नई दिल्ली: बीते 9 और 10 सितंबर को भारत ने नई दिल्ली में जी20 सम्मेलन का सफलता पूर्वक आयोजन किया। भव्य भारत मंडपम में आयोजित किए गए इस समारोह में 20 देशों के प्रमुखों और प्रतिनिधियों के अलावा कई वैश्विक संगठनों के प्रमुख शामिल हुए। सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद जब ये मेहमान वापस लौटे तो भारत की तरफ से सबको कुछ खास तोहफे दिए गए।
इन तोहफों में कश्मीरी केसर और पशमीना, दार्जिलिंग और नीलगिरि चाय, अराकू कॉफी और ज़िगराना इत्र जैसी चीजें शामिल थीं। शीशम की लकड़ी से बनी एक खास संदूक में सजाकर ये तोहफे विदेशी मेहमानों को दिए गए।
तोहफों की लिस्ट में क्या-क्या शामिल
विदेशी मेहमानों को दिए तोहफों में कश्मीरी केसर शामिल था जो दुनिया का सबसे विदेशी और महंगा मसाला है। अपने अद्वितीय महत्व और औषधीय गुणों के लिए कश्मीरी केसर पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। मेहमानों को कश्मीर की प्रसिद्ध पश्मीना शॉल भी दी गई। तोहफों में दार्जलिंग की मशहूर नीलगिरी चाय भी शामिल थी। नीलगिरि चाय दक्षिणी भारत की सबसे शानदार पर्वत श्रृंखला से आती है, जिसकी खेती 1000-3000 फीट की ऊंचाई पर पहाड़ों के हरे-भरे इलाके के बीच की जाती है। दुनिया की पहली टेरोइर मैप्ड कॉफी, अराकू कॉफी भी मेहमानों को दी गई जो आंध्र प्रदेश की अराकू घाटी में जैविक बागानों में उगाई जाती है।
दुनिया के सबसे बड़ा मैंग्रोव वन सुंदरबन में मिलने वाला खास शहद भी मेहमानों को दिया गया जो 100% प्राकृतिक और शुद्ध होता है। सुंदरबन शहद में फ्लेवोनोइड्स की मात्रा भी अधिक होती है और यह बहुमूल्य स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है।
बता दें कि नई दिल्ली में 9 और 10 सितंबर को हुए जी-20 सम्मेलन के माध्यम से भारत का जलवा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करिश्मा एक बार फिर विश्व ने देखा। नई दिल्ली घोषणा-पत्र पर आम सहमति के साथ सम्मेलन को सार्थक बनाकर भारत ने अपनी कूटनीतिक ताकत का लोहा भी पूरी दुनिया में मनवाया। इस आयोजन के माध्यम से भारत ने वैश्विक स्तर पर अपनी धमक दिखाई।