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जैश-ए-मोहम्मद के 21 आतंकियों ने दिसंबर में ही कश्मीर में की थी घुसपैठ, पीएम मोदी को दी थी ये धमकी

By पल्लवी कुमारी | Updated: February 19, 2019 09:48 IST

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले के पिंगलिना क्षेत्र में सेना के जवानों और आतंकियों के बीच 19 फरवरी को हुई मुठभेड़ में मेजर समेत पांच जवान शहीद हो गए। 18 घंटे तक चली मुठभेड़ में सेना की राष्ट्रीय राइफल्स 55 और पैरा फोर्सेज की टीम ने तीन आतंकियों को मार गिराया है। जिसमें जैश-ए-मोहम्मद के दो टॉप कमांडर भी शमिल हैं।

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ठळक मुद्दे जैश के दोनों ग्रुप ने मिलकर भारत में 16 गाड़ियां खरीदी थीं। जिनके के रजिस्ट्रेशन नंबर 1990 और 1995 के बीच के थे। इन सारे आतंकियों को बहुत कड़ी ट्रेनिंग दी जाती है। भारी हथियारों से लैस ये टीम कश्मीर में घुसते ही दो भागों में बंट गए थे।जम्मू-कश्मीर के पुलवामा 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले में अब तक 40 जवानों शहीद हुए हैं।

पाकिस्तानी आतंवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के 21 आतंकी साल 2018 के दिसंबर महीने में ही कश्मीर में एंट्री की थी। टाइम्स ऑफ इंडिया के सूत्रों द्वारा से पता चला है कि ये भारत में आतंक फैलाने के मकसद ने कश्मीर में  घुसपैठ किए हैं। इन 21 आतंकियों में से आलिद अहमद डार भी शामिल था, जिसने पुलवामा के आतंकी हमले को अंजाम दिया था। 14 फरवरी को हुए पुलवामा आंतकी हमले में 40 जवान शहीद हुए थे।  

कश्मीर से बाहर भी आत्मघाती हमलें की थी प्लानिंग 

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, जैश के इस 21 लोगों की टीम में 3 आत्मघाती हमलावर भी शामिल थे। जो भारत में तीन आत्मघाती हमले के प्लानिंग के साथ आए थे। इनमें से दो की योजना कश्मीर घाटी के बाहर की थी। 

21 आतंकियों की टीम को जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मसूद अजहर के भतीजे मोहम्मद उमैर लीड कर रहा था। गाजी गाजी रशीद उर्फ कामरान भी शामिल था, जो 18 फरवरी को पुलवामा में हुए मुठभेड़ में मारा गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गाजी रशीद ही पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमले का मास्टरमाइंड था। 

अफजल गुरु का बदला लेने के लिए भेजा गया था भारत

सूत्रों के मुताबिक इन आतंकियों को अजहर मसूद के दूसरे भतीजे उस्मान हैदर और 2001 में हुए संसद हमलों के दोषी अफजल  गुरु का बदला लेने के लिए भेजा गया था। जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के तथाकथित तरीके के तहत आत्मघाती मिशन के लिए पर्चियों में ग्रुप के सदस्यों के उर्दू में नाम लिखकर चुना जाता था। 

राम मंदिर के लिए मोदी को पाकिस्तान रैली में मिली थी धमकी!

5 फरवरी 2019 को पाकिस्तान में एक सार्वजनिक रैली में अजहर के छोटे भाई रऊफ़ अज़गर ने भारत में आत्मघाती हमलों के लिए चेतावनी दी थी। मोदी सरकार को धमकी देते हुए  रऊफ़ अज़गर ने कहा था, ''मोदी सरकार ने अयोध्या में राम मंदिर बनवाया तो अंजाम बहुत बूरा होगा।"

कश्मीर में घुसपैठ करते ही दो भागों में बंटा आतंकी टीम

इन सारे आतंकियों को बहुत कड़ी ट्रेनिंग दी जाती है। भारी हथियारों से लैस ये टीम कश्मीर में घुसते ही दो भागों में बंट गया। इसमें एक लीडर मुद्दसिर खान था। दूसरे का लीडर शहीद बाबा था। एक फरवरी को पुलवामा के द्रुवगाम में हुए एनकाउंटर में शहीद बाबा मारा गया था। जबकि तीन फिदायीन हमलावरों में से स्थानीय कश्मीरी आदिल अहमद डार को 14 फरवरी को बम ब्लास्ट करने के लिए लगाया गया था। बाकी दोनों फिदायीन हमलावरों को जम्मू और दूसरी जगहों पर हमले के लिए तैयार किया गया था। 

जैश के आतंकियों ने 16 पुरानी गाड़ियां खरीदी थीं 

टाइम्स ऑफ इंडिया के सूत्रों के मुताबिक, जैश के दोनों ग्रुप ने मिलकर भारत में 16 गाड़ियां खरीदी थीं। जिनके के रजिस्ट्रेशन नंबर 1990 और 1995 के बीच के थे। पुराने गाड़ियों को खरीदने का लॉजिक साफ था ताकि वो नजर में ना आए और पकड़े ना जाए।

हाफिज सईद ने भी पीएम मोदी को दी थी धमकी

पाकिस्तान के किसी य-ट्यूब चैनल पर पांच फरवरी को एक वीडियो अपलोड की गई है। ये वीडियो उस वक्त की है, जब फरवरी में कुछ दिन पहले जैश ए मोहम्मद ने पाकिस्तान के प्रमुख शहर कराची, लाहौर में रैली की थी। इस रैली में ये ऐलान किया गया था कि जैश-ए-मोहम्मद ने आत्मघाती हमलावरों के सात दस्ते भारत के अलग-अलग शहरों में भेज दिए हैं। 

इस वीडियो में हाफिज सईद बोलते हुए दिख रहा है, ''सुन लो मोदी कश्मीर से अपनी फौज लेकर भाग जाओ, अगर नहीं जाओगे तो अंजाम देखने के लिए तैयार रहना। अगर नहीं जाएगा तो तुझे बहुत कुछ सोचना पड़ेगा। ये फैसला अब तेरा है तू फैसला कर ले...''

18 घंटे तक चली मुठभेड़ में सेना के पांच जवान सहित दो जैश के आतंकी मारे गए 

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले के पिंगलिना क्षेत्र में सेना के जवानों और आतंकियों के बीच 18 फरवरी को हुई मुठभेड़ में मेजर समेत पांच जवान शहीद हो गए। शहीदों में राजस्थान के रहने वाले एस। राम का नाम भी शामिल है। शहीद हुए एस। राम का पार्थिव शरीर देर 18 फरवरी की रात राजस्थान पहुंचा। 18 घंटे तक चली मुठभेड़ में सेना की राष्ट्रीय राइफल्स 55 और पैरा फोर्सेज की टीम ने तीन आतंकियों को मार गिराया है। जिसमें जैश-ए-मोहम्मद के दो टॉप कमांडर भी शमिल हैं। इस मुठभेड़ में कश्मीर के दो आम नागरिक की भी मौत हो गई है।

14 फरवरी को पुलवामा आतंकी हमले में 40 जवान हुए थे शहीद  

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले में अब तक 40 जवानों शहीद हुए हैं। जिनमें से 38 जवानों को श्रद्धांजलि दी गई है और 42 जवानों के नाम सामने आए हैं। इस आतंकवादी हमले में 40 से ज्यादा जवान घायल हुए हुए हैं। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार सीआरपीएफ की बसों पर आतंकवादियों ने निशाना बनाया और उन्हें आईईडी से उड़ा दिया। ऐसा माना जाता है कि इस पूरे हमले की योजना एक पाकिस्तानी नागरिक कामरान ने बनायी थी जो जैश ए मोहम्मद का सदस्य है । कामरान, दक्षिण कश्मीर के पुलवामा, अवंतीपुरा तथा त्राल इलाके में सक्रिय है।

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