंवेस्टिगेटिव एजेंसी (NIA)के पास तस्करी से जुड़े कोई सबूत हो तो वह इस मामले में जांच जारी रख सकती है।
सुप्रीम कोर्ट में जिरह के दौरान हादिया के पति की ओर से वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि कोर्ट पहले विषयों पर सुनवाई करे। क्या हाई कोर्ट के पास ये अधिकार है कि वो 'हेवियस कार्पस' की याचिका पर किसी शादी को खारिज कर सकता है? जब दो व्यस्क आपसी रजामंदी से शादी करते हैं तो क्या कोई तीसरा पक्ष इसे अदालत में चुनौती दे सकता है।
Kerala 'love jihad' case - Supreme Court restored the marriage of Hadiya, also set aside the Kerala High Court order which had annulled her validity of marriage. pic.twitter.com/DUaes45TxD
— ANI (@ANI) March 8, 2018
वहीं खुफिया जांच एजेंसी ने अपनी जांच रिपोर्ट पेश करते हुए सुप्रीम कोर्ट में कहा कि सैफीन के खिलाफ 153A, 295 A और 107 के तहत FIR दर्ज की गई है। इससे पहले न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ ने हादिया के पिता अशोकन की ओर से पेश वरिष्ठ वकील श्याम दीवान के केरल उच्च न्यायालय के हादिया के विवाह को रद्द करने को फैसले को उचित ठहराने के बाद कहा कि, "हम उनके रास्ते में खड़े नहीं हो सकते।"
प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए. एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा, "बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर दो वयस्कों की सहमति से संपन्न हुए विवाह को रद्द नहीं किया जा सकता।" हादिया ने शीर्ष अदालत से कहा है कि उसने अपनी मर्जी से इस्लाम धर्म अपनाया है और मर्जी से जहां से शादी की है और अपने पति के साथ रहना चाहती है।