बेंगलुरु: कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी घोषणा कर चुके हैं कि वह राज्य के हित में विपक्ष के रूप में भाजपा के साथ मिलकर काम करेंगे। पार्टी सुप्रीमो और पूर्व प्रधान मंत्री एचडी देवेगौड़ा ने उन्हें पार्टी के संबंध में कोई भी अंतिम निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया है। लेकिन राज्य में कभी सहयोगी रही जेडीएस के भाजपा के पाले में जाने से सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी परेशान नहीं है।
बीजेपी और जेडीएस के साथ आने पर कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा है कि विपक्ष की ये रणनीति काम नहीं आएगी क्योंकि उनकी सरकार एक मजबूत और स्थिर सरकार है। बेंगलुरु में मीडिया से बात करते हुए डीके शिवकुमार ने कहा कि वे (बीजेपी और जोडीएस) अपने राजनीतिक लाभ के लिए कुछ राजनीतिक रणनीति पर काम कर रहे हैं। लेकिन वे सरकार को अस्थिर नहीं कर सकते।
कर्नाटक में कांग्रेस को चुनौती देने के लिए भाजपा और जेडीएस मिलकर लोकसभा चुनाव भी लड़ सकते हैं। हालांकि अभी इसके बारे में दोनों ही दलों ने कुछ स्पष्ट नहीं बताया है। लोकसभा चुनाव साथ लड़ने के सवाल पर एचडी कुमारस्वामी ने कहा था कि संसदीय चुनाव में अभी 11 महीने का समय है। देखते हैं कि संसद का चुनाव कब आता है। फिलहाल पार्टी को संगठित करने का लक्ष्य है।
दूसरी तरफ बीजेपी की रणनीति साफ है। दक्षिण कर्नाटक के वोक्कालिगा बेल्ट में, जहां कांग्रेस मजबूत स्थिति में है वहां भाजपा जेडीएस का साथ जरूरी मानती है। भाजपा आलाकमान ने अपनी कर्नाटक इकाई को जेडीएस के साथ मिलकर कांग्रेस के खिलाफ चुनाव लड़ने का निर्देश भी दिया है। लेकिन ये खबरें भी हैं कि इससे पार्टी के कुछ स्थानीय पदाधिकारी और नेता खुश नहीं हैं।
भाजपा की कर्नाटक इकाई में एक राय न बन पाने के कारण ही नई दिल्ली में आयोजित एनडीए पार्टियों की बैठक में जेडीएस को आमंत्रित नहीं किया गया था। फिलहाल राज्य में दोनों पार्टियां साथ काम कर रही हैं। हाल ही में बीजेपी और जेडीएस ने नंदी इंफ्रास्ट्रक्चर कॉरिडोर एंटरप्राइजेज (एनआईसीई) द्वारा प्रवर्तित बेंगलुरु-मैसूर इंफ्रास्ट्रक्चर कॉरिडोर परियोजना में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं के खिलाफ अपनी लड़ाई साथ लड़ने की घोषणा की है।