वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम का पीएम मोदी ने किया उद्घाटन, कहा-काशी तो काशी है!, यहां पर एक ही सरकार, देखें वीडियो
By सतीश कुमार सिंह | Updated: December 13, 2021 14:22 IST2021-12-13T14:19:57+5:302021-12-13T14:22:59+5:30
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महत्वाकांक्षी काशी विश्वनाथ गलियारा परियोजना के पहले चरण का सोमवार को उद्घाटन किया। इससे प्राचीन शहर में पर्यटकों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है।

पीएम ने कहा कि यहां अगर औरंगजेब आता है तो शिवाजी भी उठ खड़े होते हैं! (file photo)
वाराणसीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम के पहले चरण का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काशी विश्वनाथ धाम गलियारे के उद्घाटन के अवसर पर कहा कि नया इतिहास रचा जा रहा है, हम सौभाग्यशाली हैं कि इसका साक्षी बनने का मौका मिला।
पीएम मोदी ने कहा कि काशी तो काशी है! काशी तो अविनाशी है। काशी में एक ही सरकार है, जिनके हाथों में डमरू है, उनकी सरकार है। जहां गंगा अपनी धारा बदलकर बहती हों, उस काशी को भला कौन रोक सकता है?
पीएम ने कहा कि मैं आज अपने हर उस श्रमिक भाई-बहन का भी आभार व्यक्त करना चाहता हूं जिसका पसीना इस भव्य परिसर के निर्माण में बहा है। कोरोना के विपरीत काल में भी, उन्होंने यहां पर काम रुकने नहीं दिया। हमारी इस वाराणसी ने युगों को जिया है, इतिहास को बनते बिगड़ते देखा है।
कितने ही कालखंड आये, कितनी ही सल्तनतें उठी और मिट्टी में मिल गई। फिर भी बनारस बना हुआ है। बनारस अपना रस बिखेर रहा है। काशी शब्दों का विषय नहीं है, संवेदनाओं की सृष्टि है। काशी वो है- जहां जागृति ही जीवन है! काशी वो है- जहां मृत्यु भी मंगल है! काशी वो है- जहां सत्य ही संस्कार है! काशी वो है- जहां प्रेम ही परंपरा है।
#WATCH | Varanasi: After inaugurating Kashi Vishwanath Corridor, PM Narendra Modi starts his address with the chant of 'Har Har Mahadev'
— ANI UP (@ANINewsUP) December 13, 2021
(Source: DD) pic.twitter.com/JlrDIF9adC
पीएम ने कहा कि यहां अगर औरंगजेब आता है तो शिवाजी भी उठ खड़े होते हैं! अगर कोई सालार मसूद इधर बढ़ता है तो राजा सुहेलदेव जैसे वीर योद्धा उसे हमारी एकता की ताकत का अहसास करा देते हैं। अंग्रेजों के दौर में भी, हेस्टिंग का क्या हश्र काशी के लोगों ने किया था, ये तो काशी के लोग जानते ही हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वाराणसी पहुंच गंगा स्नान कर काल भैरव के दर्शन किए और कहा कि ‘‘कुछ देर में हम सभी काशी विश्वनाथ धाम परियोजना के लोकार्पण के साथी बनेंगे।’’ उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘‘माँ गंगा की गोद में उनके स्नेह ने कृतार्थ कर दिया। ऐसा लगा जैसे माँ गंगा की कलकल करती लहरें विश्वनाथ धाम के लिए आशीर्वाद दे रही हैं। हर हर महादेव।’’
प्रधानमंत्री मोदी ने इस ट्वीट के साथ अपने गंगा स्नान की तस्वीर भी पोस्ट की। उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘‘ काशी पहुँचकर अभिभूत हूँ।कुछ देर बाद ही हम सभी काशी विश्वनाथ धाम परियोजना के लोकार्पण के साक्षी बनेंगे। इस से पहले मैंने काशी के कोतवाल काल भैरव जी के दर्शन किए।’’
Today, a new chapter is being written in the history of Kashi Vishwanath. Kashi Vishwanath Dham premises is not just a grand 'bhavan' but a symbol of India's 'Sanatan' culture & traditions. Here you'll see how inspirations of the ancient are giving direction to the future:PM Modi pic.twitter.com/FkNDYo48Cc
— ANI UP (@ANINewsUP) December 13, 2021
काशी विश्वनाथ धाम में स्थापित की गई शंकराचार्य, अहिल्याबाई, भारत माता की प्रतिमा
भारत की प्रतीकात्मक पृष्ठभूमि में पत्थर से बनी भारत माता प्रतिमा, महारानी अहिल्याबाई होल्कर और संत आदि शंकराचार्य की प्रतिमाओं को काशी विश्वनाथ धाम के विशाल परिसर में स्थापित किया गया है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने सुबह करीब 10 बजकर 45 मिनट पर ट्वीट किया, ‘‘प्रधानमंत्री कुछ देर पहले वाराणसी पहुंच गए हैं।’’ इस भव्य गलियारे की नींव आठ मार्च 2019 को रखी गई थी, जो एक गलियारे के माध्यम से मुख्य मंदिर को ललिता घाट से जोड़ता है। इसकी चार दिशाओं में विरासत वास्तुकला शैली में भव्य प्रवेश द्वार और सजावटी मेहराब बनाए गए हैं।
इस गलियारे को अब काशी विश्वनाथ धाम कहा जाता है। वाराणसी के जिला अधिकारी कौशल राज शर्मा ने रविवार को कहा, ‘‘ प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी, घाट की ओर से काशी विश्वनाथ धाम में दाखिल होंगे और गलियारे का उद्घाटन करेंगे। वह नए गलियारे के परिसरों का दौरा करेंगे और वहां की इमारतों को देखेंगे। यह आयोजन देश के सभी हिस्सों से बड़ी संख्या में आए संतों की उपस्थिति में होगा...।’’
मंदिर की वर्तमान संरचना का निर्माण महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने 1780 के आसपास करवाया था और 19वीं शताब्दी में महाराजा रणजीत सिंह ने इसका सोने का ‘शिखर’ बनवाया। इस अवसर पर होल्कर की रानी को श्रद्धांजलि देने के लिए गलियारों के प्रांगण में महारानी अहिल्याबाई के बड़े-बड़े पोस्टर लगाए गए हैं। नई गलियारा परियोजना का हिस्सा, बनारस गलियारे के भीतर अहिल्याबाई का एक विशाल भित्ति चित्र है, जबकि घाट से निकलने वाले गलियारे के मार्ग के दाईं ओर, रानी की बैठी हुई मुद्रा में एक प्रतिमा स्थापित की गई है।
अहिल्याबाई की प्रतिमा के पास ही संत आदि शंकराचार्य की प्रतिमा लगाई गई है। विशाल गलियारे में अब भारत माता की एक पत्थर की मूर्ति भी है, जिस पर नक्काशी की गई है और एक तिरंगा भी लगा है। भारत के मानचित्र को धातु की सतह पर चित्रित किया गया है, जिस पर देश की कला और सांस्कृतिक विरासत को दर्शाया गया है।
प्रधानमंत्री मोदी के 2014 से निर्वाचन क्षेत्र रहे इस शहर को ‘दिव्य काशी भव्य काशी’ कार्यक्रम से पहले भव्य रूप से सजाया गया है, खासकर गोदौलिया चौक और उसके आसपास पवित्र स्थल की ओर जाने वाली सड़कों को ...। प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार, कोविड-19 वैश्विक महामारी के प्रकोप के बावजूद इस परियोजना का काम तय समय पर पूरा हुआ है।