केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने पाकिस्तान द्वारा करतारपुर साहिब गुरुद्वारा जाने वाले श्रद्धालुओं से 20 डॉलर का सेवा शुल्क लेने पर जोर दिए जाने की शनिवार को निंदा की और इसकी तुलना ‘जज़िया’ से की।
यहां बनने वाली एकीकृत जांच चौकी (आईसीपी) के स्थान का दौरा करने आयी केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह शुल्क निंदनीय है और यह ‘जजिया’ लागू करने के समान है। पत्रकारों ने जब पाकिस्तान द्वारा शुल्क वसूलने के बारे में पूछा तो उन्होंने इसकी निंदा करते हुए कहा कि विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान सरकार के समक्ष यह मुद्दा उठाया है। जज़िया एक प्रकार का धार्मिक कर होता है।
इतिहास में इसे मुस्लिम राज्य में रहने वाली गैर मुस्लिम जनता से वसूल किया जाता था। बादल ने केंद्र को एकीकृत जांच चौकी का नाम ‘सत करतार आईसीपी’ नाम पर रखने का भी अनुरोध किया। बादल ने कहा, ‘‘500 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली एकीकृत जांच चौकी 31 अक्टूबर तक तैयार हो जाएगी।’’ वह शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष और अपने पति सुखबीर सिंह बादल के साथ आईसीपी भी गयी और वहां काम की समीक्षा की।