Kerala High Court: सिर्फ महिलाओं की नहीं, पुरुषों में भी ‘गौरव’’ और ‘गरिमा’?, हाईकोर्ट ने अभिनेता-निर्देशक बालचंद्र मेनन को 2007 मामले में दी जमानत

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 11, 2024 08:21 PM2024-12-11T20:21:57+5:302024-12-11T20:23:16+5:30

Kerala High Court: न्यायमूर्ति पी वी कुन्हीकृष्णन ने अभिनेता की अग्रिम जमानत याचिका को स्वीकार करते हुए यह टिप्पणी की। न्यायमूर्ति हेमा समिति की रिपोर्ट जारी होने के बाद इस वर्ष सितंबर में अभिनेता के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।

Kerala High Court Pride' and dignity not only women but also men High Court grants bail to actor-director Balachandra Menon in 2007 case | Kerala High Court: सिर्फ महिलाओं की नहीं, पुरुषों में भी ‘गौरव’’ और ‘गरिमा’?, हाईकोर्ट ने अभिनेता-निर्देशक बालचंद्र मेनन को 2007 मामले में दी जमानत

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Highlightsस्वीकृत तथ्य है कि पीड़िता ने कथित घटना के 17 साल बाद शिकायत दर्ज कराई।महिला के बयान के आधार पर और वह भी 17 साल बाद दर्ज किया गया है।दो सप्ताह के भीतर जांच अधिकारी के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया।

Kerala High Court: केरल उच्च न्यायालय ने वरिष्ठ अभिनेता एवं निर्देशक बालचंद्र मेनन को 2007 में एक फिल्म के शूट के दौरान एक महिला कलाकार के कथित शीलभंग के मामले में बुधवार को अग्रिम जमानत देते हुए कहा कि सिर्फ महिलाओं की नहीं, बल्कि पुरुषों का भी ‘‘गौरव’’ और उनकी भी ‘‘गरिमा’’ होती है। न्यायमूर्ति पी वी कुन्हीकृष्णन ने अभिनेता की अग्रिम जमानत याचिका को स्वीकार करते हुए यह टिप्पणी की। न्यायमूर्ति हेमा समिति की रिपोर्ट जारी होने के बाद इस वर्ष सितंबर में अभिनेता के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।

मेनन ने अपनी याचिका में तर्क दिया था कि शिकायत 2007 में कथित घटना की तारीख से 17 साल बाद की गई और इसका उद्देश्य उनकी छवि खराब करना है। अदालत ने कहा कि उनकी दलीलों में ‘‘दम’’ है क्योंकि यह स्वीकार्य तथ्य है कि कथित घटना 2007 में हुई थी। उसने कहा, ‘‘यह एक स्वीकृत तथ्य है कि पीड़िता ने कथित घटना के 17 साल बाद शिकायत दर्ज कराई।

यह एक स्वीकृत तथ्य है कि याचिकाकर्ता (मेनन) एक प्रसिद्ध सिने कलाकार हैं। उन्होंने लगभग 40 फिल्मों का निर्देशन किया और उन्हें दो राष्ट्रीय पुरस्कार मिले। उन्हें राष्ट्र द्वारा पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया।’’ न्यायमूर्ति कुन्हीकृष्णन ने कहा, ‘‘मौजूदा मामला एक महिला के बयान के आधार पर और वह भी 17 साल बाद दर्ज किया गया है।

यह सच है कि जांच जारी है लेकिन सभी को यह याद रखना चाहिए कि गौरव और गरिमा केवल महिलाओं की ही नहीं, बल्कि पुरुषों की भी होती है।’’ अदालत ने कहा कि यह ‘‘न्याय के हित में’’ याचिकाकर्ता को जमानत देने का उपयुक्त मामला है। न्यायालय ने मेनन को पूछताछ के लिए बुधवार से दो सप्ताह के भीतर जांच अधिकारी के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया।

अदालत ने कहा, ‘‘पूछताछ के बाद यदि जांच अधिकारी याचिकाकर्ता (मेनन) को गिरफ्तार करने का प्रस्ताव रखता है, तो उन्हें गिरफ्तार करने वाले संबंधित अधिकारी की संतुष्टि के लिए अभिनेता को 50,000 रुपये के मुचलके और समान राशि के दो जमानतदारों पर जमानत पर रिहा किया जाएगा।’’

उसने निर्देश दिया कि मेनन आवश्यक पड़ने पर पूछताछ के लिए जांच अधिकारी के समक्ष उपस्थित होंगे, जांच में सहयोग करेंगे और ‘‘मामले के तथ्यों से परिचित किसी भी व्यक्ति को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कोई प्रलोभन या धमकी नहीं देंगे...।’’

Web Title: Kerala High Court Pride' and dignity not only women but also men High Court grants bail to actor-director Balachandra Menon in 2007 case

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