कौन हैं न्यायमूर्ति विपुल एम पंचोली और न्यायमूर्ति आशुतोष कुमार?, पटना-गुवाहाटी उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 21, 2025 17:25 IST2025-07-21T15:25:45+5:302025-07-21T17:25:53+5:30
अहमदाबाद में 28 अक्टूबर 1968 को जन्मे न्यायमूर्ति पंचोली ने गुजरात उच्च न्यायालय में वकालत की और सात वर्षों तक सहायक सरकारी वकील एवं अतिरिक्त लोक अभियोजक के रूप में कार्य किया।

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पटनाः न्यायमूर्ति विपुल एम पंचोली ने सोमवार को पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने राजभवन में उन्हें पद की शपथ दिलाई। अहमदाबाद में 28 अक्टूबर 1968 को जन्मे न्यायमूर्ति पंचोली ने गुजरात उच्च न्यायालय में वकालत की और सात वर्षों तक सहायक सरकारी वकील एवं अतिरिक्त लोक अभियोजक के रूप में कार्य किया।
उन्होंने अहमदाबाद में स्थित अपने विद्यालय सर एल ए शाह कॉलेज में 21 वर्ष तक अतिथि व्याख्याता के रूप में भी कार्य किया। अक्टूबर 2014 में उन्हें गुजरात उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया तथा दो वर्ष बाद उन्हें स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया।
न्यायमूर्ति आशुतोष कुमार ने गुवाहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली
न्यायमूर्ति आशुतोष कुमार ने सोमवार को गुवाहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने यहां आयोजित एक कार्यक्रम में न्यायमूर्ति कुमार को पद की शपथ दिलाई। न्यायमूर्ति कुमार इससे पहले पटना उच्च न्यायालय एवं दिल्ली उच्च न्यायालय में न्यायाधीश के रूप में सेवाएं दे चुके हैं।
शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने बाद में सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘न्यायमूर्ति आशुतोष कुमार के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुआ, जिन्होंने गुवाहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली है। उनके कार्यकाल के लिए मेरी शुभकामनाएं।’’
मनिंद्र मोहन श्रीवास्तव ने मद्रास उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली
न्यायमूर्ति मनिंद्र मोहन श्रीवास्तव ने सोमवार को मद्रास उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। यहां राजभवन में आयोजित एक सादा समारोह में राज्यपाल आर एन रवि ने न्यायमूर्ति श्रीवास्तव को पद की शपथ दिलाई।
उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन, शीर्ष सरकारी अधिकारियों, तमिलनाडु विधानसभा के अध्यक्ष एम अप्पावु तथा दुरईमुरुगन, केएन नेहरू, ईवी वेलु समेत कई मंत्रियों और अन्नाद्रमुक के नेताओं -- डी जयकुमार और सीवी षणमुगम ने न्यायमूर्ति श्रीवास्तव को गुलदस्ता एवं शॉल भेंट की।