जम्मूः परिसीमन आयोग के जम्मू कश्मीर का दौरा आरंभ होते ही राजनीतिक घमासान आरंभ हो गया है।
पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने परिसीमन आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए मुलाकात करने से इंकार कर दिया है। गुपकार गठबंधन के बाकी दलों ने मुलाकात के लिए सहमति जताई है। पर कांग्रेस ने वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर परिसीमन किए जाने पर आपत्ति प्रकट की है। आयोग जम्मू और कश्मीर दोनों संभाग में 200 से ज्यादा प्रतिनिधिमंडलों से मिलेगा।
आयोग के जम्मू कश्मीर दौरे से ठीक पहले गुपकार गठबंधन के दो क्षेत्रीय राजनीतिक दलों ने अलग-अलग रास्ते चुने हैं। एक तरफ नेकां ने घोषणा की है कि पांच सदस्यीय टीम आयोग से मिलेगी, जबकि पीडीपी आयोग से नहीं मिलेगी। महबूबा मुफ्ती की पीडीपी को छोड़कर प्रदेश में पंजीकृत शेष 11 दलों ने परिसीमन प्रक्रिया में शामिल होने पर सहमति जता दी है।
इनमें नेकां के अलावा भाजपा, कांग्रेस, पैंथर्स पार्टी, अपनी पार्टी, पीपुल्स कांफ्रेंस, बहुजन समाज पार्टी प्रमुख हैं। कई संगठनों ने भी आयोग से मिलने का समय लिया है। आयोग के दौरे को देखते हुए सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। वैसे दावा यह किया जा रहा है कि यह दौरा जम्मू कश्मीर की सियासी तस्वीर तय करने में निर्णायक होने वाला है।
परिसीमन आयोग के दौरे को लेकर पीडीपी ने बहिष्कार की घोषणा करते हुए मुखिया महबूबा मुफ्ती ने एक पत्र जारी किया है। जिसमें उन्होंने लिखा है कि पीडीपी परिसीमन आयोग को यह पत्र भेज रही है। लोगों की पीड़ा को कम करने के लिए कोई आधारभूत कार्य नहीं किया गया है। राजनीतिक गतिविधि के लिए कोई विश्वसनीय कदम नहीं उठाए गए हैं।
जिसको देखते हुए परिसीमन आयोग की बैठक में पीडीपी शामिल नहीं होगी। पीडीपी महासचिव जीएन हंजुरा द्वारा हस्ताक्षरित पत्र में जम्मू-कश्मीर के लोगों के हितों को ठेस पहुंचाने के लिए परिसीमन आयोग के अभ्यास को पूर्व नियोजित होने का आरोप लगाया गया है। आयोग की अध्यक्ष जस्टिस (सेवानिवृत्त) रंजना देसाई को लिखे गए पत्र में पीडीपी ने कहा कि 5 अगस्त 2019 को संवैधानिक और लोकतांत्रिक मूल्यों को कुचल दिया गया। जम्मू कश्मीर के लोगों से उनके अधिकार छीन लिए गए। जिसका क्रम अभी भी जारी है।
देश भर में परिसीमन प्रक्रिया को 2026 तक रोक दिया गया है लेकिन जम्मू कश्मीर अपवाद बना दिया गया है। 24 जून को नई दिल्ली में सर्वदलीय बैठक बुलाई गई। जिसमें हमने अपने दुख को आड़े नहीं आने दिया। लोगों के लिए हमने बैठक में भाग लिया। बैठक में हमने लोगों की जरूरत पर जोर दिया। साथ ही लोगों तक पहुंचने के लिए और विशिष्ट विश्वास निर्माण उपायों का सुझाव दिया।
इतना जरूर था कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी जम्मू कश्मीर ने साल 2011 की जनगणना पर परिसीमन किए जाने पर सवाल उठाया है और मौजूदा जनसंख्या को ध्यान में रखकर परिसीमन किए जाने पर विचार करने के लिए कहा है। परिसीमन आयोग के दौरे से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की जम्मू में बैठक हुई जिसमें आयोग के समक्ष रखी जाने वाली प्रमुख मुद्दों पर विचार विमर्श किया गया।