जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर में पिछले हफ्ते हुए हमले और फीस वापस लेने को लेकर छात्र लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच छात्र शुक्रवार देर शाम परिसर में दोबारा विरोध प्रदर्शन करते देखे गए हैं। काफी संख्या में छात्र एकत्रित हुए। बता दें, पांच जनवरी को कुछ नकाबपोश लोगों ने विश्वविद्यालय परिसर में घुसकर छात्रों और शिक्षकों पर हमला किया था। परिसर में रविवार को हुई हिंसा की जांच कर रही अपराध शाखा सभी 14 शिकायतों की जांच भी कर रही है।
जेएनयू के छात्रों ने शुक्रवार को विश्वविद्यालय में मानव शृंखला बनाकर पांच जनवरी को हुए हमले का विरोध किया। छात्रों ने साबरमती टी-पॉइंट पर हाथ में तख्तियां लेकर शृंखला बनाई जिन पर 'शुल्क घटना चाहिए' जैसे नारे लिखे थे।
इधर, कांग्रेस ने दिल्ली पुलिस की ओर से कुछ संदिग्धों की तस्वीरें जारी किए जाने के बाद पुलिस पर राजनीतिक दबाव में काम करने का आरोप लगाया और कहा कि जेएनयू के कुलपति जगदीश कुमार के साथ ही शहर के पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक को तत्काल हटाया जाए।
पुलिस ने शुक्रवार को नौ संदिग्धों की तस्वीर जारी की और दावा किया कि जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष उनमें से एक थीं। पुलिस ने कहा कि नौ में से सात वामपंथी छात्र संगठनों से जुड़े हैं जबकि दो दक्षिणपंथी छात्र संगठन से जुड़े हैं।
मामले की जांच कर रहे अपराध शाखा के उपायुक्त जॉय तिर्की ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि एक जनवरी से पांच जनवरी के बीच काफी संख्या में छात्र शीतकालीन सेमेस्टर में पंजीकरण कराना चाहते थे लेकिन वामपंथी झुकाव वाले संगठन उन्हें ऐसा नहीं करने दे रहे थे।
डीसीपी ने पांच जनवरी को हुए हमले के सिलसिले में कहा कि विश्वविद्यालय के पेरियार छात्रावास के कुछ खास कमरों को निशाना बनाया गया। पुलिस अधिकारी ने दावा किया कि आइशी घोष समेत कुछ लोगों ने हॉस्टल में छात्रों पर हमला किया। हमले में घायल हुईं घोष ने हालांकि आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस के पास जो भी साक्ष्य हैं उन्हें सार्वजनिक करना चाहिए।