जम्मू-कश्मीर: अनुच्छेद-370 हटाए जाने के 101वें दिन भी इंटरनेट सेवाएं निलंबित, जनजीवन प्रभावित

By भाषा | Updated: November 13, 2019 17:21 IST2019-11-13T17:21:46+5:302019-11-13T17:21:46+5:30

जम्मू-कश्मीर को दिया गया विशेष दर्जा केंद्र सरकार द्वारा पांच अगस्त रद्द करने और राज्य को दो हिस्सों में बांटने की घोषणा के बाद राज्य में सभी संचार साधनों- लैंडलाइन फोन, मोबाइल फोन सेवाएं और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई थीं।

Jammu and Kashmir: Internet services suspended even on 101st day of Article 370, life affected | जम्मू-कश्मीर: अनुच्छेद-370 हटाए जाने के 101वें दिन भी इंटरनेट सेवाएं निलंबित, जनजीवन प्रभावित

मीडियाकर्मियों ने इंटरनेट सेवाओं को तत्काल बहाल करने की मांग को लेकर मंगलवार को एक विरोध मार्च भी निकाला।

Highlightsकश्मीर में निलंबित इंटरनेट सेवाएं बुध‍वार को 101वें दिन भी पूरी तरह बंद रहीं। इंटरनेट सेवाएं बहाल करने की बढ़ती मांग के बावजूद अधिकारियों ने इस बारे में कुछ नहीं कहा है।

केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 के कई प्रावधानों को रद्द करने के बाद से कश्मीर में निलंबित इंटरनेट सेवाएं बुध‍वार को 101वें दिन भी पूरी तरह बंद रहीं। इसके चलते सामान्य जनजीवन प्रभावित रहा। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। इंटरनेट सेवाएं बहाल करने की बढ़ती मांग के बावजूद अधिकारियों ने इस बारे में कुछ नहीं कहा है।

खासतौर से पत्रकारों द्वारा इंटरनेट सेवाओं की मांग की जा रही है। मीडियाकर्मियों ने इंटरनेट सेवाओं को तत्काल बहाल करने की मांग को लेकर मंगलवार को एक विरोध मार्च भी निकाला। जम्मू-कश्मीर को दिया गया विशेष दर्जा केंद्र सरकार द्वारा पांच अगस्त रद्द करने और राज्य को दो हिस्सों में बांटने की घोषणा के बाद राज्य में सभी संचार साधनों- लैंडलाइन फोन, मोबाइल फोन सेवाएं और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई थीं।

कश्मीर घाटी में हालांकि लैंडलाइन और पोस्टपेड मोबाइल फोन सेवाएं बहाल कर दी गई हैं, लेकिन प्रीपेड मोबाइल फोन और इंटरनेट सेवाएं अभी भी रद्द हैं। अधिकारियों ने बताया कि ऐसी आशंका है कि निहित स्वार्थ के चलते कुछ तत्व घाटी में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगाड़ने के लिए इंटरनेट सेवाओं का गलत इस्तेमाल कर सकते हैं।

उन्होंने बताया कि इन सुविधाओं के बहाल करने के बारे में उचित समय पर निर्णय लिया जाएगा। केंद्र द्वारा पांच अगस्त को लिए गए निर्णय के बाद से ही कश्मीर घाटी में अघोषित बंदी है, जिससे घाटी में सामान्य जनजीवन काफी हद तक प्रभावित हुआ है। अधिकारियों ने बताया कि घाटी में बाजार अब नए ढंग से खुल रहे हैं। दुकानें सुबह जल्दी खुलती हैं और दोपहर तक बंद हो जाती हैं। इस तरह दुकानदार अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि बुधवार को भी ऐसा ही देखने को मिला। उन्होंने कहा कि उपद्रवियों और आतंकवादियों ने व्यापारियों को धमकी देकर दुकानें बंद करा रखी हैं। अधिकारियों ने बताया कि शहर के व्यस्त गोनी खान बाजार और काका सराय इलाकों में हाल में दो ग्रेनेड हमले करके आतंकवादियों ने दुकानदारों को भयभीत किया है। उनके मुताबिक शहर में सार्वजनिक परिवहन अब धीमे-धीमे सामान्य होने लगा है क्योंकि अब मिनी-बस सड़कों पर चलने लगी हैं। जिले के बीच चलने वाली कैब और आटो-रिक्शा भी चल रहे हैं। कश्मीर में सभी प्रमुख अलगाववादी नेताओं को ऐतिहातन हिरासत में लिया गया है। जबकि दो पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती समेत मुख्यधारा के नेताओं को नजरबंद किया गया है।

Web Title: Jammu and Kashmir: Internet services suspended even on 101st day of Article 370, life affected

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