Kanchanjunga Express Train Accident:दार्जिलिंग जिले के सिलीगुड़ी उपमंडल के अंतर्गत रंगापानी स्टेशन के पास रुइधासा में सोमवार को एक मालगाड़ी कंचनजंगा एक्सप्रेस से टकराई। इस घटना में पांच लोगों की मौत और 30 से अधिक लोगों के घायल होने की खबर है। हालांकि, मौके पर राहत-बचाव के लिए युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है। रेलवे की ओर से हेल्पलाइन नंबर भी जारी कर दिया गया है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव खुद घटना स्थल का जायजा लेने के लिए पहुंच रहे हैं। पूर्वी रेलवे के सीपीआरओ कौशिक मित्रा ने बताया कि हमें अब तक 2 ही व्यक्तियों की मृत्यु की खबर मिली है। हमें जितनी सूचना है उसके मुताबिक मालगाड़ी ने कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन के पार्सेल वैन को पीछे से टक्कर मारी, पार्सेल वैन में कोई यात्री नहीं था इसलिए कोई चिंता की बात नहीं है, जो डिब्बा पटरी से उतरा है उसमें कोई यात्री यात्रा नहीं करते हैं।
हम जल्द से जल्द बचाव कार्य पूरा कर वहां फंसे हुए यात्रियों को यहां लाने की कोशिश कर रहे हैं। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सब्यसाची दे ने कंचनजंगा एक्सप्रेस ट्रेन हादसे पर बताया, घटना में करीब 25 लोग घायल हैं, उन्हें अस्पताल भेजा गया है। युद्धस्तर पर बचाव कार्य चल रहा है। हम जल्द से जल्द बचाव अभियान पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं, वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच चुके हैं।
हमें प्रारंभिक रूप से जो सूचना मिली है उसके मुताबिक कंचनजंगा एक्सप्रेस को पीछे से मालगाड़ी ने टक्कर मारी है, यह क्यों हुआ वह जांच के बाद ही पता चलेगा। विभागीय अधिकारी भी मौके पर पहुंच चुके हैं।
भारत की 10 सबसे बड़ी रेल दुर्घटनाएं
इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के अनुसार, 2023: कोरोमंडल एक्सप्रेस, बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस, बालासोर में एक मालगाड़ी की टक्कर से बड़ी दुर्घटना हुई। इस घटना में करीब 300 से अधिक लोग मारे गए, और 1,000 से अधिक घायल हुए। 2016 में 20 नवंबर को उत्तर प्रदेश में इंदौर-पटना एक्सप्रेस ट्रेन के पटरी से उतर जाने से कम से कम 146 लोगों की मौत हो गई, जिससे डिब्बे आपस में टकरा गए थे। 2010 में 28 मई को बंगाल में कोलकाता से लगभग 83 मील पश्चिम में एक ट्रेन पटरी से उतर गई और एक मालगाड़ी से टकरा गई, जिसमें 146 लोग मारे गए और 200 से ज़्यादा घायल हो गए। अधिकारियों ने तोड़फोड़ के लिए माओवादी विद्रोहियों को दोषी ठहराया था।
2002 में कलकत्ता से नई दिल्ली जा रही लग्जरी राजधानी एक्सप्रेस उफनती धाबी नदी में गिर गई, जिसमें कम से कम 120 लोग मारे गए। रेलवे अधिकारियों ने दुर्घटना के लिए तोड़फोड़ का हवाला दिया। 2006 में 11 जुलाई को मुंबई में ट्रेनों और स्टेशनों पर आतंकवादियों द्वारा किए गए हमलों में 186 लोग मारे गए और 700 घायल हो गए।
भारत ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी और लश्कर-ए-तैयबा को दोषी ठहराया था। 1999 में 2 अगस्त को पश्चिम बंगाल के गैसल में दो ट्रेनों के बीच हुई टक्कर में 285 लोग मारे गए और 312 घायल हो गए। 1998 में पंजाब में सियालदह एक्सप्रेस के पटरी से उतरी ट्रेन से टकराने से कम से कम 210 लोग मारे गए। 1995 में 20 अगस्त को आगरा के पास फिरोजाबाद में दो ट्रेनों के बीच हुई टक्कर में 300 से ज़्यादा लोग मारे गए और 344 घायल हो गए।
1981 में 6 जून को भारत की सबसे ख़तरनाक रेल दुर्घटना में 800 से ज़्यादा लोग मारे गए, जब बिहार में एक ट्रेन पटरी से उतर गई और नदी में गिर गई। 1956 में 23 नवंबर को बाढ़ के कारण पुल के नष्ट हो जाने के बाद एक ट्रेन मरुदयार नदी में गिर गई, जिसमें कम से कम 154 लोग मारे गए और 115 घायल हो गए। 1954 में 28 सितंबर को मद्रास और नई दिल्ली के बीच चलने वाली एक ट्रेन पुल के ढहने के बाद पटरी से उतर गई, जिसमें कम से कम 137 लोग मारे गए और 100 घायल हो गए।