बेंगलुरुः कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार ने बुधवार को कहा कि बेंगलुरु जल आपूर्ति एवं सीवरेज बोर्ड (बीडब्ल्यूएसएसबी) शहर में पानी के शुल्क में एक पैसा प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर सकता है। उपमुख्यमंत्री ने बढ़ती कीमतों के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विरोध के बीच कांग्रेस सरकार का बचाव किया। उन्होंने भाजपा द्वारा दूध की कीमतों में वृद्धि का विरोध किया जाने को ‘किसान विरोधी’ रुख करार देते हुए कहा कि कीमतों में बढ़ोतरी का उद्देश्य किसानों को लाभ पहुंचाना है। भाजपा ने बुधवार को कांग्रेस सरकार के खिलाफ राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू किया और उस पर दूध, डीजल, बिजली और बस और मेट्रो किराए में वृद्धि कर जनता पर वित्तीय बोझ डालने का आरोप लगाया।
शिवकुमार ने कहा, ‘‘जल शुल्क की दरों में वृद्धि के अलावा हमारे पास कोई दूसरा विकल्प नहीं है। हमें इसे एक पैसा या आधा पैसा प्रति लीटर बढ़ाना होगा; हम इसे और नहीं टाल सकते। मैंने निर्देश दिया है कि गरीबों के लिए दरों को कम किया जाए। मैंने बोर्ड (बीडब्ल्यूएसएसबी) से निर्णय लेने को कहा है। हम छोटे मकानों के लिए दरें नहीं बढ़ाएंगे।’’ बीडब्ल्यूएसएसबी को 1,000 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है।
कर्नाटक में डीजल दो रुपये महंगा होगा, सरकार ने बढ़ाया बिक्री कर
कर्नाटक सरकार ने मंगलवार से डीजल पर बिक्री कर बढ़ाकर 21.17 प्रतिशत कर दिया है। इससे राज्य में डीजल का मूल्य दो रुपये प्रति लीटर बढ़कर 91.02 रुपये हो जाएगा। एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि चार नवंबर, 2021 से पहले कर्नाटक में डीजल पर बिक्री कर की दर 24 प्रतिशत थी और प्रति लीटर बिक्री मूल्य 92.03 रुपये था।
पिछले साल 15 जून को कर्नाटक सरकार ने डीजल पर कर की दर घटाकर 18.44 प्रतिशत करने की अधिसूचना जारी की। बयान के अनुसार, “सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के बाद, एक अप्रैल, 2025 से डीजल पर बिक्री कर की दर बढ़ाकर 21.17 प्रतिशत कर दी गई है। इसके परिणामस्वरूप, प्रति लीटर दो रुपये की वृद्धि होगी, जिससे बिक्री मूल्य 91.02 रुपये हो जाएगा।”
हालांकि, इस वृद्धि के बाद भी राज्य में संशोधित बिक्री मूल्य पड़ोसी राज्यों की तुलना में कम रहेगा। बयान में कहा गया है कि 31 मार्च, 2025 तक बेंगलुरु में डीजल की कीमत 89.02 रुपये, जबकि होसुर (तमिलनाडु) में यह 94.42 रुपये, कासरगोड (केरल) में 95.66 रुपये, अनाथपुरा (आंध्र प्रदेश) में 97.35 रुपये, हैदराबाद (तेलंगाना) में 95.70 रुपये और कागल (महाराष्ट्र) में 91.07 रुपये है। इस कदम की आलोचना करते हुए कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पर एक-एक करके वस्तुओं पर कर लगाने का आरोप लगाया।
कर्नाटक में एक अप्रैल से दूध चार रुपये प्रति लीटर महंगा
कर्नाटक में एक अप्रैल से दूध की कीमतें चार रुपये प्रति लीटर बढ़ गई। दूध संघों और किसानों के दबाव के कारण कीमतों में वृद्धि की गई है। बढ़ाए गए पूरे चार रुपये किसानों को मिलने चाहिए। दूध की कीमत में बढ़ोतरी बस और मेट्रो किराये के साथ-साथ बिजली दरों में वृद्धि के मद्देनजर की गई है।
इससे पहले कर्नाटक दुग्ध महासंघ (केएमएफ) के अध्यक्ष भीमा नाइक ने भी दूध की कीमतों में वृद्धि का संकेत दिया था। केएमएफ अपने डेरी उत्पादों का विपणन ‘नंदिनी’ ब्रांड के तहत करता है। केएमएफ ने पिछले साल भी दूध के दाम में दो रुपये प्रति पैकेट की बढ़ोतरी की थी और प्रति पैकेट मात्रा में 50 मिलीलीटर की वृद्धि की थी।
केएमएफ का कहना है कि वर्ष 2024 में मूल्य वृद्धि कोई बढ़ोतरी नहीं थी, क्योंकि आपूर्ति की जाने वाली दूध की मात्रा में भी वृद्धि हुई थी। मौजूदा समय में 1,050 मिलीलीटर के नियमित नंदिनी टोंड दूध (नीला पैकेट) की कीमत 44 रुपये है।