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जम्मू कश्मीर : एलओसी पर हाई अलर्ट, सीमा पार से हमलों की आशंका

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: June 17, 2023 18:04 IST

जम्मू कश्मीर में कई शीर्ष आतंकी और फिदायीन समूह एलओसी के रास्ते घुसपैठ की कोशिश में है, जिसके चलते यहां अलर्ट जारी किया गया है।

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ठळक मुद्देजम्मू कश्मीर में एलओसी पर हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है।एलओसी से सटे कुपवाड़ा में सेना ने शुक्रवार को पांच आतंकियों को मार गिराया था।पाकिस्तानी सेना व पाक की बॉर्डर एक्शन टीम (बैट) हमले की योजना बना रही है।

जम्मू: जम्मू कश्मीर में एलओसी पर हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। जानकारी के मुताबिक, जम्मू कश्मीर में कई शीर्ष आतंकी और फिदायीन समूह एलओसी के रास्ते घुसपैठ की कोशिश में है, जिसके चलते यहां अलर्ट जारी किया गया है।

इससे पहले एलओसी से सटे कुपवाड़ा में सेना ने कल पांच आतंकियों को मार गिराया था। मंगलवार को भी दो घुसपैठिए इसी सेक्टर में मारे गए  थे। सेनाधिकरी कहते थे कि यहां बड़ी संख्या में हथियारों से लैस आतंकी एलओसी पार करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन समय रहते सुरक्षा बलों को इसकी भनक लग गई। इसके बाद सेना ने अपनी घेराबंदी मजबूत कर दी और दोनों तरफ से कई घंटों तक भारी फायरिंग होती रही।

पिछले कुछ दिनों से पाक सेना द्वारा बार-बार संघर्ष विराम को दांव पर लगा कर घुसपैठ के प्रयास के साथ-साथ भारतीय सेना का ध्यान भटकाने में लगी हुई है। खुफिया एजेंसियों के अनुसार, पाकिस्तानी सेना व पाक की बॉर्डर एक्शन टीम (बैट) हमले की योजना बना रही है।

इस बीच अब जबकि एलओसी पर बर्फ पिघलने लगी है, घुसपैठ का खतरा भयानक रूप से मंडराने लगा है। अधिकारियों ने इसे माना है कि कश्मीर के कई सेक्टरों से कुछ आतंकियों के पिछले दिनों घुसने में कामयाब होने की अपुष्ट खबरें हैं और उनके खात्मे के लिए सेना बहुत बडे़ अभियान को भी छेड़ चुकी है।

रक्षाधिकारियों के बकौल, घुसपैठ की घटनाएं पुनः न हो इसके लिए बर्फ के पूरी तरह से पिघलने से पहले ही पारंपारिक घुसपैठ के रास्तों पर नजर रखने के लिए अतिरिक्त सुरक्षाबलों को तैनात कर देना जरूरी है। कितने अतिरिक्त सैनिकों को एलओसी और बार्डर पर भेजा गया है कोई आंकड़ा सरकारी तौर पर मुहैया नहीं करवाया गया है पर सूत्र कहते हैं कि ये संख्या हजारों में है।

इतना जरूर है कि सेना को एलओसी पर घुसपैठ तथा कश्मीर के भीतर आंतरिक आतंकवाद विरोधी अभियानों के दोहरे मोर्चे पर जूझने के लिए अब सेना सैनिकों की कमी इसलिए महसूस कर रही है क्योंकि उसकी सूचनाएं कहती हैं कि आतंकवादी एकसाथ दोहरा मोर्चा खोल सेना के लिए मुसीबतें पैदा कर सकते हैं।

इसकी खातिर सेना को आतंकवाद विरोधी अभियानों में जुटे हुए सैनिकों को भी हटा कर एलओसी पर भेजने की मजूबरी के दौर से गुजरना पड़ रहा है। जबकि उसे अब दो महीनों तक अमरनाथ यात्रा के मोर्चे पर भी जूझना होगा।

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