Jammu-Kashmir: कश्मीर के मोर्चे से यह खुशखबरी है कि कश्मीर में पाक परस्त आतंकवाद से जुड़ी हिंसा में जबरदस्त कमी आई है। हालांकि आतंक और दहशत में कोई कमी नहीं आई थी जिस कारण सीमा पार से बना हुआ खतरा अपने स्थान पर बरकार था। आंकड़े इसे बयां करते हैं कि पिछले महीने मात्र दो हत्याओं के साथ आतंकी हिंसा ने पिछले पांच साल का रिकार्ड तोड़ा है। इतना जरूर था कि पिछले महीने श्रीनगर के नौगाम पुलिस स्टेशन में हुए धमाके, जिनमें नौ लोग मारे गए थे, को फिलहाल संदिग्ध की श्रेणी में ही डाला गया है।
अगर आधिकारिक रिकार्ड पर एक नजर डालें तो पिछले साल नवम्बर महीना 12 लोगों को लील गया था। हालांकि इनमें एक सुरक्षाकर्मी, 8 आतंकी और तीन नागरिक थे। इसी तरह से वर्ष 2023 का नवम्बर महीना 18 लोगों की जानें लेने में कामयाब रहा था। जबकि वर्ष 2022 व वर्ष 2021 में क्रमशः 11 और 21 मौतें को कश्मीर ने नवम्बर महीने मंे देखा था।अगर पुलिस के दावों पर विश्वास करें तो इस साल 30 नवम्बर तक जम्मू कश्मीर में आतंकी घटनाओं में 116 मौतें हुई हैं।
इनमें 42 आतंकी, और 20 सुरक्षाकर्मी शामिल थे जबकि सबसे ज्यादा 53 नागरिक थे जो पाक परस्त आतंकवाद का शिकार हुए थे। इसलिए यह अभी भी कहा जा रहा है कि चाहे आतंकी हिंसा में कमी आई है पर पाक परस्त आतंकवाद की दहशत अभी भी मौजूद है।
आधिकारिक रिकार्ड बताता था कि इस साल अभी तक अपै्रल महीना सबसे अधिक खूनी रहा था जब 43 मौतों को कश्मीर ने देखा था। और इससे कम मई था जब 26 लोग मारे गए थे। इस साल ने सबसे बड़ा आतंकी हमला भी झेला था जब आतंकियों ने पहलगाम के बैसरन वैली इलाके में 22 अप्रैल को 26 पर्यटकों को मार गिराया था।