लाइव न्यूज़ :

जम्मू-कश्मीरः LoC पर 10 दिनों से पाकिस्तान कर रहा नापाक हरकतें, सीमावासियों के लिए खुशियां नहीं लाया नया साल 

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: January 10, 2020 20:00 IST

जम्मू-कश्मीरः नए वर्ष के साथ ही गोलाबारी शुरू कर पाकिस्तान ने स्पष्ट संकेत दे दिया था कि इस साल भी पाकिस्तान सीमा पर खून-खराबा करने से बाज नहीं आएगा। अब तक इस गोलाबारी में किसी तरह के जानमाल के नुकसान की कोई सूचना नहीं है।

Open in App
ठळक मुद्देनया वर्ष जम्मू कश्मीर के उन वाशिंदों के लिए कोई खुशी नहीं लाया है जो पिछले 10 दिनों से अपने घरों में इसलिए दुबके बैठे हैं। एलओसी के कई सेक्टरों में पाक गोलाबारी उन्हें घरों के अंदर दुबकने को मजबूर कर रही है।

नया वर्ष जम्मू कश्मीर के उन वाशिंदों के लिए कोई खुशी नहीं लाया है जो पिछले 10 दिनों से अपने घरों में इसलिए दुबके बैठे हैं क्योंकि पाक सेना के तोपखाने उन पर आग बरसा रहे हैं। एलओसी के कई सेक्टरों में पाक गोलाबारी उन्हें घरों के अंदर दुबकने को मजबूर कर रही है। हालत यह है कि इस अरसे में गोलाबारी का मुहंतोड़ जवाब तो दिया जा रहा है पर बेशर्म पाक सेना हर जख्म पर और ज्यादा बिफरते हुए हमलों को तेज कर रही है।

यही नहीं एलओसी तथा इंटरनेशनल बार्डर पर पाकिस्तान की घुसपैठ करवाने की कोशिशें स्पष्ट संकेत हैं कि वह सीमा पर हालात खराब करने के मौके तलाश रहा है। ऐसे में आईबी पर सीमा सुरक्षाबल व एलओसी पर सेना कड़ी चौकसी बरत रही है। आज भी पाकिस्तान ने दिन की शुरूआत पुंछ के गुलपुर इलाके में गोलाबारी से की। पाकिस्तान की ओर से सुबह छह बजे से भारतीय चौकियों, रिहायशी इलाकों को निशाना बनाकर गोलाबारी कर रही है। भारतीय सेना भी इसका कड़ा जवाब दे रही है।

नए वर्ष के साथ ही गोलाबारी शुरू कर पाकिस्तान ने स्पष्ट संकेत दे दिया था कि इस साल भी पाकिस्तान सीमा पर खून-खराबा करने से बाज नहीं आएगा। अब तक इस गोलाबारी में किसी तरह के जानमाल के नुकसान की कोई सूचना नहीं है।

नए साल की बात करें तो अब तक 10 दिनों में ही पाकिस्तान ने जम्मू संभाग में एलओसी पर 66 बार गोलाबारी की है। इनमें से 15 बार जम्मू में अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर आतंकवादियों की घुसपैठ करवाने के लिए गोलियां दागी गई हैं। यह गनीमत है कि अभी तक पाकिस्तन की इस गोलाबारी में जानमाल का अधिक नुकसान नहीं हुआ है।

बीते वर्ष में पाकिस्तान ने 3586 बार गोले दाग संघर्ष विराम तोड़ते हुए सीमा पर खूब खून बहाया। यह पिछले 16 सालों से सबसे ज्यादा थी। वर्ष 2018 के मुकाबले सीमा पर पाकिस्तान की गोलाबारी में तीन गुणा बढ़त दर्ज हुई है। पिछले साल संघर्ष विराम के मामलों में राज्य में 61 लोगों की मौतें हुई व अढ़ाई सौ के करीब घायल हुए। जबकि वर्ष 2017 में सीमा पर संघर्ष विराम के 971 मामलों में 19 सुरक्षाकर्मियों समेत 31 लोग मारे गए व 151 घायल हुए थे।

पाकिस्तान ने गोलाबारी से सीमा पर कई बार दहशत पैदा कर लोगों को घर छोड़ने के लिए मजबूर किया। इस दौरान दोनों देशों में करीब दो दर्जन बार बिग्रेड कमांडर, सेक्टर कमांडर स्तर की फ्लैग मीटिंगों के बाद भी पाकिस्तान गोले दागने से बाज नही आया। 

गोलाबारी प्रभावित जिलों में आईबी पर कठुआ, सांबा, जम्मू व नियंत्रण रेखा के राजौरी-पुंछ जिले शामिल थे। ऐसे हालात में बीते वर्ष सीमांत क्षेत्रों में केंद्र सरकार द्वारा मंजूर किए गए बंकर बनाने के कार्य ने भी जोर पकड़ा। केंद्र सरकार ने एलओसी व आईबी पर 14400 बंकर बनाने के लिए 415 करोड़ रूपये मंजूर किए गए। संभाग के पांच जिलों में इन बंकरों में से 300 बंकर बन गए हैं।

टॅग्स :एलओसीजम्मू कश्मीरपाकिस्तान
Open in App

संबंधित खबरें

विश्वपाकिस्तान: सिंध प्रांत में स्कूली छात्राओं पर धर्मांतरण का दबाव बनाने का आरोप, जांच शुरू

बॉलीवुड चुस्कीDhurandhar: फिल्म में दानिश पंडोर निभा रहे हैं उज़ैर बलूच का किरदार, कराची का खूंखार गैंगस्टर जो कटे हुए सिरों से खेलता था फुटबॉल, देखें उसकी हैवानियत

विश्वपाकिस्तान में 1,817 हिंदू मंदिरों और सिख गुरुद्वारों में से सिर्फ़ 37 ही चालू, चिंताजनक आंकड़ें सामने आए

भारतDrung Waterfall: महीनों बाद खुला द्रुग वाटरफाल, टंगमर्ग राइडर्स की रोजी-रोटी में मदद मिली

भारतJammu-Kashmir Power Shortage: सर्दी बढ़ने के साथ कश्मीर में गहराया बिजली सकंट, करीब 500 मेगावाट बिजली की कमी से परेशान लोग

भारत अधिक खबरें

भारतशशि थरूर को व्लादिमीर पुतिन के लिए राष्ट्रपति के भोज में न्योता, राहुल गांधी और खड़गे को नहीं

भारतIndiGo Crisis: सरकार ने हाई-लेवल जांच के आदेश दिए, DGCA के FDTL ऑर्डर तुरंत प्रभाव से रोके गए

भारतबिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र हुआ अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित, पक्ष और विपक्ष के बीच देखने को मिली हल्की नोकझोंक

भारतBihar: तेजप्रताप यादव ने पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर

भारतबिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम हुआ लंदन के वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज, संस्थान ने दी बधाई