नयी दिल्ली, 19 नवंबर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम सहित नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के कार्यान्वयन के लिए जरूरी उपायों पर विचार करने की खातिर बृहस्पतिवार को एक समिति का गठन किया।
विश्वविद्यालय की अकादमिक परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
जेएनयू रेक्टर चिंतामणि महापात्रा ने कहा कि परिषद ने नयी शिक्षा नीति के कार्यान्वयन से जुड़े कुछ प्रमुख मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। इनमें मौजूदा तीन-वर्षीय बीए पाठ्यक्रमों को चार-वर्षीय कार्यक्रमों में परिवर्तित करने, नए चार-वर्षीय स्नातक कार्यक्रम शुरू करने और ऐसे विषयों में ऑनलाइन मास्टर स्तर के पाठ्यक्रम की शुरूआत करने की संभावना शामिल हैं जिनमें प्रयोगशाला या प्रायोगिक कार्य की आवश्यकता नहीं होती है।
उन्होंने कहा कि सामाजिक और आर्थिक रूप से वंचित वर्गों के छात्रों के लिए बेहतर अवसर प्रदान करने के वास्ते विश्वविद्यालय की समावेशी नीति को और मजबूत बनाने, अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या बढ़ाने और छात्रों और संकाय सदस्यों के बीच नवाचार और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया जाएगा।
महापात्रा ने कहा कि समिति एनईपी के अन्य पहलुओं पर भी गौर करेगी जो जेएनयू जैसे शोधोन्मुख विश्वविद्यालय के लिए प्रासंगिक हैं।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में ‘स्पेशल सेंटर फॉर सिस्टम्स मेडिसिन’ (एससीएसएम) स्थापित करने का भी निर्णय लिया गया है।
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