कपिल सिब्बल ने केंद्र सरकार की मंशा पर किया प्रहार, पूछा- "महिला आरक्षण बिल को 2014 में क्यों नहीं लाए?"
By आकाश चौरसिया | Published: September 22, 2023 02:10 PM2023-09-22T14:10:37+5:302023-09-22T14:10:37+5:30
कपिल सिब्बल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर महिला आरक्षण बिल 2023 को लेकर लिखा कि पेपर पर 2029 के तौर पर स्पष्ट है लेकिन असल में ये अभी भी वास्तविकता से परे है। इसके साथ ही वो केंद्र की मोदी सरकार से प्रश्न करते हैं कि इस बिल को 2014 में क्यों नहीं पास किया?
नई दिल्ली:कपिल सिब्बल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर महिला आरक्षण बिल 2023 को लेकर लिखा कि पेपर पर यह बिल 2029 में लागू होने की बात बताता है। लेकिन असल में ये अभी भी वास्तविकता से परे है। इसके साथ ही वो केंद्र की मोदी सरकार से प्रश्न करते हैं कि इस बिल को 2014 में क्यों नहीं पास किया गया? अगर तब पास कर दिया होता तो यह साल 2019 में या इसके बाद भी लागू हो सकता था।
सिब्बल ने कहा कि मोदी सरकार की प्राथमिकता ट्रिपल तालाक को लागू कराना था और 10 फीसद आरक्षण आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को देना था। इसलिए महिला आरक्षण बिल को लागू करनी नहीं था।
महिला आरक्षण बिल पर कांग्रेस सांसद राहलु गांधी ने भी सरकार को घेरते हुए पूछा, "हम बिल को संसद में पेश कर रहे हैं लेकिन वो बिल अगले 10 में लागू होगा। इस बात का क्या मतलब है?" हम बिल को लाने में पूरी तरह से सरकार के साथ हैं लेकिन सरकार को जनगणना और परिसीमन का भाग बिल से हटाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि यह चीज़ आज ही होनी चाहिए और सरकार को महिलाओं की बुद्धिमता से खिलवाड़ नहीं करना चाहिए।
गुरुवार को महिला आरक्षण बिल राज्यसभा से भी पास हो गया और इससे पहले बुधवार को लोक सभा से भी पास हो चुका था।
इस बिल में लोकसभा, राज्यसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसद आरक्षण प्रदान करने की बात कही गई है। फिर, जो असल पेंच है वो एक भाग पर फंस रहा है कि पहले सरकार को जनगणना और सीटों का परिसीमन कराना होगा। हालांकि, राज्यसभा में विधेयक पारित होने के बाद दोनों सदनों को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया है।
नारी शक्ति वंदन अधिनियम (128 वां संविधान संशोधन विधेयक) को रुप लेने में आधी से अधिक राज्य विधानसभाओं की मंजूरी लेना होगा। इस पूरी प्रक्रिया पर सरकार का कहना है कि यह सभी प्रक्रिया अगले साल से शुरू हो सकेगी। सरकार इस बिल के जरिए महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने की बात कह रही है कि लेकिन अभी संसद में महिलाओं की संख्या 15 प्रतिशत ही है।
जनगणना पर लगातार उठ रहे प्रश्नों पर संसद में केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि जनगणना 2021 में इसलिए नहीं हो पाई क्योंकि कोविड-19 अपने चरम पर था। उन्होंने आगे ये कहा था कि अब यह काम साल 2024 के बाद ही शुरू हो जाएगा।