जम्मू-कश्मीर: आर्टिकल 370 हटाने के संकल्प पर राज्य सभा में हंगामा, अमित शाह ने कहा- एक सेकेंड की भी देर नहीं होनी चाहिए
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 5, 2019 12:19 PM2019-08-05T12:19:50+5:302019-08-05T12:19:50+5:30
अमित शाह ने कहा, 'संविधान में अनुच्छेद 370 अस्थाई था, इसका मतलब ही यह था कि इसे किसी न किसी दिन हटाया जाना था लेकिन अभी तक किसी भी राजनीतिक दल में इच्छाशक्ति नहीं थी।'
जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के संकल्प और इसे लद्धाख से अलग कर केंद्र शासित बनाने के विधेयक को पेश करने के दौरान सोमवार को राज्य सभा में जबर्दस्त हंगामा देखने को मिला। गृह मंत्री अमित शाह ने विधेयक पेश करने के दौरान कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद को इस पर चर्चा के लिए चुनौती दी। साथ ही उन्होंने कहा कि इस आर्टिकल को हटाने में एक सेकेंड की भी देरी नहीं की जानी चाहिए।
अमित शाह ने कहा, ' गुलाम नबी आजाद को अगर ऐसा लगता है कि यह असंवैधानिक है तो वे लोकतांत्रित तंत्र के मुताबिक चर्चा करें। मैं चर्चा करने के लिए तैयार हूं।'
अमित शाह ने कहा, 'संविधान में अनुच्छेद 370 अस्थाई था, इसका मतलब ही यह था कि इसे किसी न किसी दिन हटाया जाना था लेकिन अभी तक किसी भी राजनीतिक दल में इच्छाशक्ति नहीं थी कि इसे हटाने की ओर कदम बढ़ाया। लोग वोट बैंक की राजनीति करते थे लेकिन हमें वोट बैंक की परवाह नहीं है। पीएम मोदी जी इच्छाशक्ति के धनी हैं।'
अमित शाह ने साथ ही कहा, 'विपक्ष के नेता ने कहा कि आर्टिकल 370 से जम्मू-कश्मीर भारत से जुड़ा। यह सही नहीं है। महाराज हरी सिंह ने 27 अक्टूबर 1947 को भारत से जुड़ने का समझौता किया लेकिन आर्टिकल 370 को 1954 में लाया गया।'
HM Amit Shah in Rajya Sabha: Under the umbrella of Article 370 three families looted J&K for yrs. Leader of Opposition (GN Azad) said Article 370 connected J&K to India, it's not true. Maharaja Hari Singh signed J&K Instrument of Accession on 27 Oct 1947, Article 370 came in 1954 pic.twitter.com/qCkP1bdivv
— ANI (@ANI) August 5, 2019
अमित शाह ने कहा कि विपक्ष को बताया चाहिए कि जब सबसे ज्यादा पैसा जम्मू-कश्मीर को दिया जाता था तो आज भी कश्मीरी गरीब क्यों हैं। अमित शाह ने साथ ही इस बात पर भी जोर दिया कि आर्टिक 370 को हटाने में एक सेकेंड की भी देरी नहीं करनी चाहिए।