"भारत में इज़रायल-हमास युद्ध का उपयोग 'ध्रुवीकरण' के लिए हो रहा है", एनसीपी नेता ने असम सीएम हिमंता के बयान पर कहा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: October 19, 2023 03:41 PM2023-10-19T15:41:28+5:302023-10-19T15:47:10+5:30
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के बयान की आलोचना करते हुए एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि भारत में इज़रायल-हमास युद्ध को लेकर 'ध्रुवीकरण' का प्रयास किया जा रहा है।
मुंबई: इजरायल-हमास युद्ध को लेकर भारत में सियासत तेज हो गई है। एक तरफ भाजपा इजरायल का नौतिक रूप से समर्थन कर रही है, वहीं कांग्रेस और एनसीपी समेत कई विपक्षी दल फिलिस्तीन की संप्रभुता को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं। इसी क्रम में असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा का एनसीपी नेता शरद पवार और सुप्रिया सुले के संबंध में दिये बयान को लेकर काफी गहमागहमी मची हुई है।
एनसीपी नेता जितेंद्र आव्हाड ने गुरुवार को कहा कि भारत में इज़रायल-हमास युद्ध को लेकर 'ध्रुवीकरण' का प्रयास किया जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने असम के मुख्यमंत्री सरमा पर हमला करते हुए कहा कि लोग न तो असम के मुख्यमंत्री और न ही भाजपा को गंभीरता से लेते हैं।
आव्हाड ने कहा, "क्योंकि फिलिस्तीन मुसलमानों से जुड़ा हुआ है। इस काणर से मुस्लिम नफरत को भारत में भी फैलाया जा रहा है। यह उनके दिमाग में एकमात्र योजना है। इस युद्ध को भारत में ध्रुवीकरण उपकरण के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।"
इसके साथ ही एनसीपी नेता ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि हिमंत बिस्वा सरमा जैसे लोगों को गंभीरता से लेने की जरूरत है, जिनके मन में नफरत है और जो नहीं जानते कि अंतरराष्ट्रीय राजनीति क्या है।"
दरअसल जितेंद्र आव्हाड असम के मुख्यमंत्री द्वारा एनसीपी प्रमुख शरद पवार के खिलाफ की गई टिप्पणी का जिक्र कर रहे थे, जिसमें पवार ने फिलिस्तीन समर्थक हमास के खिलाफ युद्ध कर रहे इजरायल के समर्थन में खड़े होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना है।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शरद पवार के बयान को लेकर पवार और उनकी बेटी सुप्रिया सुले पर निशाना साधा था। सीएम सरमा ने कहा, ''मुझे लगता है कि शरद पवार हमास के लिए लड़ने के लिए सुप्रिया सुले को गाजा भेजेंगे।''
वहीं मुख्यमंत्री सरमा के इस बयान पर बारामती से लोकसभा सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि भाजपा को ऐसी टिप्पणी करने से पहले शरद पवार के भाषण को ध्यान से सुनने की जरूरत है।
सुले ने कहा, "मैं आश्चर्यचकित हूं क्योंकि हिमंत बिस्वा सरमा का डीएनए मेरे जैसा ही है। वह भी मूल रूप से कांग्रेस से हैं। उनका और मेरा डीएनए एक ही है। आप जानते हैं कि भाजपा महिलाओं के प्रति कैसे अपमानजनक है। लेकिन मुझे हिमंत बिस्वा सरमा से उम्मीदें थीं। आश्चर्य है कि महिलाओं के प्रति उनका यह बदलाव और दृष्टिकोण कहां से आया है, शायद बीजेपी में जाना उन्हें थोड़ा परेशान कर रहा है।"
मालूम हो कि बीते 15 अक्टूबर को मुंबई में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने कहा था कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्रियों की भूमिका फिलिस्तीन की मदद करना था। जवाहरलाल नेहरू, राजीव गांधी, इंदिरा गांधी से लेकर अटल बिहारी वाजपेयी तक ने फिलिस्तीन की मदद की थी। पहली बार इस देश के प्रधानमंत्री ने इजराइल की भूमिका का समर्थन किया। एनसीपी का रुख स्पष्ट होना चाहिए। हम उसके साथ खड़े हैं, जो लोग मूल रूप से उस भूमि के है।"