जम्मू कश्मीर: जानें क्या है आर्टिकल 35A जिसे रद्द करने की हो रही है चर्चा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 5, 2019 09:21 AM2019-08-05T09:21:48+5:302019-08-05T09:21:48+5:30

जम्मू कश्मीर के नेता शेख अब्दुल्ला और तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के बीच 1949 में हुए समझौतों के तहत आर्टिकल 370 के अंतर्गत 35A प्रावधान भारतीय संविधान में जोड़ा गया।

jammu and kashmir what is article 35a | जम्मू कश्मीर: जानें क्या है आर्टिकल 35A जिसे रद्द करने की हो रही है चर्चा

प्रतीकात्मक फोटो

Highlightsआर्टिकल 35A के तहत जम्मू-कश्मीर सरकार के पास राज्य के स्थायी निवासी की परिभाषा तय करने का अधिकार है। जम्मू कश्मीर के संविधान के मुताबिक, स्थायी नागरिक वह व्यक्ति है जो 14 मई 1954 को राज्य का नागरिक रहा हो।आर्टिकल 370 के तहत जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा दिया गया।

पिछले कुछ दिनों से जम्मू कश्मीर में अचानक हलचल बढ़ गई है। इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। स्कूल कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, उमर अबदुल्ला जैसे बड़े नेताओं को नजरबंद कर दिया गया है। ऐसे में लोगों के बीच 35A को लेकर एक बार फिर बहस शुरू हो गई है। तो आइए जानते हैं क्या है 35A..

आर्टिकल 35A के तहत जम्मू-कश्मीर सरकार के पास राज्य के स्थायी निवासी की परिभाषा तय करने का अधिकार है। वहां के स्थायी नागरिक को मिलने वाले अधिकार और विशेष सुविधाओं की परिभाषा आर्टिकल 35A के तहत ही तय की जा सकती है।

जम्मू कश्मीर के नेता शेख अब्दुल्ला और तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के बीच 1949 में हुए समझौतों के तहत आर्टिकल 370 के अंतर्गत 35A प्रावधान भारतीय संविधान में जोड़ा गया।

इस कानून को संसद में संविधान संशोधन के आर्टिकल 368 के जरिए नहीं जोड़ा गया था बल्कि इस कानून को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद के आदेश के तहत 1954 में शामिल किया गया था।

जम्मू कश्मीर के संविधान के मुताबिक, स्थायी नागरिक वह व्यक्ति है जो 14 मई 1954 को राज्य का नागरिक रहा हो या फिर उससे पहले के 10 सालों से राज्य में रह रहा हो, और उसने वहां संपत्ति हासिल की हो।

आर्टिकल 35A के तहत जम्मू-कश्मीर में बाहरी लोग संपत्ति नहीं खरीद सकते न ही बाहरी लोग राज्य सरकार की नौकरी नहीं कर सकते है।

आर्टिकल 370 के तहत जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा दिया गया। विशेष राज्य का दर्जा मिलने के बाद केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर में सिर्फ रक्षा, विदेश मामले और संचार में ही हस्ताक्षेप कर सकती है। बाकी जम्मू कश्मीर का अलग संविधान है जो 1956 में लागू किया गया।

फिलहाल इस कानून के खिलाफ दायर याचिका सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, लेकिन सरकार कानून बनाकर आर्टिकल 35A को खत्म कर सकती है।

Web Title: jammu and kashmir what is article 35a

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