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जम्मू कश्मीर: एलजी सिन्हा के आश्वासन से संतुष्ट नहीं हुए कश्मीरी पंडित, हड़ताल तेज करने का फैसला किया

By विशाल कुमार | Updated: May 29, 2022 08:41 IST

शुक्रवार की रात कश्मीरी पंडित कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले 25 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने श्रीनगर के राजभवन में जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और शीर्ष सरकारी अधिकारियों से मुलाकात की।

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ठळक मुद्दे12 मई को चदूरा में तहसील कार्यालय में तैनात एक कर्मचारी राहुल भट की हत्या कर दी गई थी।सैकड़ों कश्मीरी पंडित कर्मचारी अपने कर्तव्यों का बहिष्कार करते हुए पूरे कश्मीर में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी सरकार से उन्हें जिला मुख्यालय में स्थानांतरित करने की मांग कर रहे हैं।

श्रीनगर: सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने की अपनी मुख्य मांग को लेकर कोई निर्णायक फैसला न होने पर जम्मू कश्मीर प्रशासन के साथ अपनी पहली बैठक के कुछ घंटे बाद कश्मीरी पंडित कर्मचारियों ने शनिवार को अपनी चल रही हड़ताल को तेज करने का फैसला किया।

शुक्रवार की रात कश्मीरी पंडित कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले 25 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने श्रीनगर के राजभवन में जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और शीर्ष सरकारी अधिकारियों से मुलाकात की।

सिन्हा के जाने के बाद राहुल के पिता बिटू जी भट्ट ने कहा कि उपराज्यपाल ने उनके परिवार को हर संभव सरकारी मदद देने का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा, ‘‘हमें आश्वासन दिया गया कि सरकार हमें राहत पहुंचाने के लिए हर संभव कदम उठायेगी।’’

राहुल की पत्नी ने कहा कि सरकार ने उन्हें एक बेहतर नौकरी और उनकी बेटी की शिक्षा पर आने वाला खर्च उठाने का वादा किया है। आंदोलित कश्मीरी पंडित उचित मुआवजे और राहुल की पत्नी के लिए नौकरी की मांग कर रहे हैं।

हालांकि, 2008 में समुदाय के पुनर्वास के लिए शुरू हुए पीएम पैकेज के तहत घाटी में प्रतिनियुक्ति किए गए कश्मीरी पंडितों के एक प्रवक्ता ने कहा कि हमने उपराज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपा। लेकिन हमारी मुख्य मांग सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने की है। तब तक धरना जारी रहेगा।

उल्लेखनीय है कि कश्मीर के संभागीय आयुक्त ने पिछले सप्ताह निर्देश दिया था कि कश्मीरी पंडित कर्मचारियों को उनके निवास स्थान या जिला मुख्यालय जहां भी संभव हो वहां समायोजित किया जाए।

12 मई को चदूरा में तहसील कार्यालय में तैनात एक कर्मचारी राहुल भट की हत्या के बाद, सैकड़ों कश्मीरी पंडित कर्मचारी अपने कर्तव्यों का बहिष्कार करते हुए पूरे कश्मीर में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने सरकार से याचिका दायर कर उन्हें जिला मुख्यालय में स्थानांतरित करने की मांग की थी जहां उन्हें सुरक्षित स्थानों पर रखा जा सके।

भट(35) को प्रवासियों के लिए विशेष रोजगार पैकेज 2010-11 के तहत लिपिक की नौकरी मिली थी। उनकी हत्या 12 मई को मध्य कश्मीर के बडगाम जिले के चाडूरा इलाके में लश्कर ए तैयबा के आतंकवादियों ने उनके कार्यालय में घुसकर कर दी थी।

टॅग्स :जम्मू कश्मीरकश्मीरी पंडितमनोज सिन्हामोदी सरकार
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