पटनाः बिहार में नई सरकार के गठन के बाद विधान परिषद सभापति के तौर पर देवेश चंद्र ठाकुर ने आज अपना पदभार ग्रहण कर लिया। देवेश चंद्र ठाकुर विधान परिषद के 12वें स्थायी सभापति बने हैं। विधान परिषद के 85 साल के इतिहास में अब तक केवल 11 ऐसे सभापति हुए हैं, जो स्थायी रहे हो, इसके अलावा सदन की जिम्मेदारी कार्यकारी सभापतियों के जिम्मे रही है।
आज देवेश चंद्र ठाकुर स्थायी सभापति के तौर पर आज कामकाज संभाल लिया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सभापति देवेश चंद्र ठाकुर को आसन तक लेकर गए। सदन की तरफ से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नवनिर्वाचित सभापति देवेश चंद्र ठाकुर का अभिनंदन किया। इसके बाद सभी पक्ष और विपक्ष के नेताओं को अपनी बात रखने का मौका दिया गया है।
डेढ़ बजे सभापति देवेश चन्द्र ठाकुर धन्यवाद देकर परिषद की कार्यवाही शुक्रवार को 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। कल विधान परिषद के उपसभापति का चुनाव होगा। इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सदन में कहा कि आज नये सभापति ने आसन ग्रहण कर लिया, लेकिन पुराने सभापति अवधेश नायारण सिंह को कभी नहीं भूलेंगे, वे सभी का ध्यान रखते थे।
नये सभापति से भी सभी को उम्मीद है कि सभी काम अच्छे ढंग से होंगे और सदन अच्छी तरह से चलेगा। वहीं, उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि आपका अनुभव स्वच्छ छवि है। ये भी आपका प्रयास रहा है कि सारी समस्याओं का निदान किया जा सके। इस सदन को विश्वास दिलाते हैं कि नीतीश कुमार जी की अगुवाई में जनता की सरकार बनी है।
बिहार की तरक्की और भाईचारा कायम करने की हमारी कोशिश होगी। जबकि, सदन में नेता प्रतिपक्ष के तौर पर मौजूद सम्राट चौधरी ने भी सभापति चुनाव में निर्विरोध निर्वाचित होने पर बधाई दी। विपक्ष की तरफ ने सम्राट चौधरी ने सभापति को आश्वस्त किया कि उन्हें विपक्ष की तरफ से पूरा सहयोग दिया जाएगा और लोकतंत्र बचाने के लिए जब भी जरूरत होगी पूरा विपक्ष उनके साथ खड़ा होगा।
वहीं उन्होंने विधान परिषद के पूर्व सभापति अवधेश नारायण सिंह के कार्यों की सराहना की। उन्होंने भरोसा जताया कि सदन में लोकतंत्र की रक्षा होगी। सम्राट ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश ने यहां का डीएनए कहीं भी जाने का तय कर दिया है। हम तो दूसरी पीढ़ी है जो नीतीश जी धोखा खाए हुए हैं।
इसबीच, राजद विधान पार्षद रीना देवी के द्वारा सभापति देवेश चन्द्र ठाकुर को बधाई देते समय जुबान फिसल गई। उन्होंने कहा कि कमल दलदल में खिलता है, लेकिन हमने लालटेन को तीर के साथ रखा है। तीर को तोड़ कर राष्ट्र को समर्पित कर दिया जाएगा। बाद में सुधार करते हुए कहा कि मेरा कहना कमल तोड़ने का था।
जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) नेता ठाकुर बिहार विधान परिषद के तीसरी बार सदस्य बने हैं और उन्होंने बुधवार को सभापति पद के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था। यह पद मई 2017 से खाली था, जब उच्च सदन के अंतिम सभापति अवधेश नारायण सिंह का कार्यकाल समाप्त हो गया था।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के तत्कालीन उपसभापति हारून राशिद ने वर्ष 2020 में अपने कार्यकाल के अंत तक कार्यकारी सभापति के तौर पर काम किया। इसके बाद भाजपा सदस्य अवधेश नारायण सिंह को कार्यकारी सभापति बनाया गया था।