Kashi Vishwanath Inauguration: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पवित्र शहर वाराणसी में हैं। सबसे पहले काल भैरव मंदिर गए और फिर गलियारे से सटे ललिता घाट तक पहुंचने के लिए नदी मार्ग से यात्रा की। दोपहर में काशी विश्वनाथ धाम को लोगों को समर्पित करने के बाद शाम को गंगा आरती में शामिल हुए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शाम वाराणसी में 'गंगा आरती' देखी। शहर में आज शिव दीपोत्सव मनाया जा रहा है। पीएम मोदी शाम को राज्य के मुख्यमंत्रियों और उपमुख्यमंत्री के साथ रिवर क्रूज पर एक अनौपचारिक बैठक में हिस्सा लिया। उन्होंने महत्वाकांक्षी काशी विश्वनाथ कॉरिडोर परियोजना के पहले चरण का भी उद्घाटन किया।
प्रधानमंत्री मोदी गंगा नदी के किनारे होने वाली आरती को देखने के लिए संत रविदास घाट से स्वामी विवेकानंद क्रूज (जहाज) पर सवार हुए। इस मौके पर घाटों पर हजारों दीपक जगमगा रहे थे। प्रधानमंत्री के साथ क्रूज पर सवार होने वालों में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर शामिल थे। प्रधानमंत्री और आरती को देखने के लिए विभिन्न घाटों पर हजारों की संख्या में लोग मौजूद थे। क्रूज जब दश्वामेध घाट पर रुका तो लोगों ने ‘हर हर महादेव’ का जयघोष किया। पुरोहितों के मंत्रोच्चारण, घंटियों की आवाज और शंख नाद से पूरा माहौल आध्यात्मिक था।
वाराणसी में श्री काशी विश्वनाथ धाम के नये स्वरूप के लोकार्पण समारोह को भव्य रूप देने के लिए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने राज्य के विभिन्न अंचलों में सोमवार को जलाभिषेक और पूजा-अर्चना की तथा उपस्थित जनसमूह के साथ कार्यक्रम का सजीव प्रसारण देखा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में श्री काशी विश्वनाथ धाम के नये स्वरूप के निर्माण में लगभग पौने तीन वर्ष लगे और इस पर सात सौ करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। इसकी शुरुआत प्रधानमंत्री ने आठ मार्च, 2019 को की थी। सोमवार को मोदी ने श्री काशी विश्वनाथ धाम के नये स्वरूप का लोकार्पण किया।
‘हर-हर महादेव’ के उदघोष के बीच यहां सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर उस समय गुलाब की पंखुड़ियां बरसाई गई जब वह वाराणसी की गलियों से गुजर रहे थे, जिसके दोनों ओर उनकी तस्वीरों और अभिवादन वाले बड़े-बड़े पोस्टर लगे हुए थे। साधु-संतों और जानी मानी हस्तियों की काफी संख्या में मौजूदगी के बीच मोदी ने काशी विश्वनाथ गलियारा परियोजना के प्रथम चरण का उदघाटन किया।
इससे पहले, उन्होंने गंगा में डुबकी लगाई और मंदिर में पूजा अर्चना की। सुबह के समय नगर में पहुंचने के बाद, सबसे पहले वह काल भैरव मंदिर गये और वहां पूजा की। इस मंदिर को काशी का कोतवाल कहा जाता है। कड़ी सुरक्षा के बीच उनका काफिला फिर इलाके से बाहर गया, इस दौरान स्थानीय बाशिंदे ‘हर-हर महादेव’ और मोदी-मोदी के नारे लगा रहे थे।
ललिता घाट जाने के लिए जब मोदी की कार तंग गलियों से नदी तट तक जा रही थी तब कई लोगों ने अपनी बालकनी और छज्जे से गुलाब की पंखुड़ियां बरसाई जबकि अन्य ने तिरंगा लहराया। तंग गलियों ने एसपीजी और स्थानीय पुलिस बल के लिए सुरक्षा व्यवस्था में कड़ी चुनौती पेश की।
एक व्यक्ति ने काल भैरव मंदिर के पास मोदी को गुलाबी रंग की एक पगड़ी भेंट करने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षा कर्मियों ने उसे दूर हटाने की कोशिश की। तभी मोदी ने कार के अंदर से संकेत किया और व्यक्ति को पास आने दिया तथा उसने प्रधानमंत्री को पगड़ी भेंट की। इस व्यक्ति ने फिर प्रधानमंत्री को एक पीताम्बरी (भगवा अंगवस्त्र) भेंट की, जिसे उन्होंने हाथ जोड़ कर और मुस्कुराते हुए स्वीकार कर लिया।
(इनपुट एजेंसी)