भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक ट्रक को रविवार को कथित तौर पर श्रमिकों ने ''नोक्कू-कुली'' वसूले जाने के लिए रोक लिया। हालांकि, बाद में पुलिस के हस्तक्षेप के बाद ट्रक को जाने दिया गया। केरल उच्च न्यायालय ने कुछ दिन पहले ही राज्य को श्रमिक संघों द्वारा कथित तौर पर ''नोक्कू-कुली'' वसूले जाने की प्रथा पर प्रभावी तरीके से अंकुश लगाने के निर्देश दिए थे, जिसके बाद इसरो का ट्रक रोके जाने का मामला सामने आया है। इसरो की एक कर्मचारी राजेश्वरी के मुताबिक, उन्हें दोपहर से पहले ट्रक का सामान उतारने का काम सौंपा गया था लेकिन कुछ लोगों ने यहां थुंबा में विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) में ट्रक को प्रवेश करने से रोका और वाहन को अंदर ले जाने से पहले पैसे की मांग की। राजेश्वरी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि सामान काफी भारी था और केवल हाइड्रोलिक प्रणाली के जरिए इसे उतारना मुमकिन नहीं था। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद कुछ लोगों ने ट्रक को अंदर ले जाने के लिए रकम की मांग की। उन्होंने कहा कि वीएसएससी की स्थापना स्थानीय निवासियों की भूमि का अधिग्रहण करने के बाद की गई थी और तब से ही माल आने पर उन्हें पैसे दिए जाने की प्रथा रही। राजेश्वरी ने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि यह प्रथा बंद हो जाएगी। उन्होंने कहा कि वह पुलिस में शिकायत दर्ज कराएंगी। राजेश्वरी ने कहा कि एक श्रम अधिकारी ने घटनास्थल का दौरा किया और लोगों से बात की। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ पुलिस एवं सरकारी अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद मुद्दा सुलझ सका। पुलिस ने बताया कि इसरो से शिकायत मिलने के बाद वे मौके पर पहुंचे और पाया कि वीएसएससी में श्रमिकों ने ट्रक को प्रवेश करने से रोका। थुंबा पुलिस थाने के एक अधिकारी ने कहा कि आयुक्त समेत अन्य पुलिस अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद मामला सुलझा और श्रमिक मौके से चले गए। गौरतलब है कि संगठित श्रमिक संघों द्वारा जबरन वसूल की जाने वाली राशि को नोक्कू-कुली कहा जाता है। राज्य सरकार ने एक मई 2018 को इस चलन पर रोक लगा दी थी।
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