Jhansi medical college Fire Live Updates:उत्तर प्रदेश के झांसी में भीषण हादसा हो गया। लापरवाही के कारण 10 मासूम की मौत हो गई! अस्पताल में भीषण आग लगने के पीछे शॉर्ट सर्किट था। एक प्रत्यक्षदर्शी ने आरोप लगाया कि इस त्रासदी के पीछे एक नर्स की लापरवाही थी। हालांकि शनिवार शाम उत्तर प्रदेश सरकार को जांच रिपोर्ट सौंपे आने के बाद महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज में आग लगने के कारणों की स्पष्ट तस्वीर सामने आएगी। घटना के समय हमीरपुर निवासी भगवान दास वार्ड में थे, क्योंकि उनका बेटा वहां भर्ती था।
दास ने दावा किया कि एक नर्स ने ऑक्सीजन सिलेंडर के पाइप को जोड़ने का प्रयास करते समय माचिस की तीली जलाई। ऑक्सीजन युक्त वातावरण होने के कारण वार्ड जल्दी ही एक टिंडरबॉक्स बन गया। दास ने कहा, ऑक्सीजन अत्यधिक ज्वलनशील है और इससे पूरे वार्ड में तुरंत आग लग गई। दास ने बताया, "जैसे ही माचिस जलाई, पूरे वार्ड में आग लग गई।"
उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में आग लगने से कम से कम 10 नवजात शिशुओं की मौत के कुछ घंटों बाद, राज्य सरकार ने शनिवार को मृतकों के माता-पिता को पांच-पांच लाख रुपये की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की। उत्तर प्रदेश सरकार के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शनिवार को जारी एक बयान में कहा गया है कि राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने झांसी मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू में हुई घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। बयान में कहा गया है, ‘‘घटना में असामयिक मृत्यु का शिकार हुए नवजात शिशुओं के माता-पिता को मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुख्यमंत्री राहत कोष से पांच-पांच लाख रुपये और घायलों के परिजनों को 50-50 हजार रुपये की सहायता प्रदान की जा रही है।" बयान में कहा गया है कि शुक्रवार देर रात घटना की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री ने उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक और प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को मौके पर भेजा।
इसमें बताया गया कि मुख्यमंत्री रात भर घटनास्थल से हर पल की जानकारी लेते रहे। बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने झांसी के संभागीय आयुक्त और पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) को घटना के संबंध में 12 घंटे के भीतर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है। उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में शुक्रवार रात महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में आग लगने से 10 बच्चों की मौत हो गई।
अधिकारियों ने बताया कि इस हादसे में घायल हुए 16 अन्य बच्चे जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं। जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) अविनाश कुमार ने संवाददाताओं को बताया कि महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज की नवजात गहन चिकित्सा इकाई (एनआईसीयू) में शुक्रवार रात करीब पौने 11 बजे आग लग गई, जो संभवतः शॉर्ट सर्किट के कारण लगी थी।
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने शनिवार को कहा, "घटना में 10 नवजात बच्चों की मौत हो गई है। झांसी मेडिकल कॉलेज के अन्य वार्ड में 16 बच्चों का इलाज जारी है।" उन्होंने बताया कि यह घटना बिजली के शॉर्ट सर्किट के कारण हुई और उन्होंने आश्वासन दिया कि दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) सुधा सिंह ने शनिवार की सुबह संवाददाताओं को बताया कि 16 घायल बच्चों का इलाज किया जा रहा है और उनकी जान बचाने के प्रयास जारी हैं। उन्होंने कहा कि उनके लिए सभी डॉक्टर उपलब्ध हैं और पर्याप्त चिकित्सा सुविधाएं भी हैं। सिंह ने कहा कि 10 बच्चों की मौत हो गई और अन्य को या तो बचा लिया गया या वे घायल हैं।
ऐसी भी जानकारी मिली है कि एनआईसीयू में आग लगने के बाद कुछ माता-पिता अपने बच्चों को घर ले गए। उन्होंने कहा कि पुलिस एनआईसीयू में भर्ती बच्चों की संख्या और उनकी वर्तमान स्थिति की पुष्टि करने का प्रयास कर रही है। सिंह ने कहा, "मेडिकल कॉलेज ने बताया है कि घटना के समय 52 से 54 बच्चे भर्ती थे। उनमें से 10 की मौत हो गई, 16 का इलाज जारी है जबकि अन्य के लिए सत्यापन जारी है।"
उन्होंने कहा कि देर रात करीब एक बजे एनआईसीयू में बचाव अभियान पूरा हो गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में एक मेडिकल कॉलेज के बच्चों के वार्ड में आग लगने की घटना में शिशुओं की मौत होने पर शोक व्यक्त किया और प्रत्येक मृतक के परिजन को दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने प्रधानमंत्री मोदी के हवाले से सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘हृदयविदारक! उत्तर प्रदेश में झांसी के मेडिकल कॉलेज में आग लगने से हुआ हादसा मन को व्यथित करने वाला है। इसमें जिन्होंने अपने मासूम बच्चों को खो दिया है, उनके प्रति मेरी गहरी शोक-संवेदनाएं हैं। ईश्वर से प्रार्थना है कि उन्हें इस अपार दुख को सहने की शक्ति प्रदान करे।
राज्य सरकार की देखरेख में स्थानीय प्रशासन राहत और बचाव के हरसंभव प्रयास में जुटा है।’’ कार्यालय ने एक अन्य ‘पोस्ट’ के जरिए बताया कि प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश के झांसी मेडिकल कॉलेज में आग लगने की घटना में मारे गए प्रत्येक बच्चे के परिजन को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से दो-दो लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है।
उसने बताया कि घायलों को पचास-पचास हजार रुपये दिए जाएंगे। झांसी के जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने संवाददाताओं बताया कि अस्पताल की नवजात शिशु देखभाल इकाई (एनआईसीयू) में शुक्रवार रात दस बजकर 45 मिनट पर संभवत: शार्ट सर्किट से आग लग गयी थी जिसके कारण 10 बच्चों की मौत हो गई और 16 अन्य घायल हो गए।
मध्य रात्रि के करीब अस्पताल पहुंचे झांसी के मंडल आयुक्त विमल दुबे ने संवाददाताओं को बताया कि एनआईसीयू के भीतरी हिस्से में करीब 30 बच्चे थे और उनमें से अधिकतर को निकाल लिया गया था। झांसी की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) सुधा सिंह ने शनिवार को बताया कि इस हादसे में गंभीर रूप से झुलसे 16 बच्चों का इलाज जारी है।
इस हादसे के समय एनआईसीयू में 50 से अधिक बच्चे भर्ती थे। झांसी पुलिस ने सोशल मीडिया पर एक संक्षिप्त बयान में कहा कि दमकल विभाग की एक गाड़ी को घटनास्थल पर भेजा गया,साथ ही जिले के वरिष्ठ अधिकारी भी मेडिकल कॉलेज पहुंचे। झांसी के पास स्थित महोबा जिले के एक दंपति ने इस हादसे में अपने नवजात बच्चे को खो दिया है।
बच्चे की मां ने संवाददाताओं को बताया कि उनके बच्चे का जन्म 13 नवंबर को सुबह आठ बजे हुआ था। उन्होंने रोते हुए कहा, ‘‘मेरा बच्चा आग में जलकर मर गया।’’ लखनऊ में जारी एक बयान के अनुसार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना का संज्ञान लिया और जिला प्रशासन के अधिकारियों को हादसे में झुलसे बच्चों का समुचित इलाज कराने का निर्देश दिया।