श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में पाकिस्तान की ओर से की गई फायरिंग में सेना के दो जवान शहीद हो गए हैं। कल शुक्रवार को पाकिस्तान की तरफ से उरी सेक्टर के रामपुर में फायरिंग की गई थी। फायरिंग में तीन जवान घायल हो गए थे। दो जवानों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। कश्मीर की आबो-हवा के साथ खिलवाड़ करने की नापाक आदत से पाकिस्तान बाज नहीं आ रहा है। बीते एक माह से पाकिस्तान की तरफ से एलओसी से सटे इलाकों में फायरिंग व आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है।
पाकिस्तान की तरफ से की गई फायरिंग के जवाब में भारतीय सैनिकों ने मुंहतोड़ जवाब दिया था। लेकिन पाक फायरिंग में तीन सैनिक घायल हो गए थे। इन्हें तुरंत ही पास के सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया था। शुक्रवार देर शाम इलाज के दौरान दो सैनिकों ने दम तोड़ दिया। शहीद होने वाले जवान, हवलदार गोकर्ण सिंह और दूसरे नायक शंकर एस पी हैं।
पाकिस्तानी सेना ने शुक्रवार को संघर्ष विराम का उल्लंघन कर नियंत्रण रेखा के नजदीक जम्मू-कश्मीर के बारामूला जिले में अकारण गोलीबारी की, जिसमें तीन जवान घायल हो गए। एक रक्षा प्रवक्ता ने यह जानकारी दी थी। रक्षा प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने एक बयान में कहा था, ''एक मई 2020 को पूर्वाह्न लगभग तीन बजकर 30 मिनट पर पाकिस्तानी सेना ने बारामूला जिले में नियंत्रण रेखा से लगे रामपुर सेक्टर में अकारण संघर्ष विराम का उल्लंघन किया। '' उन्होंने कहा कि संघर्ष विराम उल्लंघन में तीन जवान घायल हो गए था। कालिया ने कहा, ''भारतीय सेना ने भी मुंहतोड़ जवाब दिया था। पाकिस्तान की फायरिंग में घायल हुए दो जवानों ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।''
पीओके में जिहादी शिविरों की मौजूदगी के बारे में आयी खबरें आधारहीन: पाकिस्तान
पाकिस्तान ने बृहस्पतिवार को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में जिहादी शिविरों की मौजूदगी के बारे में मीडिया की खबरों को आधारहीन करार दिया, उसका कहना है कि इस तरह के दावे जम्मू-कश्मीर से दुनिया का ध्यान हटाने के लिए किए जाते हैं। विदेश कार्यालय की प्रवक्ता आइशा फारूकी ने यह भी कहा कि पाकिस्तान सार्क सम्मेलन के आयोजन के लिए प्रतिबद्ध है और दक्षिण एशिया में क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने में अपनी रचनात्मक भूमिका निभाता रहेगा। पीओके में जिहादी शिविरों की उपस्थिति के बारे में मीडिया में आई खबरों से जुड़े पर एक सवाल का जवाब देते हुए, उन्होंने कहा कि इस तरह के निराधार दावे जम्मू-कश्मीर से दुनिया का ध्यान हटाने के मकसद से किया गया है।