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Karnataka Assembly Elections 2023: बागी प्रत्याशी तीनों प्रमुख राजनीतिक पार्टियों के लिए बने बड़ा सिरदर्द

By अनुभा जैन | Updated: April 25, 2023 12:53 IST

कर्नाटक में कांग्रेस, भाजपा और जनता दल द्वारा बागियों को नामांकन वापस लेने के लिए मनाने के बावजूद वो अपना नाम वापस नहीं ले रहे हैं और ये बागी अब आधिकारिक उम्मीदवारों के लिए खतरा बन गए हैं।

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ठळक मुद्देकांग्रेस, भाजपा और जनता दल के सामने बागियों ने पैदा की भारी परेशानी पार्टियां कई बागियों की नामांकन वापसी में सफल नहीं हो सकी हैं बागियों के चुनावी मैदान में बने रहने से तीनों दलों को भारी नुकसान का अंदाजा है

बेंगलुरु: राज्य में सत्ता हथियाने के लिए अपनी पूरी क्षमता और ताकत के साथ चुनावी अखाड़े में उतरी तीन प्रमुख पार्टियों कांग्रेस, भाजपा और जनता दल को बागी प्रत्याशियों की गर्मी परेशान कर रही है। 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि सोमवार को अपराह्न तीन बजे थी। पार्टियों द्वारा बागियों को अपना नामांकन वापस लेने के लिए मनाने के लगातार प्रयासों के बावजूद उन्होंने अपना नाम वापस नहीं लिया और ये बागी अब आधिकारिक उम्मीदवारों के लिए खतरा बन गए हैं।

सूत्रों के मुताबिक कम से कम 14 सीटों पर बीजेपी बागी उम्मीदवारों को अपना नाम चुनावी सूची से हटाने के लिए राजी नहीं कर पाई। जिन प्रमुख सीटों पर बागी उम्मीदवारों को देखा जा सकता है, उनमें पुत्तूर, बैलहोंगल, चन्नागिरी और अफजलपुर सी सीटें शामिल हैं। भाजपा ने सभी 224 निर्वाचन क्षेत्रों में उम्मीदवार उतारे हैं लेकिन पार्टी अभी भी बगावत की मार झेल रही है।

इसी तरह कांग्रेस में 18 सीटों पर बागी चुनाव लड़ रहे हैं। जबकि मांड्या सीट से जेडीएस पार्टी का एक ही बागी उम्मीदवार चुनावी युद्ध में शामिल है। कृष्णयैया शेट्टी गांधीनगर से चुनाव लडने को आमदा हैं। शेट्टी ने कहा, "सभी सर्वे मेरे पक्ष में थे लेकिन फिर भी मुझे टिकट नहीं दिया गया। मैं बीजेपी के साथ रहूंगा लेकिन एक बागी उम्मीदवार के तौर पर।"

इसी तरह अरुण के पुथिला पुत्तूर से भाजपा के बागी दावेदार के रूप में चुनाव लड़ेंगे। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नलिन कुमार ने पुथिला को नामांकन वापस लेने के लिए भरसक प्रयास किया था। निर्दलीय प्रत्याशी मदल मल्लिकार्जुन भाजपा के बागी उम्मीदवार के रूप में चन्नागिरी से चुनाव लड़ेंगे तो तुमकुर में पूर्व मंत्री सोगाडू शिवन्ना ने भी बगावत कर दी है।

बेलगावी में बैलहोंगल और विश्वनाथ पाटिल ने अपना नाम वापिस नहीं लिया है और उनकी उपस्थिति जगदीश मेटागुड की संभावनाओं को प्रभावित कर सकती है। कलबुर्गी के अफजलपुर से भाजपा प्रत्याशी और पूर्व मंत्री मलिकय्या गुट्टेदार के भाई नितिन गुट्टेदार मैदान में हैं। कांग्रेस से पुलकेशीनगर के विधायक अखंड श्रीनिवास मूर्ति कांग्रेस द्वारा टिकट से इनकार किए जाने के बाद बागी के रूप में चुनाव लड़ेंगे।

कांग्रेस के बागी यूसुफ शरीफ केजीएफ बाबू ने केसी वेणुगोपाल और रणदीप सिंह सुरजेवाला जैसे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के फोन आने के बाद भी चिकपेट में अपना नामांकन वापस लेने से इनकार कर दिया। जेडीएस में पूर्व मंत्री शंकर गौड़ा के पोते केएस विजयानंद बागी उम्मीदवार के रूप में मैदान में हैं।

इधर भाजपा लगभग 7 बागियों को अपनी उम्मीदवारी वापस लेने से रोकने के लिए बातचीत करने में सफल रही। इसमें रामदुर्ग से शामिल हैं महादेवप्पा यादवाद, कुनिगल से राजेश गौड़ा, शिरहट्टी से रामप्पा लमानी, विधायक नेहरू ओलेकर, चित्रदुर्ग से सौभाग्य बसवराजन के अलावा विजयनगर जिले के हरपनहल्ली में दिवंगत डिप्टी सीएम एमपी प्रकाश की बेटी लता मल्लिकार्जुन सहित अन्य शामिल हैं।

इस कड़ी में कांग्रेस पार्टी ने चिकपेट से छह बागियों को मना लिया हैं, जिनमें शारदा शेट्टी (कुम्ता), अल्ताफ कित्तूर (हुबली-धारवाड़ मध्य), आदि शामिल हैं। उम्मीदवारों की सुरक्षा के लिए दोनों पार्टियां या तो बागी उम्मीदवारों को तटस्थ बनाने की कोशिश कर रही हैं या उनके प्रचार को रोकने की कोशिश कर रही हैं।

टॅग्स :कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023BJPकांग्रेसजनता दल (सेक्युलर)
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