पटना: बिहार के समस्तीपुर में कथित तौर पर भीड़ द्वारा पीट-पीट कर एक मुस्लिम युवक को मार दिये जाने के मामले में अंदेशा व्यक्त किया जा रहा है कि घटना को तथाकथित गौरक्षकों ने अंजाम दिया है।
जानकारी के मुताबिक सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे कथित वीडियो को कुछ इस तरह से दिखाया जा रहा है कि भीड़ कथित तौर पर गोहत्या के नाम पर बिहार में सत्ताधारी दल जनता दल (यूनाइटेड) के कार्यकर्ता मोहम्मद खलील आलम को पीट-पीटकर मार देती है और बाद में उसके शव को किसी गड्ढे में दबा देती है।
इतना ही नहीं वीडियो में यह भी दिखाया गया है कि जेडीयू के कार्यकर्ता मोहम्मद खलील आलम हमलावरों के सामने हाथ जोड़कर जान बख्श देने की फरियाद कर रहे हैं लेकिन वहशी भीड़ उनकी एक बात नहीं सुनती है। भीड़ बर्बर तरीके से पीड़ित के साथ अत्याचार करती है और उसे बुरी तरह से प्रताड़ित करते हुए उसके साथ जमकर मारपीट करती है।
इस मामले में बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और राजद के वरिष्ठ सदस्य तेजस्वी यादव ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। तेजस्वी यादव ने ट्विटर के माध्यम से नीतीश सरकार पर हमला करते हुए एक समाचार पत्र की कटिंग को साझा करते हुए कानून-व्यवस्था के हालत पर सवाल खड़ा किया है।
तेजस्वी यादव ने ट्वीट किया है, "बिहार की एनडीए सरकार में कानून व्यवस्था पूर्णतः समाप्त हो चुकी है। गाय के नाम पर मुस्लिम युवक जो स्वयं जेडीयू नेता था उसे पीट कर, जिंदा जलाकर दफ़ना दिया गया। नीतीश जी बताए, बिहार में लगातार ऐसी घटनाएं क्यों हो रही है? लोग कानून को हाथ में क्यों ले रहे है?"
जानकारी के मुताबिक मोहम्मद खलील आलम का शव परिजनों के द्वारा 16 फरवरी को उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने के चार दिन बाद यानी 20 फरवरी को बूढ़ी गंडक नदी से बरामद हुआ।
पुलिस ने मामले में जो जानकारी साझा की है उसके अनुसार पीड़ित के परिवार वालों को रिपोर्ट दर्ज कराने के अगले कुछ दिनों बाद तक किसी मोबाइल नंबर से पैसे मांगने के लिए फोन आते थे। फोन करने वाला शख्स इस बात का दावा कर रहा था कि मोहम्मद खलील आलम ने उससे 5 लाख रुपये उधार लिए हैं।
समस्तीपुर के पुलिस उपाधीक्षक मोहम्मद सेहबान हबीब फाकरी ने बताया, "हमने प्राप्त हुए वीडियो के आधार पर विपुल कुमार नाम के आरोपी की शिनाख्त की और उसे गिरफ्तार कर लिया है।
जांच के दौरान पता चला कि उसने मोहम्मद खलील आलम को पांच साल पहले एक सरकारी नौकरी दिलाने के लिए 3.70 लाख रुपये दिए थे। लेकिन बकौल विपुल कुमार मोहम्मद खलील आलम न तो पैसे लौटा रहा था और न ही उसे कोई नौकरी दिला पा रहा था।
इस बात से नाराज विपुल ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर मुसरीघरारी थाना क्षेत्र निवासी मोहम्मद खलील आलम का अपहरण कर लिया और उसे नजदीक के एक पोल्ट्री फार्म में ले गया। जहां कई लोगों ने मिलकर उसे बेरहमी से पीटा।
उन लोगों ने मोहम्मद खलील आलम के शरीर पर पेट्रोल डाला और आग लगा दी। बाद में उसके जले हुए शव को एक गड्ढे में दबा दिया। आरोपी ने शव को जल्दी से गलाने के लिए मिट्टी डालने से पहले उस पर ढेर सारा नमक भी डाल दिया था।
उसके बाद विपुल कुमार ने कथित तौर पर मोहम्मद खलील आलम के फोन से उसका सिम निकाला और उसी के सिमकार्ड से मोहम्मद खलील आलम की पत्नी को फोन करके 5 लाख रुपये की मांग कर रहा था।