Jharkhand Election 2024 Date: झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए चुनावी बिगुल बजने के बाद सियासी दल अपनी रणनीति को अमली जामा पहनाने लग गई हैं। भाजपा जल्द ही अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर सकती है। सूत्रों की मानें तो भाजपा सूबे की 81 सीटों में से 68 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी, बाकी सभी सीटें सहयोगी दलों के लिए छोड़ेगी। 2 सीटों पर जदयू के उम्मीदवार होगा। वहीं, आजसू के खाते में 10 सीट पर समझौता 1 सीट पर आजसू का उम्मीदवार होगा, लेकिन चुनाव चिह्न बीजेपी का होगा।
सूत्रों का कहना है कि झारखंड भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी धनवार विधानसभा सीट से पार्टी के उम्मीदवार हो सकते हैं। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन अपनी सरायकेला सीट से चुनाव लड़ेंगे, जबकि उनके बेटे बाबूलाल सोरेन को घाटशिला से उम्मीदवार बनाने पर विचार किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि झारखंड विधानसभा में विपक्ष के नेता अमर कुमार बाउरी अपनी चंदनकियारी सीट से चुनाव लड़ेंगे।
इन सभी सियासी गणितों के बीच चर्चा है कि क्या पांच सालों तक झारखंड की सत्ता से दूर रहने के बाद भाजपा की सत्ता में वापसी होगी या फिर हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी की सहानुभूति झामुमो और विपक्षी गठबंधन में शामिल पार्टियों को मिलेगी? सभी सियासी दल चुनाव के लिए अपनी-अपनी कमर कस ली है। संभव है कि हेमंत सोरेन चुनाव प्रचार के दौरान जेल जाने का सहानुभूति लेने की कोशिश करेंगे।
हालांकि लोकसभा चुनाव के दौरान उनके जेल में रहते हुए उनकी पार्टी को पिछली बार की तुलना में दो सीटें अधिक हासिल हुई। इस बीच, झामुमो की सहयोगी पार्टी कांग्रेस ने दावा किया है कि राज्य की जनता आगामी विधानसभा चुनाव में हेमंत सोरेन के साथ हुए सुलूक का बदला लेगी।
कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत ने कहा कि झामुमो के नेता हेमंत सोरेन को ‘फर्जी मामले में फंसाकर’ उनके साथ जो सुलूक किया गया है, उसका बदला विधानसभा चुनाव में प्रदेश की जनता वोट के माध्यम से लेगी। उन्होंने कहा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने जिस तरह से ‘संविधान बचाने’ की बात की है, उसका असर भी झारखंड विधानसभा चुनाव में देखने को मिलेगा।
हालांकि इस बार के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने भले ही सूबे की सबसे अधिक सीटों पर जीत हासिल की, लेकिन 2019 की चुनाव की तुलना में भाजपा को भारी नुकसान झेलना पड़ा है। पिछले लोकसभा चुनाव में पार्टी ने 11 सीटों पर जीत का डंका बजाया था, जबकि इस बार ये नंबर घटकर 8 ही रह गया।
वहीं विपक्ष की बात की जाए तो कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव 2024 में 7 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे, झामुमो ने 5 सीट पर, जबकि राजद और भाकपा-माले ने एक-एक सीट पर चुनाव लड़ा था। कांग्रेस ने सात में से 2 सीटों पर जीत हासिल की, पिछली बार के चुनाव में उसे एक सीट नसीब हुई थी। जबकि झामुमो एक सीट से बढ़कर तीन पर पहुंच गई।
मतलब साफ है कि 2019 की तुलना में विपक्ष थोड़ा मजबूत स्थिति में नजर आ रहा है। इस बीच भाजपा विधायक सीपी सिंह ने कहा कि भाजपा के अंदर कोई जिच नहीं है न ही कोई किच-किच। सीट शेयरिंग को लेकर झामुमो कांग्रेस राजद और माले गठबंधन में देखने को मिलेगा, क्योंकि सब ताल ठोकते हैं कि हम इतनी सीटों पर लड़ेंगे। यह लोग कितना भी गठबंधन कर लें भाजपा के आगे टिकेगी नहीं, क्योंकि हम लोगों ने पूरी तैयारी कर ली है। विधानसभा स्तर पर चुनाव प्रबंधन कमेटी बनेगी और काम तेज हो जाएगा।