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इसरो ने लॉन्च किया 'कार्टोसैट-3', अंतरिक्ष में भारत की 'आंख' बन ऐसे रखेगा पूरी दुनिया पर नजर

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 27, 2019 09:37 IST

इसरो प्रमुख के सिवन ने भारत के उपग्रह ‘कार्टोसैट-3’ के प्रक्षेपण से पहले मंगलवार को तिरुपति स्थित तिरुमाला मंदिर में पूजा-अर्चना करने गए थे।

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ठळक मुद्देपीएसएलवी-सी47 की यह 49वीं उड़ान है जो कार्टोसैट-3 के साथ अमेरिका के वाणिज्यिक उद्देश्य वाले 13 छोटे उपग्रहों को लेकर अंतरिक्ष में जाएगा।कार्टोसैट-3 तीसरी पीढ़ी का बेहद चुस्त और उन्नत उपग्रह है जिसमें हाई रिजोल्यूशन तस्वीर लेने की क्षमता है।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कार्टोसेट उपग्रहों की सीरीज की नवीनतम तीसरी पीढ़ी के उपग्रह कार्टोसेट-3 को लॉन्च कर दिया है। इसरो ने बुधवार की सुबह को श्रीहरिकोटा से पृथ्वी के चित्रण और मानचित्रण उपग्रह ‘कार्टोसैट-3’ के साथ ही अमेरिका के 13 अन्य छोटे उपग्रहों को प्रक्षेपित किया है। अंतरिक्ष एजेंसी ने 27 नवंबर यानी आज की सुबह नौ बजकर 28 मिनट पर कार्टोसैट-3 का प्रक्षेपण किया। यह कार्टोसैट श्रृंखला का नौवां उपग्रह है जिसे यहां से 120 किलोमीटर दूर श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के द्वितीय लांच पैड से प्रक्षेपित किया गया है।

इसरो ने इसके बारे में मंगलवार को जानकारी देते हुए कहा था, ‘‘पीएसएलवी-सी47 अभियान के प्रक्षेपण के लिए श्रीहरिकोटा में आज सुबह सात बजकर 28 मिनट पर 26 घंटे की उल्टी गिनती शुरू हो गई । इसे 27 नवंबर बुधवार को सुबह नौ बजकर 28 मिनट पर प्रक्षेपित किया जाना है ।’’

देखें कार्टोसैट-3 के लॉन्चिंग का वीडियो

जानें  कार्टोसैट-3 के बारे में (Know About Cartosat-3)

पीएसएलवी-सी47 की यह 49वीं उड़ान है जो कार्टोसैट-3 के साथ अमेरिका के वाणिज्यिक उद्देश्य वाले 13 छोटे उपग्रहों को लेकर अंतरिक्ष में जाएगा । कार्टोसैट-3 तीसरी पीढ़ी का बेहद चुस्त और उन्नत उपग्रह है जिसमें हाई रिजोल्यूशन तस्वीर लेने की क्षमता है। इसका भार 1,625 किलोग्राम है और यह बड़े पैमाने पर शहरी नियोजन, ग्रामीण संसाधन और बुनियादी ढांचे के विकास, तटीय भूमि के उपयोग तथा भूमि कवर के लिए उपभोक्ताओं की बढ़ती मांग को पूरा करेगा।

इसरो ने कहा है कि पीएसएलवी-सी47 ‘एक्सएल’ कनफिगरेशन में पीएसएलवी की 21वीं उड़ान है। न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड, अंतरिक्ष विभाग के वाणिज्यिक प्रबंधों के तहत इस उपग्रह के साथ अमेरिका के 13 नैनो वाणिज्यिक उपग्रहों को भी प्रक्षेपित किया जा रहा है। इसरो ने बताया कि श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से यह 74वां प्रक्षेपण यान मिशन होगा। कार्टोसैट-3 का जीवनकाल पांच साल का होगा। कार्टोसैट-3 तथा 13 अन्य नैनो उपग्रहों का प्रक्षेपण गत 22 जुलाई को चंद्रयान -2 के प्रक्षेपण के बाद हो रहा है। 

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